ETV Bharat / state

अम्बिकापुर : जर्जर भवन में खतरे के बीच पढ़ रहे हैं नौनिहाल, सुविधाओं का है बुरा हाल

सरगुजा जिले के लुंड्रा विकासखंड के शासकीय प्राथमिक स्कूल भिलाईकला का भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है और बच्चे यहां बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं.

भिलाईकला प्राथमिक स्कूल हो चुका है जर्जर
author img

By

Published : Aug 22, 2019, 11:56 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

अम्बिकापुर: सरकार शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता लाने का हरसंभव प्रयास कर रही है, लेकिन स्कूलों के जर्जर भवनों की मरम्मत नहीं कराया जा रहा है. ऐसा ही एक मामला सरगुजा जिले के लुंड्रा विकासखंड के शासकीय प्राथमिक स्कूल भवन भिलाईकला का है, जो पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. यहां किसी भी वक्त कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है. कई बार शिकायत करने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी चुप हैं.

students studying in bad condition of school in ambikapur
जर्जर भवन में खतरे के बीच पढ़ रहे हैं नौनिहाल

किसी भी समय छत के गिरने की आशंका
प्राथमिक स्कूल भिलाईकला के शिक्षक पलटनराम ने बताया कि, 'ये स्कूल बहुत पुराना है और अब इस भवन का छत धंस चुका है, जिसके किसी भी समय टूटने की आशंका है. इस वजह से बच्चों को पहली से पांचवीं तक दूसरे कमरे में पढ़ाई कराई जा रही है.'

बच्चों को लेकर बना रहता है डर
शिक्षक ने कहा कि, 'कई साल से इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की गई, लेकिन कोई भी इस परेशानी पर ध्यान नहीं दे रहा है. यहां हमेशा ये डर सताता रहता है कि छोटे-छोटे बच्चे खेलते हुए इस जर्जर कमरे में न चले जाए और कहीं कोई घटना न हो जाए.'

students studying in bad condition of school in ambikapur
जर्जर स्कूल में बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं बच्चे

पढ़ें- अपनी जमीन को वापस पाने कई सालों से विभागों के चक्कर काट रहा बुजुर्ग

'जर्जर बिल्डिंग में न कराएं पढ़ाई'
जिला शिक्षा अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि, 'सिर्फ धौरपुर का भिलाईकला स्कूल ही नहीं, बल्कि पूरे जिले के जर्जर भवनों की सूची मैंने तैयार कर ली है. इसके लिए जिला पंचायत ने एक करोड़ 53 लाख रुपए जारी कर दिया है. सभी स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि इस तरह के जर्जर बिल्डिंग में पढ़ाई न कराएं.

अम्बिकापुर: सरकार शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता लाने का हरसंभव प्रयास कर रही है, लेकिन स्कूलों के जर्जर भवनों की मरम्मत नहीं कराया जा रहा है. ऐसा ही एक मामला सरगुजा जिले के लुंड्रा विकासखंड के शासकीय प्राथमिक स्कूल भवन भिलाईकला का है, जो पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. यहां किसी भी वक्त कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है. कई बार शिकायत करने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी चुप हैं.

students studying in bad condition of school in ambikapur
जर्जर भवन में खतरे के बीच पढ़ रहे हैं नौनिहाल

किसी भी समय छत के गिरने की आशंका
प्राथमिक स्कूल भिलाईकला के शिक्षक पलटनराम ने बताया कि, 'ये स्कूल बहुत पुराना है और अब इस भवन का छत धंस चुका है, जिसके किसी भी समय टूटने की आशंका है. इस वजह से बच्चों को पहली से पांचवीं तक दूसरे कमरे में पढ़ाई कराई जा रही है.'

बच्चों को लेकर बना रहता है डर
शिक्षक ने कहा कि, 'कई साल से इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की गई, लेकिन कोई भी इस परेशानी पर ध्यान नहीं दे रहा है. यहां हमेशा ये डर सताता रहता है कि छोटे-छोटे बच्चे खेलते हुए इस जर्जर कमरे में न चले जाए और कहीं कोई घटना न हो जाए.'

students studying in bad condition of school in ambikapur
जर्जर स्कूल में बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं बच्चे

पढ़ें- अपनी जमीन को वापस पाने कई सालों से विभागों के चक्कर काट रहा बुजुर्ग

'जर्जर बिल्डिंग में न कराएं पढ़ाई'
जिला शिक्षा अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि, 'सिर्फ धौरपुर का भिलाईकला स्कूल ही नहीं, बल्कि पूरे जिले के जर्जर भवनों की सूची मैंने तैयार कर ली है. इसके लिए जिला पंचायत ने एक करोड़ 53 लाख रुपए जारी कर दिया है. सभी स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि इस तरह के जर्जर बिल्डिंग में पढ़ाई न कराएं.

Intro:अम्बिकापुर- सरकार शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता लाने का हर संभव प्रयास कर रही है लेकिन स्कूलों की जर्जर भवनों की मरम्मत का कार्य नहीं कराया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला सरगुजा जिले के लुंड्रा विकासखंड के शासकीय प्राथमिक शाला भवन भिलाई कला का है जो पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। और कोई बड़ा हादसा को न्योता दे रहा है, कई बार शिकायत करने के बाद भी अधिकारी मूक-बधिर बन बैठे हैं ।


Body:प्राथमिक शाला भिलाई कला के शिक्षक पलटन राम ने बताया कि यह स्कूल बहुत पुराना है और अब इस भवन का छत दब गया है ,कभी भी टूटने की संभावना है । जिसके चलते बच्चों को पहली से पाँचवी तक अतिरिक्त कक्ष मे पढ़ाई करवाते हैं। कई सालों से इसकी शिकायत अपने उच्च अधिकारियों को दी जा चुकी हैं लेकिन कोई भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है हमेशा डर सताता है की छोटे-छोटे बच्चे खेलते खेलते इस कमरे में ना चले जाएं और अनहोनी ना हो जाए।


Conclusion:वही जिला शिक्षा अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया की केवल धौरपुर के भिलाई कला स्कूल ही नहीं बल्कि पूरे जिले के जर्जर भवनों की मैंने सूची तैयार कर जिला पंचायत में एक करोड़ 53 लाख रुपए जारी कर दिया गया है सभी स्कूलों को निर्देश दे दिया गया है कि इस तरह के जर्जर बिल्डिंग में अध्यापन ना कराएं।

बाईट 01- पलटन राम ( शिक्षक)

बाईट02- मनोज कुमार सिंह (जिला शिक्षा अधिकारी )
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.