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घायल अवस्था में तड़पता रहा चीतल, ढाई घंटे बाद नशे में पहुंचे डॉक्टर

एनएच 30 स्थित फंदीगुड़ा सीआरपीएफ कैंप के पास जवानों को एक घायल अवस्था में चीतल मिला, जिसके बाद जवानों ने घायल चीतल को कोंटा पशु चिकित्सालय पहुंचाया, लेकिन चीतल का इलाज काफी देर तक नहीं हुआ, जिसके कारण चीतक की मौत हो गई. इस मामले की जानकारी वन विभाग के जिम्मेदारों को भी दी गई थी.

पशु डॉक्टर वन विभाग के कर्मचारियों के साथ धक्का मुक्की करते हुए
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Published : Jun 17, 2019, 7:54 PM IST

Updated : Jun 17, 2019, 11:48 PM IST

सुकमा: घायल चीतल के मौत के मामले में पशु चिकित्सक की घोर लापरवाही सामने आई है. वन विभाग के अफसर कर्मचारियों द्वारा कोंटा थाना में इस पूरे मामले की शिकायत दर्ज की गई है. वहीं पुलिस मामले की जांच में जुटी है.

पशु डॉक्टर वन विभाग के कर्मचारियों के साथ धक्का मुक्की करते हुए

घटना 15 जून की है, जब एनएच 30 स्थित फंदीगुड़ा सीआरपीएफ कैंप के पास जवानों को एक घायल अवस्था में चीतल मिला, जिसके बाद जवानों ने घायल चीतल को कोंटा पशु चिकित्सालय पहुंचाया, लेकिन चीतल का इलाज काफी देर तक नहीं हुआ, जिसके कारण चीतक की मौत हो गई. इस मामले की जानकारी वन विभाग के जिम्मेदारों को भी दी गई थी.

अफसरों और कर्मचारियों के साथ हुआ अभद्र व्यवहार
बता दें कि फोन पर पशु चिकित्सक रामचंद्र अलवा को मौके पर बुलाया गया, लेकिन करीब ढाई घंटे बाद नशे में धुत चिकित्सक वहां पहुंचा तब तक चीतल की मौत हो गई थी. इस दौरान वन विभाग और पशु चिकित्सक के बीच में विवाद की स्थिति निर्मित हो गई. वन विभाग के अफसरों और कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए उनके साथ धक्का-मुक्की भी की गई.

रिकार्ड किया गया वीडियो आया सामने
साथ ही इस पूरे मामले में वन विभाग द्वारा रिकार्ड किया गया वीडियो भी सामने आया है, जिसके आधार पर पुलिस जांच कर रही है.

सुकमा: घायल चीतल के मौत के मामले में पशु चिकित्सक की घोर लापरवाही सामने आई है. वन विभाग के अफसर कर्मचारियों द्वारा कोंटा थाना में इस पूरे मामले की शिकायत दर्ज की गई है. वहीं पुलिस मामले की जांच में जुटी है.

पशु डॉक्टर वन विभाग के कर्मचारियों के साथ धक्का मुक्की करते हुए

घटना 15 जून की है, जब एनएच 30 स्थित फंदीगुड़ा सीआरपीएफ कैंप के पास जवानों को एक घायल अवस्था में चीतल मिला, जिसके बाद जवानों ने घायल चीतल को कोंटा पशु चिकित्सालय पहुंचाया, लेकिन चीतल का इलाज काफी देर तक नहीं हुआ, जिसके कारण चीतक की मौत हो गई. इस मामले की जानकारी वन विभाग के जिम्मेदारों को भी दी गई थी.

अफसरों और कर्मचारियों के साथ हुआ अभद्र व्यवहार
बता दें कि फोन पर पशु चिकित्सक रामचंद्र अलवा को मौके पर बुलाया गया, लेकिन करीब ढाई घंटे बाद नशे में धुत चिकित्सक वहां पहुंचा तब तक चीतल की मौत हो गई थी. इस दौरान वन विभाग और पशु चिकित्सक के बीच में विवाद की स्थिति निर्मित हो गई. वन विभाग के अफसरों और कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए उनके साथ धक्का-मुक्की भी की गई.

रिकार्ड किया गया वीडियो आया सामने
साथ ही इस पूरे मामले में वन विभाग द्वारा रिकार्ड किया गया वीडियो भी सामने आया है, जिसके आधार पर पुलिस जांच कर रही है.

Intro:घायल चीतल की मौत, सामने आई पशु चिकित्सक की लापरवाही

वाइरल वीडियो में पशु डॉक्टर वन विभाग के कर्मचारियों को धक्का मुक्की कर निकाला बाहर


सुकमा. घायल चीतल की मौत के मामले में पशु चिकित्सक की घोर लापरवाही सामने आई है। घटना 15 जून का है जब एनएच 30 स्थित फंदीगुड़ा सीआरपीएफ कैंप के पास जवानों को एक घायल अवस्था में चीतल मिला। जवानों ने घायल चीतल को कोंटा पशु चिकित्सालय पहुंचाया। वहीं इसकी सूचना भी वन विभाग के जिम्मेदारों को भी दी गई। कोंटा रेंजर अपने दल—बल के साथ पशु चिकित्सालय पहुंचे। जब तक घायल चीलत का इलाज नहीं हो सका।

Body:फोन पर पशु चिकित्सक रामचंद्र अलवा को मौके पर बुलाया गया लेकिन करीब ढाई घंटे बाद नशे में धूत चिकित्सक वहां पहुंचा तब तक चीलत की मौत हो गई थी। इस दौरान वन विभाग और पशु चिकित्सक के बीच में विवाद की स्थिति निर्मित हो गई। वन विभाग के अफसरों व कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए उनके साथ धक्का—मुक्की भी की गई। वन विभाग के अफसर कर्मचारियों द्वारा कोंटा थाना में इस पूरे मामले की शिकायत दर्ज की गई है। इस पूरे मामलें में वन विभाग द्वारा रिेकार्ड किया गया वीडियो भी सामने आया है जिसके आधार पर पुलिस जांच कर रही है। Conclusion:लगातार मिल रही शिकायतों के बाद भी प्रशासन बेखबर है। पशुओं के मौत का यह पहला मामला नही है। इससे पूर्व भी के मामले प्रकाश में आ चुके हैं। डॉक्टरों का पशु चिकित्सालय से नदारद रहना और लापरवाही के खिलाफ ठोस कार्रवाई नही होने की वजह से अव्यवस्था का आलम निर्मित हो रहा है।
Last Updated : Jun 17, 2019, 11:48 PM IST
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