सुकमा: सुकमा में आत्मसमर्पित नक्सलियों को रोजगार देने के लिए शुरू की गई इमली प्रसंस्करण प्रोजेक्ट अधर में लटक गई है. जिसकी वजह से सरकार की मुहिम को बड़ा झटका लगा है. बता दें कि साल 2016 में जिला प्रशासन और वन विभाग ने इमली प्रोसेसिंग यूनिट की शुरुआत की थी.
सरकार का उदेश्य था कि इस प्रोजेक्ट के माध्यम से इमली प्रसंस्करण केंद्र में आत्मसमर्पित नक्सलियों को स्वरोजगार और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाए.लेकिन हकीकत में प्रोसेसिंग यूनिट शुरू होने से पहले ही इस प्रोजेक्ट पर ताला लग गया है.
परियोजना में तीस लाख से ज्यादा का खर्च
इस योजना के तहत प्रशासन ने करीब तीस लाख से भी ज्यादा की राशि खर्च की है. इमली प्रसंस्करण केंद्र के लिए एनएमडीसी के सीएसआर की बड़ी राशि भवन निर्माण में खर्च की गई. वहीं मशीनों और अन्य जरूरी उपकरणों की खरीदी में भी लाखों रुपए पानी की तरह बहाए गए. प्रशासन और वन विभाग ने जितनी तत्परता राशि के ट्रांसफर और खर्च में दिखाई उतनी गंभीरता प्रोजेक्ट को लागू करने में नहीं दिखाई
सुकमा कलेक्टर चंदन कुमार ने इस प्रोजेक्ट को दोबारा शुरू करने की बात कही है. और बताया है कि जिला प्रशासन इसको लेकर गंभीर है.