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SPECIAL: 60 फीसदी बारदाने और बदलते मौसम के डर के बीच धान खरीदी के लिए कितना तैयार सरगुजा ?

1 दिसंबर से प्रदेश भर में धान खरीदी शुरू होने जा रही है. ऐसे में ईटीवी भारत ने सरगुजा के धान खरीदी केंद्रों में तैयारियों का जायजा लिया. देखें ये खास रिपोर्ट.

paddy purchase preparation
धान खरीदी केंद्रों का जायजा
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Published : Nov 28, 2020, 10:21 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का त्योहार नजदीक है. एक दिसंबर से प्रदेश में धान खरीदी होनी है. शासन-प्रशासन ने इसके लिए सभी तैयारियां होने का दावा किया है. ETV भारत ने धान खरीदी केंद्रों की स्थिति आप तक पहुंचा रहा है. सरगुजा में 60 फीसदी बारदाना उपलब्ध हो पाया है. बदलते मौसम ने समितियों की चिंता बढ़ा रखी है.

कितना तैयार सरगुजा ?

ETV भारत ने सरगंवा स्थित नमनाकला धान खरीदी केंद्र में जाकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया तो पाया कि, धान रखने के लिए अतिरिक्त चबूतरे का निर्माण कराया जा रहा था. इसके साथ ही बारदाने और बारिश से धान को बचाने की समिति ने व्यवस्था कर ली है. इस धान खरीदी केंद्र में 6 चबूतरे पहले से बने हुए हैं और एक का निर्माण चल रहा है जो एक सप्ताह में तैयार हो जाएगा.

पढ़ें : SPECIAL: सरकार के ऐतिहासिक धान खरीदी के दावों पर विपक्ष के सवाल, ऐसी हैं तैयारियां

38 हजार किसानों का पंजीयन

जिला सहकारी बैंक के विपणन अधिकारी से हमने जानकारी ली तो पता चला कि इस बार वर्ष 2019-20 की तुलना में वर्ष 2020-21 में अधिक किसानों ने पंजीयन कराया है. पिछले साल 33 हजार 352 किसानों ने पंजीयन कराया था, तो वहीं इस वर्ष 38 हजार 421 किसानों ने पंजीयन कराया है. इस वर्ष 1 लाख 67 हजार टन धान खरीदी का लक्ष्य सरगुजा में रखा गया है.

पढ़ें- 31 जनवरी तक होगी धान खरीदी, छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक 2020 के प्रारूप का अनुमोदन

नई समितियों से मिलेगी सहूलियत

धान खरीदी केंद्रों में 60 प्रतिशत बारदाने पहुंचाए जा चुके हैं. जिम्मेदारों का कहना है कि बाकी बारदाने भी तय वक्त तक पहुंच जाएंगे. अभी तक सरगुजा जिले में कुल 27 समितियों के द्वारा धान खरीदी की जाती थी, जिसे बढ़ाकर 40 कर दिया गया है, इस फैसले से किसानों का काम आसान होगा. उन्हें घर या खेत के नजदीक में ही धान बेचना होगा. किसी को भी धान बेचने अधिक दूरी का सफर नही करना पड़ेगा, इससे किसानों के ट्रांस्पोर्टेशन का खर्च भी कम होगा.

मौसम ने डराया

सभी तैयारियों के बीच किसानों के लिए सबसे ज्यादा चिंता का विषय है मौसम. सरगुजा के बदलते मौसम ने किसानों और धान खरीदी करने वाली समितियों की चिंता बढ़ा दी है. हालांकि समितियों में धान को पानी से बचाने तिरपाल की व्यवस्था भी कर रखी है.

सरगुजा: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का त्योहार नजदीक है. एक दिसंबर से प्रदेश में धान खरीदी होनी है. शासन-प्रशासन ने इसके लिए सभी तैयारियां होने का दावा किया है. ETV भारत ने धान खरीदी केंद्रों की स्थिति आप तक पहुंचा रहा है. सरगुजा में 60 फीसदी बारदाना उपलब्ध हो पाया है. बदलते मौसम ने समितियों की चिंता बढ़ा रखी है.

कितना तैयार सरगुजा ?

ETV भारत ने सरगंवा स्थित नमनाकला धान खरीदी केंद्र में जाकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया तो पाया कि, धान रखने के लिए अतिरिक्त चबूतरे का निर्माण कराया जा रहा था. इसके साथ ही बारदाने और बारिश से धान को बचाने की समिति ने व्यवस्था कर ली है. इस धान खरीदी केंद्र में 6 चबूतरे पहले से बने हुए हैं और एक का निर्माण चल रहा है जो एक सप्ताह में तैयार हो जाएगा.

पढ़ें : SPECIAL: सरकार के ऐतिहासिक धान खरीदी के दावों पर विपक्ष के सवाल, ऐसी हैं तैयारियां

38 हजार किसानों का पंजीयन

जिला सहकारी बैंक के विपणन अधिकारी से हमने जानकारी ली तो पता चला कि इस बार वर्ष 2019-20 की तुलना में वर्ष 2020-21 में अधिक किसानों ने पंजीयन कराया है. पिछले साल 33 हजार 352 किसानों ने पंजीयन कराया था, तो वहीं इस वर्ष 38 हजार 421 किसानों ने पंजीयन कराया है. इस वर्ष 1 लाख 67 हजार टन धान खरीदी का लक्ष्य सरगुजा में रखा गया है.

पढ़ें- 31 जनवरी तक होगी धान खरीदी, छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक 2020 के प्रारूप का अनुमोदन

नई समितियों से मिलेगी सहूलियत

धान खरीदी केंद्रों में 60 प्रतिशत बारदाने पहुंचाए जा चुके हैं. जिम्मेदारों का कहना है कि बाकी बारदाने भी तय वक्त तक पहुंच जाएंगे. अभी तक सरगुजा जिले में कुल 27 समितियों के द्वारा धान खरीदी की जाती थी, जिसे बढ़ाकर 40 कर दिया गया है, इस फैसले से किसानों का काम आसान होगा. उन्हें घर या खेत के नजदीक में ही धान बेचना होगा. किसी को भी धान बेचने अधिक दूरी का सफर नही करना पड़ेगा, इससे किसानों के ट्रांस्पोर्टेशन का खर्च भी कम होगा.

मौसम ने डराया

सभी तैयारियों के बीच किसानों के लिए सबसे ज्यादा चिंता का विषय है मौसम. सरगुजा के बदलते मौसम ने किसानों और धान खरीदी करने वाली समितियों की चिंता बढ़ा दी है. हालांकि समितियों में धान को पानी से बचाने तिरपाल की व्यवस्था भी कर रखी है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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