सुकमा: धोखाधड़ी के आरोप में एसबीआई के तत्कालीन फील्ड अफसर विश्वजीत सिसोदिया को मंगलवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर स्थानीय न्यायालय में पेश किया, जिसके बाद उसे 9 सितम्बर तक न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है. वहीं पुलिस ने गिरफ्तार आरोपी के पास से कार और दो लाख रुपए नकद बरामद किए हैं.
बता दें कि सहायक आरक्षक उमेश कुंजाम ने फील्ड अफसर के खिलाफ 2 लाख रुपए की धोखाधड़ी की शिकायत की थी. शिकायत की जांच के लिए एसपी शलभ सिन्हा द्वारा एएसपी सिद्धार्थ तिवारी के नेतृत्व में जांच टीम बनाई गई थी. मामले की पड़ताल में फील्ड अफसर द्वारा धोखाधड़ी करने के अहम सबूत मिले थे.
एएसपी द्वारा एसपी को जांच रिपोर्ट सौंपने के बाद 23 अगस्त को प्रार्थी उमेश कुंजाम की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी, जिसके बाद से पुलिस फील्ड अफसर की तलाश में जुटी हुई थी.
क्रिकेट सट्टे में हार गया पैसा
इस मामले में एसपी शलभ सिन्हा ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद पुलिसिया पूछताछ में ऋणियों से धोखाधड़ी का आरोपी विश्वजीत सिसोदिया ने सहायक आरक्षक उमेश कुंजाम के अलावा बैंक से लोन लेने वाले अन्य लोगों से ठगी का गुनाह कबूल किया है. पुलिस ने उसके पास से धोखाधड़ी के पैसे से खरीदी गई कार के अलावा दो लाख रुपए नकद बरामद किए हैं.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में खेलता था सट्टा
एसपी का यह भी कहना है कि आरोपी फील्ड अफसर घरेलू से लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में सट्टा खेलता था. ऋणियों से ठगी के पैसे वह महाराष्ट्र के बुकी के बताए अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर देता था.
फील्ड अफसर ने 84 लाख 75 हजार रुपए महाराष्ट्र के बुकी के खातों में जमा कराने की जानकारी पुलिस को दी है. उन खातों का नम्बर भी दिया है, जिनमें उसने पैसे ट्रांसफर किए हैं.
8 नग ब्लैक पीडीसी चेक लिए
एसपी शलभ सिन्हा और एएसपी सिद्धार्थ तिवारी ने नक्सल सेल कार्यालय में मंगलवार दोपहर संयुक्त प्रेसवार्ता कर बताया कि 21 अगस्त को मुख्यधारा से जुड़कर सहायक आरक्षक बने उमेश कुंजाम, मड़कम वागा और पोडियाम आयता ने एसबीआई फील्ड अफसर के द्वारा लाखों रुपए की ठगी किए जाने की लिखित शिकायत दी थी. प्रार्थी उमेश कुंजाम ने शिकायत की कि फील्ड अफसर ने लोन लेने के दौरान उससे 8 नग ब्लैक पीडीसी चेक लिए थे.
लाख रुपए उसके खाते में क्रेडिट कर दिए
फील्ड अफसर ने पीडीसी चेक से तीन लाख रुपए निकाल लिए. तीन लाख रुपए खाते से गायब होने के बाद जब उमेश ने फील्ड अफसर से बात की तो उसने एक लाख रुपए उसके खाते में क्रेडिट कर दिए. पुलिस की जांच में इस बात की पुष्टि हुई है.
पुलिस कार्रवाई कर रही है
एसपी ने यह भी बताया कि यह मामला बड़ी संख्या में लोगों के साथ हुई धोखाधड़ी से जुड़ा हुआ है. शुरुआत में जो भी शिकायतें पुलिस को मिली है उस पर पुलिस कार्रवाई कर रही है. धोखाधड़ी के शिकार लोग जैसे-जैसे उनसे शिकायत करते जाएंगे पुलिस उसकी जांच करती रहेगी.
डेढ़ साल तक करता रहा ऋणियों से धोखाधड़ी
धोखाधड़ी के आरोपी विश्वजीत सिसोदिया से हुई पूछताछ और जांच में मिले सबूतों के आधार पर एसपी शलभ सिन्हा ने बताया कि लगभग डेढ़ साल से फील्ड अफसर ऋणियों के साथ ठगी कर रहा था. वह एक ऋणी के खाते से दूसरे ऋणी के खाते में रकम जमा कर क्रिकेट सट्टे में हारे पैसे एडजस्ट करता रहता था. डिप्टी मैनेजर के प्रमोशन होने के बाद उसका तबादला भोपाल हो गया. इसके बाद वह ऐसा नहीं कर पा रहा था.
मोबाइल पर संपर्क करने पर ऋणियों को वह पैसे लौटाने का आश्वासन देता रहा. घर के गोल्ड बेचकर उसने कुछ ऋणियों के पैसे भी लौटाए. एसपी ने बताया कि घर की प्रॉपर्टी बेचकर ऋणियों के पैसे लौटाने की बात फील्ड अफसर ने पुलिसिया पूछताछ में कही है.
फील्ड अफसर के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज की थी
इधर ब्रांच मैनेजर को ऋणियों से मिली लिखित शिकायत की जांच एसबीआई के अफसर कर रहे हैं. जांच अधिकारी लीड बैंक मैनेजर विश्वजीत तिग्गा ने जिला मुख्यालय स्थित एसबीआई ब्रांच में शिकायतकर्ताओं के बैंक खाते, ऋण से जुड़े अन्य दस्तावेज की पड़ताल करने के साथ ही उनके बयान भी दर्ज कर रहे हैं. विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मामले की गंभीरता को देखते हुए एसबीआई से पूरे मामले की पड़ताल के लिए भोपाल से जांच टीम एक-दो दिनों में यहां पहुंचेगी. अब तक ठगी के शिकार कुल 88 ऋण धारकों ने फील्ड अफसर के खिलाफ लिखित शिकायत की है.