सरगुजा: कोरोना की तीसरी लहर को लेकर कई दावे किए जा रहे हैं. कोरोना का नया वेरिएंट उसके म्यूटेशन को लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं. अब वह समय आ चुका है जब छत्तीसगढ़ में कोरोना की तीसरी लहर अपने चरम पर आ चुकी है. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि असल में कोरोना संक्रमित लोगों में लक्षण कैसे हैं? उनके इलाज के क्या तरीके हैं और कौन सी सावधानियां आम लोग रख सकते हैं. ऐसे तमाम सवालों के जवाब के लिये ETV भारत ने सरगुजा में नाक, कान, गला रोग विशेषज्ञ व होम आइसोलेशन के नोडल अधिकारी डॉ. शैलेंद्र गुप्ता से बातचीत की. डॉ गुप्ता ने विस्तार से इस पर चर्चा की और कोरोना के वर्तमान मामलों को देखते हुए वायरस को कमजोर बताया. आइये विस्तार से जानते हैं कि एक्सपर्ट की क्या राय है?
सवाल: कोरोना तीसरी लहर में अलग-अलग तरह के वेरिएंट की बात होती है लेकिन वेरियंट कोई भी हो, बड़ी तादात में लोग बीमार हैं. उनके लिये क्या सलाह है?
जवाब: अभी कोरोना की जो लहर आई है, उसे अलग-अलग तरह के नाम दिए जा रहे हैं. सबसे अधिक ओमीक्रोन का नाम लिया का रहा है लेकिन पूरे देश में ही अब तक सिर्फ 10 हजार ओमीक्रोन संक्रमितों की पुष्टि हुई है. ये बोल सकते हैं कि जो भी कोविड 19 पॉजिटिव हैं, ये सब वायरस कोविड 19 फैमली से ही हैं. इसकी पहली और दूसरी लहर में हमने देखा कि बहुत ज्यादा नुकसान हुआ. वायरस ताकतवर था और लोग गंभीर रूप से बीमार हुए. मौत भी हुई लेकिन तीसरी लहर में यह वायरस एक शरीर से दूसरे शरीर में परिवर्तित होकर कमजोर हुआ है. यह ज्यादा नुकसान नहीं कर पा रहा है. हालांकि इसे लेकर कोई तय राय या प्रमाणिकता नहीं है. वायरस कभी भी, किसी के भी शरीर में भयानक रूप ले सकता है लेकिन सरगुजा में जिस तरह के मामले सामने आ रहे हैं, उनमें नया वायरस कमजोर दिख रहा है.
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सवाल: अभी लोग सर्दी, खांसी, बुखार से ज्यादा पीड़ित हो रहे हैं. ऐसे में वो क्या करें कौन सा आहार खाएं, कौन सी दवा का सेवन करें?
जवाब : हर वायरस शरीर में एक विशेष जगह बनाता है. कोविड-19 का संक्रमण नाक-कान, गले में ही होता है. पिछली दो लहरों में यह नाक-कान, गले से होकर चेस्ट तक आ जाता था और लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती थी. निमोनिया का रूप ले लेता था लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा है. यह नाक, कान, गले तक ही सीमित रह रहा है. इस वजह से सर्दी, खांसी होना, तेज बुखार आना, बदन दर्द जैसे लक्षण आ रहे हैं. ये 5 से 7 दिन में ठीक हो जा रहा है. क्योंकि यह कोविड-19 फैमली का ही वायरस है, कभी-कभी किसी शरीर में यह खतरनाक भी साबित हो सकता है. इसलिए एकदम से इसे साधारण मानकर लापरवाही नहीं की जा सकती. इस लहर में 0.5 % मरीज ही सरगुजा में अस्पताल पहुंचे हैं. उनमें भी कोई गंभीर लक्षण नहीं मिले हैं. कोमोरबिडिटी की वजह से उन्हें अस्पताल लाना पड़ गया. वरना सभी घर पर रहकर ही ठीक हो रहे हैं. मरीज अगर स्वस्थ्य जीवन शैली को अपना रहा है, तो वह फ्लू जैसे ठीक हो जा रहा है.
सवाल: आप खुद ईएनटी स्पेशलिस्ट हैं. वायरस भी नाक-कान, गले पर ही आक्रमण कर रहा है. क्या सलाह देंगे?
जवाब : लोकल स्तर पर यह वायरस गले तक ही सीमित रह रहा है. नमक पानी का गरारा करना चाहिये. गुनगुने पानी से दिन में 3 से 4 बार यदि मरीज गरारा करता है तो उसे आराम मिलेगा. गर्म पानी पीना, इस समय दिन में 4 बार गर्म पानी का भाप लेना चाहिए. इसमें एंटीबायोटिक दवाइयों का बहुत ज्यादा रोल नहीं है. सामान्य रूप से आयुष का जो काढ़ा है, गिलोय है, हल्दी का दूध है, वो बेहद कारगर साबित हो रहा है. होम आइसोलेशन के मरीज खुद बताते हैं कि इससे उन्हें आराम मिल रहा है. पोषण आहार रखें. स्वस्थ दिनचर्चा जिएं. नशे से दूर रहें. यह वायरस बहुत खतरनाक नहीं है. इससे आसानी से बचा जा सकता है.
सवाल: बीमार लोग डॉक्टर की सलाह पर कौन सी दवाइयां ले सकते हैं?
जवाब: लक्षण और डॉक्टर की सलाह के आधार पर दवाइयां लेनी है. इसमें होम आईसोलेशन के मरीज को अगर बुखार आता है और बदन में दर्द होता है तो उसे पैरासीटामोल लेने की सलाह दी जाती है. बुखार वाले मरीजों को अधिक मात्रा में पानी पीने की सलाह डॉक्टर ने दी है.