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नक्सली मोहन राव उर्फ दामू दादा की हुई मौत, कोरोना से मौत के कयास

नक्सली नेता कट्टी मोहन राव उर्फ दामू दादा की मौत हो(death of Naxalite Mohan Rao) गई है. सूत्रों के अनुसार नक्सली मोहन राव कोरोना से संक्रमित था. वहीं नक्सलियों ने मोहन की मौत हार्ट अटैक से होना बताया है.

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नक्सली मोहन राव
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Published : Jun 13, 2021, 7:10 PM IST

सुकमा: नक्सली नेता कट्टी मोहन राव उर्फ प्रकाश उर्फ दामू दादा की मौत हो गई है. सीपीआई (माओवादी) की तेलंगाना स्टेट कमेटी ने पुष्टि की है. संगठन ने दामू दादा की मौत हार्ट अटैक से होने की बात कही है. वहीं सूत्रों के अनुसार नक्सली कट्टी मोहन की मौत कोरोना से हुई है. महबूबाबाद जिले के बयाराम मंडल का सदस्य मोहन राव 1982 में नक्सल संगठन में शामिल हुआ था. जिसके बाद वह आरएसयू में शामिल हुआ. मोहन ने 39 साल तक नक्सलियों के लिए काम किया.

मोहन राव छत्तीसगढ़ में सक्रिय नक्सलियों का मेंटर था. यहां वह नक्सलियों की ओर से संचालित स्कूल में शिक्षक के तौर पर कार्यरत था. बताया जा रहा है कि पीएलजीए(पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) 10 जून को उनके ठिकाने पर गई थी. पीएलजीए बल ने दामू दादा का इलाज किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. नक्सली दामू दादा के निधन के बाद नक्सलियों परिवार को शव देने में असमर्थतता जताई.

नक्सलियों के कम्युनिकेशन चीफ सोबराय की कोरोना से मौत, हैदराबाद में चल रहा था इलाज

कुछ दिन पहले हुई थी नक्सलियों के कम्युनिकेशन टीम के चीफ की मौत

नक्सलियों ने 11 जून को दंडकारण्य वन क्षेत्र में नक्सली मोहन राव अंतिम संस्कार किया. दंडकारण्य में अनेक नक्सलियों के कोरोना संक्रमित होने की बात कही जा रही है.कोरोना वायरस का संक्रमण नक्सलियों पर भी कहर बरपा रहा है. कुछ दिन पहले ही कोरोना संक्रमित नक्सलियों के कम्युनिकेशन टीम के चीफ (Chief of communication team of Naxalites) गद्दाम मधुकर उर्फ सोबराय (Gaddam Madhukar alias Sobrai) की हैदराबाद में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने मौत की पुष्टि की थी. कुछ दिन पहले बीजापुर के नक्सली कमांडर कोरसा गंगा उर्फ आयतु की भी कोरोना से मौत हो गई थी. बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने नक्सलियों से अपील की है कि कोरोना संक्रमित नक्सली सरेंडर करें. शासन उनका इलाज कराएगी.

नक्सली कमांडर आयतु की भी हुई थी कोरोना से मौत

कुछ दिन पहले बीजापुर के नक्सली कमांडर कोरसा गंगा उर्फ आयतु की भी कोरोना से मौत हो गई थी. नक्सली आयतु का इलाज तेंलगाना के कोत्तागुड़म जिले के अस्पताल में चल रहा था. लंबे समय से ये बात सामने आ रही है कि नक्सली लगातार कोरोना संक्रमण के शिकार हो रहे हैं. अब दो बड़े नक्सली लीडरों की कोरोना से मौत के बाद से नक्सलियों में कोरोना संक्रमण फैलने की पुष्टि भी हो गई है.

सरेंडर करने वाले नक्सलियों का खुलासा, 'कोरोना वैक्सीन का विरोध कर रहे हैं नक्सली'

कई बड़े नक्सली लीडर कोरोना संक्रमित

बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने भी कहा था कि सरेंडर करने वाले नक्सलियों का इलाज पुलिस कराएगी. आईजी ने ये भी कहा कि नक्सलियों के कई बड़े लीडर भी कोरोना की चपेट में हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस को नक्सलियों का एक पत्र भी मिला है, जिसमें कई नक्सलियों के कोरोना से संक्रमित होने की बात लिखी हुई है. आईजी सुंदरराज पी ने दावा किया कि 12 से अधिक बड़े नक्सली लीडर्स को भी कोरोना होने की जानकारी उन्हें सूत्रों से मिली है. उन्हें इलाज भी नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में उन तक दवाई और वैक्सीन पहुंचे, इसकी जद्दोजहद में वे जरूर लगे हुए हैं, लेकिन पुलिस उनकी इस चाल को कामयाब नहीं होने देगी. उन्होंने कहा कि बस्तर संभाग के नक्सली क्षेत्रों में नाकेबंदी जारी है. इसके कारण नक्सलियों को दवाईयां और लॉजिस्टिक फूड सप्लाई नहीं हो पा रही है.

