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सुकमा : 2016 में आदेश जारी होने के बाद आज तक पूरी नहीं बन पाई सड़क, रहवासियों ने कलेक्टर से की शिकायत

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Published : Mar 6, 2019, 12:42 PM IST

सुकमा : लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों की लापरवाही से शहर के लोगों को सड़क निर्माण की समस्या से जूझना पड़ रहा है. मस्तानपार से पावारास के बीच बन रही सड़क का निर्माण काफी धीमी गति से हो रहा है, जिससे नगरवासियों को काफी परेशानियां हो रही हैं.

रहवासियों ने कलेक्टर से की शिकायत

सड़क निर्माण के अधूरे काम से नाराज वार्ड 14 के लोग जिला कार्यालय पहुंचे और कलेक्टर चंदन कश्यप को शिकायत पत्र सौंपा. वार्डवासियों का कहना है कि ढाई साल से मस्तानपार से पावारास के बीच बायपास मार्ग अधूरा पड़ा है. अधूरे सड़क निर्माण से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है आए दिन सड़क हादसे होते रहते हैं.

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लोगों ने ठेकेदार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ठेकेदार इस सड़क को बनाने में भारी लापरवाही बरत रहा है, उक्त सड़क पर न ही रोलर चलाया जा रहा है और न ही पानी का छिड़काव किया जा रहा है. ऐसे में हमेशा धूल उड़ने की समस्या बनी रहती है. जिसका स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है.


दरअसल, जिला मुख्यालय के मस्तानपारा से पावारास के बीच सड़क निर्माण के लिए सरकार ने 5 करोड़ 91 लाख की राशि स्वीकृत की गई थी. 15 महीने के अंदर काम पूरा करने की अवधि के साथ 5 अक्टूबर 2016 में विभाग ने निर्माण कंपनी को कार्यादेश जारी किया गया था.


आदेश जारी होने के 7-8 महीने तक ठेकेदार ने सड़क का काम शुरू नहीं किया. लोगों की आपत्ति के बाद विभाग ने काम शुरू करवाने दबाव बनाया, लेकिन काम शुरू तो हुआ, लेकिन वो इतनी धीमी गति से हो रहा है कि अधूरी सड़क लोगों के लिए मुसीबत बनती जा रही है.

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सड़क निर्माण के अधूरे काम से नाराज वार्ड 14 के लोग जिला कार्यालय पहुंचे और कलेक्टर चंदन कश्यप को शिकायत पत्र सौंपा. वार्डवासियों का कहना है कि ढाई साल से मस्तानपार से पावारास के बीच बायपास मार्ग अधूरा पड़ा है. अधूरे सड़क निर्माण से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है आए दिन सड़क हादसे होते रहते हैं.

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लोगों ने ठेकेदार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ठेकेदार इस सड़क को बनाने में भारी लापरवाही बरत रहा है, उक्त सड़क पर न ही रोलर चलाया जा रहा है और न ही पानी का छिड़काव किया जा रहा है. ऐसे में हमेशा धूल उड़ने की समस्या बनी रहती है. जिसका स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है.


दरअसल, जिला मुख्यालय के मस्तानपारा से पावारास के बीच सड़क निर्माण के लिए सरकार ने 5 करोड़ 91 लाख की राशि स्वीकृत की गई थी. 15 महीने के अंदर काम पूरा करने की अवधि के साथ 5 अक्टूबर 2016 में विभाग ने निर्माण कंपनी को कार्यादेश जारी किया गया था.


आदेश जारी होने के 7-8 महीने तक ठेकेदार ने सड़क का काम शुरू नहीं किया. लोगों की आपत्ति के बाद विभाग ने काम शुरू करवाने दबाव बनाया, लेकिन काम शुरू तो हुआ, लेकिन वो इतनी धीमी गति से हो रहा है कि अधूरी सड़क लोगों के लिए मुसीबत बनती जा रही है.

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Intro:ढाई साल से अधूरी पड़ी है शहर की सड़क, वार्डवासियों ने कलेक्टर से शिकायत कर जल्द पूर्ण कराने की मांग की...

