सरगुजा : स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने नवजातों की मृत्यु को संवेदनशील और गम्भीर बताया है. अफसरों की बैठक लेने के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई करने और 48 घंटे के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि '' जांच में जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी उस पर निलंबन की कार्रवाई की जाएगी. इस दौरान रायपुर के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ खण्डेलवाल ने एसएनसीयू के वेंटिलेटर एवं वॉर्मर का जांच कर स्थिति का जायजा लिया. जांच में सभी उपकरण सही काम करते हुए पाया गया.''TS Singhdev asked for investigation report
वरिष्ठ चिकित्सकों को राउंड करने के निर्देश : स्वास्थ्य मंत्री ने पूछताछ के दौरान रात्रि में वरिष्ठ चिकित्सकों के द्वारा भ्रमण नहीं करने की स्थिति को लेकर गंभीरता दिखाते हुए अब प्रतिदिन एक वरिष्ठ चिकित्सक की रात्रि विजिट हेतु मासिक ड्यूटी चार्ट बनाने के निर्देश दिए. ऑन कॉल पर शीघ्र पहुंचने कहा. उन्होंने मेडिकल कॉलेज के डीन एवं चिकित्सा अधीक्षक को कड़ाई से मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए. इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज के कितने डॉक्टर प्रायवेट प्रैक्टिस करते हैं और कितने निजी अस्पताल को रिफर करते हैं. उसकी सूची तैयार करने के निर्देश दिए. death of infants in Ambikapur medical collage
क्या हो सकता है कारण : स्वास्थ्य मंत्री ने कहा " आज अस्पताल आना पड़ा है. 4 बच्चों की मृत्यु सुबह 5 साढ़े पांच बजे से 8 बजे के बीच मे हुई है. 2 बच्चे वेंटिलेटर में थे. 2 बच्चे वार्ड में थे. ये बच्चे बहोत नाजुक स्थिति में रहते हैं. किसी को हार्ट डिजीज थी. कोई अंडर वेट है. किसी का हार्ट का ट्रबल था. किसको कंजेनाइटल एक्सपेसिया था. ये बात आ रही है. कि बिजली के नहीं रहने से ऐसा हुआ तो ये बात या रही है कि जो पैनल था उसमें शॉर्ट सर्किट हुआ. पहले 11 बजे उसे बनाया गया. फिर रात में 1 बजे बनाया गया. दूसरा जितने वेंटिलेटर बेड हैं उनमें बैकअप फेसलिटी है जैसे ही बिजली जाती है ये बैकअप सिस्टम चालू हो जाता है. तो बिजली के जाने से वेंटिलेटर के पलंग पर बच्चे को कोई भी असुविधा नही हो सकती है"
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कैसे होगी दोषियों पर कार्रवाई : टीएस सिंहदेव ने कहा "एक वेंटिलेटर का बैकअप काम नही कर रहा है. लेकिन वो उपयोग में भी नही है. उसे बनाने के लिए ऑर्डर गया हुआ है. जिनकी ड्यूटी लगी है वो डयूटी पर थे की नही. ग्रेड वन के डॉक्टर की ड्यूटी नाइट में नही लगती. लेकिन फिर भी राउंड लेने के निर्देश विभाग से दिये गए हैं. 8-8 घंटे में जिन डॉक्टरों को राउंड लेना है वो राउंड लिये की नही. इस बात की जांच होगी इसके बाद कार्रवाई होगी. मैंने ड्यूटी ड्यूटी रोस्टर भी मांगा लेकिन किन्हीं कारणों से ड्यूटी रजिस्टर उपलब्ध नही हो सका है. इस विषय मे भी जांच होगी कि हम लोग आए और अब तक ड्यूटी रोस्टर नहीं दिखाया गया. क्या वो बनाया हुआ नही था. यदि बनाया हुआ है तो कौन ड्यूटी डॉक्टर थे. इनमें अगर कमियां पाई गई तो एक्शन होगा, जांच 48 घंटे में पूरी होगी"Ambikapur medical collage