सुकमा: नक्सली नेता कट्टी मोहन राव उर्फ प्रकाश उर्फ दामू दादा की मौत हो गई है. सीपीआई (माओवादी) की तेलंगाना स्टेट कमेटी ने पुष्टि की है. संगठन ने दामू दादा की मौत हार्ट अटैक से होने की बात कही है. वहीं सूत्रों के अनुसार नक्सली कट्टी मोहन की मौत कोरोना से हुई है. महबूबाबाद जिले के बयाराम मंडल का सदस्य मोहन राव 1982 में नक्सल संगठन में शामिल हुआ था. जिसके बाद वह आरएसयू में शामिल हुआ. मोहन ने 39 साल तक नक्सलियों के लिए काम किया.

मोहन राव छत्तीसगढ़ में सक्रिय नक्सलियों का मेंटर था. यहां वह नक्सलियों की ओर से संचालित स्कूल में शिक्षक के तौर पर कार्यरत था. बताया जा रहा है कि पीएलजीए(पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) 10 जून को उनके ठिकाने पर गई थी. पीएलजीए बल ने दामू दादा का इलाज किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. नक्सली दामू दादा के निधन के बाद नक्सलियों परिवार को शव देने में असमर्थतता जताई.

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कुछ दिन पहले हुई थी नक्सलियों के कम्युनिकेशन टीम के चीफ की मौत

नक्सलियों ने 11 जून को दंडकारण्य वन क्षेत्र में नक्सली मोहन राव अंतिम संस्कार किया. दंडकारण्य में अनेक नक्सलियों के कोरोना संक्रमित होने की बात कही जा रही है.कोरोना वायरस का संक्रमण नक्सलियों पर भी कहर बरपा रहा है. कुछ दिन पहले ही कोरोना संक्रमित नक्सलियों के कम्युनिकेशन टीम के चीफ (Chief of communication team of Naxalites) गद्दाम मधुकर उर्फ सोबराय (Gaddam Madhukar alias Sobrai) की हैदराबाद में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने मौत की पुष्टि की थी. कुछ दिन पहले बीजापुर के नक्सली कमांडर कोरसा गंगा उर्फ आयतु की भी कोरोना से मौत हो गई थी. बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने नक्सलियों से अपील की है कि कोरोना संक्रमित नक्सली सरेंडर करें. शासन उनका इलाज कराएगी.

नक्सली कमांडर आयतु की भी हुई थी कोरोना से मौत

कुछ दिन पहले बीजापुर के नक्सली कमांडर कोरसा गंगा उर्फ आयतु की भी कोरोना से मौत हो गई थी. नक्सली आयतु का इलाज तेंलगाना के कोत्तागुड़म जिले के अस्पताल में चल रहा था. लंबे समय से ये बात सामने आ रही है कि नक्सली लगातार कोरोना संक्रमण के शिकार हो रहे हैं. अब दो बड़े नक्सली लीडरों की कोरोना से मौत के बाद से नक्सलियों में कोरोना संक्रमण फैलने की पुष्टि भी हो गई है.

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कई बड़े नक्सली लीडर कोरोना संक्रमित

बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने भी कहा था कि सरेंडर करने वाले नक्सलियों का इलाज पुलिस कराएगी. आईजी ने ये भी कहा कि नक्सलियों के कई बड़े लीडर भी कोरोना की चपेट में हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस को नक्सलियों का एक पत्र भी मिला है, जिसमें कई नक्सलियों के कोरोना से संक्रमित होने की बात लिखी हुई है. आईजी सुंदरराज पी ने दावा किया कि 12 से अधिक बड़े नक्सली लीडर्स को भी कोरोना होने की जानकारी उन्हें सूत्रों से मिली है. उन्हें इलाज भी नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में उन तक दवाई और वैक्सीन पहुंचे, इसकी जद्दोजहद में वे जरूर लगे हुए हैं, लेकिन पुलिस उनकी इस चाल को कामयाब नहीं होने देगी. उन्होंने कहा कि बस्तर संभाग के नक्सली क्षेत्रों में नाकेबंदी जारी है. इसके कारण नक्सलियों को दवाईयां और लॉजिस्टिक फूड सप्लाई नहीं हो पा रही है.

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