अंबिकापुर : कोरोना काल में प्रदेशभर के क्वॉरेंटाइन सेंटरों से आत्महत्या की खबरें लगातार सामने आ रही हैं. लॉकडाउन की वजह से फंसे हुए लोगों की मानसिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है, जिसके लिए राज्य सरकार ने प्रदेशभर के अस्पतालों में मनोरोग विशेषज्ञों की मदद से कॉउंसिलिंग किए जाने की योजना बनाई है. वहीं इसे लेकर निर्देश जारी किए गए हैं. सरकार के निर्देश के बाद अब मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी कॉउंसलिंग की व्यवस्था शुरू कर दी गई है.
विशेषज्ञ चिकित्सक आइसोलेशन वार्ड में जाकर भर्ती मरीजों की कॉउंसलिंग करेंगे. इसके साथ ही उनके मनोरंजन के लिए टीवी की भी व्यवस्था की जाएगी. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर किए गए लॉकडाउन के दौरान पहले और दूसरे चरण तक तो स्थिति ठीक रही, लेकिन तीसरे चरण के दौरान फंसे लोगों पर कोरोना संक्रमण के डर ने उनकी मानसिक स्थिति पर बुरा असर डाला है. यही कारण है कि प्रदेशभर में मारपीट, आत्महत्या सहित कई मामले सामने आए है. वहीं प्रदेशभर में क्राइम का ग्राफ बढ़ा है.
दो विशेषज्ञ चिकित्सकों को दी गई जिम्मेदारी
इन घटनाओं को लेकर राज्य सरकार ने गंभीरता दिखाई है. राज्य सरकार के साथ ही प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने निर्देश दिया था कि अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सक मरीजों और लोगों की कॉउंसलिंग करें. सरकार के निर्देश के बाद मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने भी कॉउंसलिंग की व्यवस्था शुरू कर दी है. इसके लिए दो विशेषज्ञ चिकित्सकों को जिम्मेदारी दी गई है.
क्वॉरेंटाइन सेंटरों में टीवी की व्यवस्था
विशेषज्ञ चिकित्सक आइसोलेशन वार्ड में आने वाले लोगों के पास जाकर उनसे मुलाकात करने के साथ ही उनकी कॉउंसलिंग करेंगे. इसके साथ ही उनके व्यवहार का अध्ययन करेंगे. लोगों के व्यवहार में बदलाव आने या किसी तरह की गड़बड़ी नजर आने पर इसकी रिपोर्ट मेडिकल कॉलेज को दी जाएगी, ताकि उन्हें बेहतर सुविधा दी जा सके. इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में टीवी भी लगाया जाएगा, ताकि उनका मनोरंजन भी होता रहे.
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अस्पताल अधीक्षक डॉ. पीएस सिसोदिया ने जानकारी दी है कि मेडिकल कॉलेज में कॉउंसलिंग की व्यवस्था शुरू कर दी गई है और अब इसका विस्तार भी किया जाएगा. मेडिकल कॉलेज में बने मनोरोग विभाग में सामान्य लोग भी आकर चिकित्सकीय परामर्श ले सकते हैं.