सुकमा: नक्सली कमांडर रमन्ना की मौत की खबर पर अब भी सस्पेंस बरकरार है. सूत्रों के मुताबिक नक्सल कमांडर रमन्ना का हार्ट फेल होने से मौत हो गई है. वहीं बस्तर आईजी पी. सुंदरराज ने बताया कि जवानों को सूत्रों से जानकारी मिली है कि पिछले सप्ताह दिल का दौरा पड़ने से नक्सली नेता रमन्ना की मौत हो गई है'. हालांकि अभी तक रमन्ना की मौत की पुष्टि नहीं हो पाई है, लेकिन जांच कर जल्द पुष्टि होने की बात कही जा रही है.'
पी. सुंदरराज ने बताया कि रमन्ना 1982 से नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी का मेंबर है. रमन्ना ने 30 से 32 साल में नक्सल संगठन को काफी मजबूत किया है. उन्होंने बताया कि 32 से ज्यादा बड़े वारदातों को उसने अंजाम दिया है. आईजी ने बताया, 'रमन्ना के बाद अब नक्सलियों का लीडर तेलगू इलाके से कोई हो सकता है. यहां के आदिवासियों को नक्सली कमांडर के लिए कभी मौका नहीं देते हैं. यहां के लोगों को सिर्फ जबरन नक्सल कैडर में शामिल करते हैं.'
कौन था रमन्ना ?
रावुला श्रीनिवास उर्फ रमन्ना माओवादियों की सेंट्रल कमेटी मेम्बर और दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का सचिव था. ताड़मेटला, चिंगावराम, रानीबोदली समेत बस्तर की दर्जनों बड़ी घटनाएं रमन्ना की लीडरशिप में घटी है. उस वक्त रमन्ना दक्षिण बस्तर का बड़ा नक्सली लीडर माना जाता था. इस दौरान मिली सफलताओं को देखते हुए रमन्ना को सेंट्रल कमेटी का मेंबर बनाया गया.
15 साल की उम्र उठाया था हथियार
रावुला श्रीनिवास उर्फ रमन्ना 15 साल की उम्र में हथियार उठा लिया था. तभी से वह दक्षिण बस्तर के सुकमा व बीजापुर जिले के बीच के जंगलों में सक्रिय रहा. 2010 को सुकमा जिले के ताड़मेटला में उसने CRPF की एक कंपनी पर हमला किया, जिसमें 76 जवानों की मौत हो गई. वहीं 2005 से अब तक उस इलाके में हुई लगभग सभी बड़ी वारदातों का मास्टरमाइंड उसे माना जाता है.
40 लाख रुपए का इनामी था रमन्ना
रमन्ना मूलतः तेलंगाना राज्य के सिद्दिपेट जिले का रहने वाला है. झीरमकांड के मास्टरमाइंड में भी रमन्ना का नाम था. रमन्ना पर 40 लाख रुपये का इनाम घोषित है. छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र और तेलंगाना राज्यों में सक्रिय रहा है. इन राज्यों में रमन्ना आतंक का पर्याय माना जाता था.