सूरजपुर: गायत्री मंदिर स्थित गौशाला में रविवार को गोपाष्टमी की पूजा आयोजित की गई. जिसमें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय और प्रदेश बीजेपी संगठन मंत्री पवन साय भी शामिल हुए. गौशाला में विष्णुदेव साय ने गौमाता की पूजा की और आरती उतार कर गुड़ और फल के साथ घास खिलाया. साय ने प्रदेश की खुशहाली के लिए प्रार्थना भी की. कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी के दिन गौमाता और बछड़े की पूजा की जाती है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन गौमाता की पूजा करने से मन चाहा फल मिलता है.
गोपाष्टमी शुभ मुहूर्त
गोपाष्टमी शनिवार 21 नवंबर को रात 9:48 से शुरू हो चुकी है. लेकिन उदया तिथि 22 नवंबर होने की वजह से गोपाष्टमी रविवार को ही मनाई जा रही है. इसका समापन 22 नवंबर को रात 10 बजकर 51 मिनट पर होगा.
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गोपाष्टमी पूजा विधि
गोपाष्टमी के दिन सुबह गौमाता को जल से नहलाएं. इसके बाद रोली और चंदन से गौमाता का तिलक करें. फिर गौमाता के पैर छूकर आशीर्वाद लें. पूजा में फूल, मेहंदी, अक्षत और धूप का विशेष रूप से इस्तमाल किया जाता है. पूजा के बाद ब्राम्हण और ग्वालों को दान दें. उनका आदर सम्मान करें. इसके बाद गौमाता को प्रसाद का भोग लगाएं.
ब्रज, गोकुल और मथुरा में भी गोपाष्टमी की धूम
बता दें यह गोपाष्टमी का पर्व गोकुल, मथुरा, ब्रज और वृंदावन में मुख्य रूप से मनाया जाता है. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में भी गोपाष्टमी का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.