सुकमा. लोक निर्माण विभाग के ठेकेदार और अधिकारियों की लापरवाही से शहर के लोग बेहद परेशान है। ढाई साल बीत जाने के बाद भी लोनीवि विभाग करीब ढाई किमी की सड़क को बनाने में नाकाम साबित हो रहा है। कछुवा गति से चल रहे निर्मण से वार्डवासी इस कदर परेशान है की उनका सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है। विभागीय अधिकारियों से कई बार वार्डवासियों ने इसकी शिकायत की। लेकिन ठेकेदार की रासुखदारी के सामने अधिकारियों की भी नही चली। आज भी यह सड़क अधूरी पड़ी और जनता परेशान है।

मंगलवार को वार्ड 14 के वासी जिला कार्यालय पहुंचे और कलेक्टर चंदन कश्यप को शिकायत पत्र सौंपा। वार्डवासियों ने कहा कि ढाई साल से मस्तानपार से पावारास के बीच बाईपास मार्ग अधूरा पड़ा है। अधूरे सड़क से लोगो को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आये दिन कोई न कोई हादसा होते रहता है। ठेकेदार इस सड़क को बनाने में भारी लापरवाही बरत रहे है। उक्त सड़क पर न ही रोलर चलाया जा रहा है और न ही समय-समय पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है। जब सड़क पर वाहन गुजरती है तो तो पूरे मोहल्ले में सड़क का धूल उड़ने लगता है। जिसका स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। वर्तमान में सड़क का काम रुक हुआ है। इस पूरे मामले पर कलेक्टर चंदन कश्यप ने जिम्मेदार अधिकारियों को तलब कर तत्काल सड़क को पूर्ण करने का अश्वाशन वार्डवासियों को दिया।

पांच करोड़ की सड़क, 15 माह में पूर्ण करना था....
जिला मुख्यालय के मस्तानपारा से पावारास के बीच सरकार ने 5 करोड़ 91 लाख की राशि स्वीकृत की थी। लोक निर्माण विभाग सुकमा द्वारा निविदा प्रक्रिया की जरूरी औपचारिकताएं पूरा कर सड़क बनाने के जिम्मेदारी 21.60 प्रतिशत कम एसओआर में जीतेन्द्र कुमार सिंह को दिया। 15 माह में कार्य पूर्ण करने की अवधि के साथ 5 अक्टूबर 2016 में विभाग ने निर्माण कंपनी को कार्यादेश जारी किया। इधर कार्य आदेश जारी होने के 7-8 महीने तक ठेकेदार ने सड़क का काम शुरू नही किया। लोगों के आपत्ति के बाद विभाग ने कार्य शुरू कराने का दबाव बनाया। उसके बाद ठेकेदार ने कार्य कुछ महीनों के लिए प्रारंभ किया।

अधूरी सड़क पर उड़ रहा धूल का गुबार, चलना हुआ दूभर:
शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को व्यवस्थित करने प्रशासन ने मस्तानपारा से पावारास के बीच सड़क चौड़ीकारण का निर्णय लिया। सड़क के बनने से लोग पावारास होते हुए सीधे जिला कार्यालय से जुड़ जाते। लेकिन ठेकेदार की मनमानी के कारण वर्तमान में यह सड़क लोगों के लिए मुसीबत बन गई है। सड़क से होकर लोगों का चलना मुश्किल हो गया है। ढाई साल पूरा होने या रहा है और सड़क अभी भी अधूरी पड़ी है। ऐसे में राहगीरों के लिए यह परेशानी का कारण बन गया है। क्योंकि की दिनभर सड़क पर धूल का गुबार उड़ता रहता है। इससे स्थानीय लोग एलर्जी के शिकार हो रहे हैं। सड़क निर्माण कंपनी द्वारा इस पर पानी छिड़काव भी नही किया जा रहा है।





Body:मस्ताना-पावारास बाईपास रॉड


Conclusion:मस्ताना-पावारास बाईपास रॉड
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