सरगुजा: एसईसीएल के वादाखिलाफी और झूठे आश्वासन से आक्रोशित ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों की अगुवाई में रविवार को प्रदर्शन किया. ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष और मंत्री प्रतिनिधि कुमार सिंहदेव और शक्कर कारखाना के अध्यक्ष विद्यासागर सिंह की अगुवाई में महान-2 और महान-3 में चक्का जाम कर दिया है. मंत्री प्रतिनिधि ने दो टूक में चेतावनी दी है कि अब आश्वासन नहीं बल्कि मौके पर सड़क मरम्मत शुरू होगा, तभी कोल परिवहन चालू होगा. उन्होंने प्रतिबंधित मार्ग से भारी वाहन के आवागमन पर भी नाराजगी जताई है. इसके अलावा एसईसीएल की अनियमित ब्लास्टिंग पर भी सवाल खड़े करते हुए शक्कर कारखाना में पहले किए गए वाइब्रेटोमीटर को अभी तक कारखाना में नहीं लगाए जाने पर नाराजगी जताया है.
प्रतापपुर-अंबिकापुर मुख्य मार्ग पर एसईसीएल की महान-2 और महान-3 खदान से प्रतिदिन हजारों टन कोयले का परिवहन प्रदेश के साथ अन्य प्रांतों में हो रहा है, जिसके कारण महान-2 से पम्पापुर मार्ग की स्थिति काफी खराब हो चुकी है. इसके लिए लगातार एसईसीएल प्रबंधन और जनप्रतिनिधियों के बीच बैठक होती रही है, जिसमें पिछले कई महीने से एसईसीएल वादा करती आई है कि अब जल्द ही सड़क मरम्मत के साथ महान नदी में स्थित रपटे के दोनों ओर की एप्रोच को सुधार किया जाएगा, लेकिन हमेशा की तरह एसईसीएल ने बैठक के बाद इसपर कभी ध्यान ही नहीं दिया.
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'वादों पर भरोसा करना छोड़ दिए'
इसी बात से आक्रोशित ग्रामीणों ने रविवार सुबह साढ़े 9 बजे से पम्पापुर चौक पर चक्का जाम कर दिया है. इसकी वजह से कोयला परिवहन कई घंटों तक प्रभावित रहा. आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मंत्री जिला प्रतिनिधि कुमार सिंहदेव और शक्कर कारखाना के अध्यक्ष विद्यासागर सिंह ने कहा कि एसईसीएल की खदानों से रोजाना हजारों टन कोयला परिवहन किया जा रहा है, जिसके कारण सड़कों की स्थिति खराब होती जा रही है. इसके लिए लगातार एसईसीएल प्रबंधन से बात भी होती है, लेकिन प्रबंधन ने अपने वादों को कभी पूरा नहीं किया. यहीं कारण है कि अब खदान प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीण इनके किए वादों पर भरोसा करना छोड़ दिए हैं.
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'वादा के अनुरूप कभी काम नहीं किया'
उन्होंने आगे कहा कि वादा के मुताबिक पम्पापुर मार्ग के साथ महान रपटे के दोनों ओर की एप्रोच को पूर्णतः सुधार करना था, लेकिन एसईसीएल ने इसे दरकिनार कर दिया है. इसी प्रकार इनकी खदानों में अनियमित तौर पर ब्लास्टिंग हो रही है, जिससे आसपास के घर, ट्यूबवेल सहित शक्कर कारखाना पर भी ब्लास्टिंग का असर दिखने लगा है. इसके लिए भी कुछ महीने पहले शक्कर कारखाना में हुई बैठक में एसईसीएल प्रबंधन और प्रतापपुर एसडीएम की उपस्थिति में शक्कर कारखाना में ब्लास्टिंग की तीव्रता को नापने के लिए वाइब्रेटोमीटर लगाने का आश्वासन भी दिया था, लेकिन इसपर भी आजतक प्रबंधन ने कोई पहल नही की. अब ऐसे में आसपास क्षेत्र के ग्रामीण सहित हम लोगों को स्वयं सामने आना पड़ रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि एसईसीएल प्रबंधन ने वादा के अनुरूप कभी काम नहीं किया.
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चिमनी को भी खतरा
मंत्री प्रतिनिधि कुमार सिंहदेव ने अब एसईसीएल प्रबंधन को चेतावनी दी है कि आज से आरंभ चक्का जाम अब किसी आश्वासन पर खत्म नहीं होगा. बल्कि अब मौके पे एसईसीएल को सड़क मरम्मत का सामान गिराते हुए तत्काल मरम्मत कराना होगा, तभी चक्काजाम समाप्त किया जाएगा. उन्होनें खदानों में दिन में दो से तीन बार ब्लास्टिंग को भी गलत ठहराते हुए कहा है कि अब प्रबंधन कारखाना में वाइब्रेटोमीटर लगवाए उसके बाद ही आगे की बात करे. दूसरी ओर शक्कर कारखाना के अध्यक्ष विद्यासागर सिंह ने भी कई बार एसईसीएल प्रबंधन को ब्लास्टिंग से कारखाना के भवन में दरार सहित कई मीटर ऊंचे चिमनी को भी खतरा बताते हुए उन्हें पत्र दिया था, लेकिन एसईसीएल ने इन मुद्दों को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया है. इधर, कुमार सिंहदेव की अगुवाई में ग्रामीण लामबंद होकर आंदोलन को व्यापक समर्थन दे रहे हैं.