सुकमा: पुलिस की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर रविवार सात नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया है. इन नक्सलियों में दो लाख का एक और एक-एक लाख के दो इनामी नक्सली समेत एक प्लाटून सदस्य भी शामिल है. गिरफ्तार नक्सली लंबे समय से नक्सली संगठन में काम कर रहे थे. नक्सलियों ने संगठन पर भेदभाव, शोषण और अत्याचार का आरोप लगाया है. एसपी शलभ सिन्हा ने मामले की पुष्टि की है.
पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा ने बताया कि समर्पित नक्सलियों की निशानदेही पर पुलिस ने 19 नग जिलेटिन रॉड भी बरामद किया है. पुलिस अधिकारियों ने सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को शासन की नीतियों का लाभ देने की बात कही है. सरेंडर नक्सलियों में दो लाख का इनामी, प्लाटून नंबर 24 का सदस्य सोढ़ी जोगा भी शामिल है. इसके साथ मिलिशिया प्लाटून सेक्शन 'ए' पोडियम नंगा (एक लाख का इनामी) और करिगुंडम आरपीसी और केएएमएस सोढ़ी एर्रे(एक लाख इनामी) ने भी समर्पण किया है.
आत्म समर्पित नक्सली सोढ़ी जोगा नक्सल संगठन में साल 2008 में शामिल हुआ था और साल 2014 में दंतेवाड़ा जिला के किरंदुल थाना क्षेत्र के चोलनार के पास पुलिस वाहन पर आईईडी ब्लास्ट की घटना में शामिल था.
आईईडी बनाने में एक्सपर्ट
मुचाकी बुधरा आईईडी बनाने में एक्सपर्ट था. आत्मा समर्पित नक्सली मुचाकी बुधरा वर्ष 2013-14 में बाल संघम सदस्य, वर्ष 2015 में मिलिशिया सदस्य और 2016 में कोंडा पारा के पास आईईडी ब्लास्ट और समेली कैंप के पास आईईडी लगाने की घटना में शामिल रहा.
सड़क काटने और रेकी करने में शामिल
आत्मसमर्पित नक्सली पोडियम नंदा पेद्दाबोरकेल आरपीएससी अंतर्गत नक्सली संगठन में वर्ष 2007 में भर्ती होकर लगातार नक्सली संगठन में कार्य कर रहा था. इसी दौरान कई बार सड़क काटने, रेकी करने की गतिविधियों में शामिल रहा. आत्मासमर्पित नक्सली सोढ़ी एर्रे को वर्ष 2014 में आत्मसमर्पित नक्सली अर्जुन के द्वारा नक्सल संगठन में भर्ती किया गया था. नक्सल संगठन में करीकुंडम आरपीसी अंतर्गत केएएमएस अध्यक्ष के पद पर रह कर महिलाओं को संगठित कर संगठन में जुड़ने का काम करती थी।