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सूरजपुर: वैक्सीन से बच्चों की मौत के बाद रुनियाडीह पहुंचा प्रशासन - CMHO

रुनियाडीह में 7 तारीख को टीका लगने के बाद दो महीने के बच्चे की मौत हो गई थी. जिसके बाद शनिवार को स्वास्थ्य अमला जिला प्रशासन के साथ रुनियाडीह गांव पहुंचा.

administration reached runiyadih
रुनियाडीह पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी
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Published : Jan 9, 2021, 10:07 PM IST

सूरजपुर: रुनियाडीह में 7 जनवरी को टीका लगने के बाद दो महीने के बच्चे की मौत हो गई थी. बच्चे की मौत की खबर लगने के बाद शनिवार को जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम रुनियाडीह गांव जांच के लिए पहुंची. जिसमें जिला पंचायत CEO भी शामिल थे. जिला मुख्यालय से लगे रुनियाडीह के अनिता टेकराम की दो महीने के बच्चे को ANM ने 5 जनवरी को टीका लगाया था. जिसके बाद 7 जनवरी को उसकी मौत हो गई. लिहाजा परिजनों ने मौत की वजह बच्चे को लगे टीके को बताया है.

रुनियाडीह पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी

प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि एक ही दिन एक ही शीशी से इसी गांव में 7 बच्चों को टीका लगाया गया था. बाकी बच्चे स्वस्थ हैं. CMHO का कहना है कि बच्चे की मौत टीका लगने से नहीं हुई है. बच्चे के सांस नली में दूध का कुछ हिस्सा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मिला है. उसी के कारण बच्चे की मौत हुई है.

पढ़ें: जानलेवा वैक्सीन! टीका लगाने के बाद 5 महीने में 5 बच्चों की मौत

ग्रामीणों में आक्रोश

पिछले पांच महीने में पांच मासूमों की मौत के बाद बच्चों के परिजन सदमे में हैं. इधर, स्वास्थ्य विभाग गैरजिम्मेदाराना बयान दे रहा है. स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों का कहना है कि ग्रामीण बच्चों की तबीयत खराब होने के बाद डॉक्टर को दिखाने में लेट करते हैं. जिसकी वजह से बच्चों की मौत हो रही है.

कलेक्टर और एसपी तक पहुंचा मामला

पिछले एक साल में करीब 4 हजार 500 बच्चों का टीकारण किया गया है. वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं. हलांकि स्वास्थ्य महकमा भी यह बात मान रहा है कि वैक्सीन में एक-दो प्रतिशत रिएक्शन की गुंजाइश रहती है. वहीं पूरा मामला अब जिले के कलेक्टर और एसपी के पास पहुंच गया है. जिसके बाद अब पूरे मामले की जांच कर कारवाई की बात कही जा रही है.

सूरजपुर: रुनियाडीह में 7 जनवरी को टीका लगने के बाद दो महीने के बच्चे की मौत हो गई थी. बच्चे की मौत की खबर लगने के बाद शनिवार को जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम रुनियाडीह गांव जांच के लिए पहुंची. जिसमें जिला पंचायत CEO भी शामिल थे. जिला मुख्यालय से लगे रुनियाडीह के अनिता टेकराम की दो महीने के बच्चे को ANM ने 5 जनवरी को टीका लगाया था. जिसके बाद 7 जनवरी को उसकी मौत हो गई. लिहाजा परिजनों ने मौत की वजह बच्चे को लगे टीके को बताया है.

रुनियाडीह पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी

प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि एक ही दिन एक ही शीशी से इसी गांव में 7 बच्चों को टीका लगाया गया था. बाकी बच्चे स्वस्थ हैं. CMHO का कहना है कि बच्चे की मौत टीका लगने से नहीं हुई है. बच्चे के सांस नली में दूध का कुछ हिस्सा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मिला है. उसी के कारण बच्चे की मौत हुई है.

पढ़ें: जानलेवा वैक्सीन! टीका लगाने के बाद 5 महीने में 5 बच्चों की मौत

ग्रामीणों में आक्रोश

पिछले पांच महीने में पांच मासूमों की मौत के बाद बच्चों के परिजन सदमे में हैं. इधर, स्वास्थ्य विभाग गैरजिम्मेदाराना बयान दे रहा है. स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों का कहना है कि ग्रामीण बच्चों की तबीयत खराब होने के बाद डॉक्टर को दिखाने में लेट करते हैं. जिसकी वजह से बच्चों की मौत हो रही है.

कलेक्टर और एसपी तक पहुंचा मामला

पिछले एक साल में करीब 4 हजार 500 बच्चों का टीकारण किया गया है. वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं. हलांकि स्वास्थ्य महकमा भी यह बात मान रहा है कि वैक्सीन में एक-दो प्रतिशत रिएक्शन की गुंजाइश रहती है. वहीं पूरा मामला अब जिले के कलेक्टर और एसपी के पास पहुंच गया है. जिसके बाद अब पूरे मामले की जांच कर कारवाई की बात कही जा रही है.

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