सरगुजा: मैनपाट के रिहायशी इलाकों में एक बार फिर हाथियों का दल घुस आया है. ऐसे में हाथियों को लेकर ग्रामीणों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. एक ग्रामीण ने हाथी को छेड़कर भड़का दिया, जिससे गुस्साए हाथी ने ग्रामीण पर हमला करने की कोशिश की. हाथी के हमले से ग्रामीण बाल-बाल बचा, लेकिन ग्रामीण की लापरवाही उसकी जान ले सकती थी. बावजूद इसके लोग अपनी जान को जोखिम में डाल रहे हैं.
तस्वीर में दिख रहे इस नजारे को देखकर आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि ग्रामीण हाथियों को लेकर कितने गंभीर हैं. ऐसी ही लापरवाही अक्सर ग्रामीणों को भारी पड़ जाती है. उन्हें कई बार इस लापरवाही की कीमत अपनी जान गवांकर चुकानी पड़ती है. इस घटने में ग्रामीण की किस्मत अच्छी थी कि हाथी खेत की मेड़ पर फंस गया. नहीं तो युवक की जान जा सकती थी.
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हाथियों की धमक से इलाका खौफजदा
इस हादसे में हैरानी की बात तो यह है कि ग्रामीण की इस लापरवाही की जानकारी वन विभाग को नहीं है. अगर वन विभाग की टीम मौके पर मुस्तैद होकर ग्रामीणों को हाथियों से बचाने की कोशिश करती, तो शायद ऐसा नजारा देखने को नहीं मिलता. इस घटना से कहीं न कहीं वन अमले की भी गलती है. हाथियों की धमक से इलाका खौफजदा है. बावजूद वन अमला इलाके से नदारद है.
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मैनपाट के कई इलाकों में भी हाथियों का आतंक
ढोंढागांव के लोगों के मुताबिक हाथियों का दल जशपुर जिले से विचरण करते हुए सरगुजा पहुंचा है. 9 सदस्यीय हाथियों के दल ने ढोंढागांव सहित आसपास के इलाकों में जमकर उत्पात मचाया. 12 से ज्यादा ग्रामीणों के मकानों को तोड़ दिया. इतना ही नहीं मैनपाट के कई इलाकों में भी हाथियों का आतंक देखने को मिला. अब हाथियों का दल एक ग्रामीण के गन्ने के खेत में अपना डेरा जमा लिया है. वहीं दिनभर अपनी भूख मिटाने के लिए गन्ना खाते हैं.
हाथी से बाल-बाल बचा ग्रामीण
रिहायशी इलाके के बस्ती के पास हाथियों के दल के पहुंचते ही इलाके में खलबली मच गई. ग्रामीण हाथियों को भगाने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचे थे. इसी बीच एक ग्रामीण भीड़ से दौड़कर हाथियों के दल के पास जा पहुंचा. हाथियों के दल को परेशान और छेड़छाड़ करना शुरू कर दिया, जिससे गुस्साए हाथियों के दल से एक हाथी ग्रामीण को दौड़ाने लगा. हाथी दौड़ते वक्त खेत के मेड़ पर फंस गया, जिससे किसी तरह ग्रामीण ने भागकर अपनी जान बचाई. इससे एक बार जनहानि होने की संभावना टल गई.
मुआवजा देने की कवायद तेज
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि आज भी ग्रामीण हाथियों से सुरक्षा के लिए स्वयं सजग नहीं हैं. हाथियों को लेकर ग्रामीण खुद अपनी लापरवाही दिखा रहे हैं. फिलहाल मैनपाट और सीतापुर वन विभाग की टीम नुकसान का सूची बनाने में जुट गई है. साथ ही मकान टूटने का प्रकरण तैयार कर ग्रामीणों को मुआवजा देने की बात कहा जा रहा है.