सरगुजा: प्रेमी जोड़े के डबल मर्डर केस में कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाया है. कोर्ट ने युवक युवती की हत्या के आरोप में आरोपी युवक को आजीवन कारावास की सजा दी है. प्रेमी युगल की हत्या अपचारी बालक ने अपने साथी के साथ मिलकर की थी. फिलहाल अपचारी बालक का केस किशोर न्यायलय में चलेगा.
पुलिस जांच में तथ्य: बतौली थाना क्षेत्र के ग्राम सुवारपारा में 26 फरवरी 2021 की सुबह बागरसाय की बाड़ी के पुवाल में युवक युवती की अर्धनग्न लाश मिली थी. घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू की थी. प्रारंभिक जांच में मृतक की पहचान मैनपाट के ग्राम बंदना निवासी दिलीप पैकरा आ. लोहारसाय के रूप में की गई थी जो अपने रिश्तेदार के घर सुवारपारा में रहकर काम करता था जबकि मृतिका की पहचान गांव की उजाला खैरवार आ. रमेश खैरवार के रूप में की गई थी.
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गला दबाकर हत्या: जांच में यह बात भी सामने आई कि दोनों के बीच प्रेम संबंध था. युवती 23 फरवरी 2021 की शाम से लापता थी और परिजन उसकी तलाश कर रहे थे. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दिलीप पैकरा की मौत सिर पर गंभीर चोट लगने और उजाला खैरवार की मौत गला दबाने से होने की बात सामने आई थी. इस मामले में जांच के बाद पुलिस ने सुवारपारा निवासी एक अपचारी बालक के साथ ही 25 वर्षीय संतलाल उर्फ गट्टू आ. रविराम को धारा 302, 201, 34 के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
ऐसे की थी हत्या : जांच में यह बात भी सामने आई थी कि युवक युवती का प्रेम संबंध अपचारी बालक को रास नहीं आया था और उसने युवक व उसके परिजन को धमकी भी दी थी. 23 फरवरी 2021 की रात युवती अपने प्रेमी के साथ गांव में ही एक शादी समारोह में शामिल होने चली गई. शादी से निकलकर दोनों प्रेम संबंध बना रहे थे. इसी दौरान अपचारी बालक अपने साथी संतलाल के साथ मौके पर पहुंच गया और युवक की बेदम पिटाई कर उसकी हत्या कर दी, जबकि युवती के छाती पर बैठकर उसकी गला दबाकर हत्या की गई.
कोर्ट का फैसला: इस दोहरे हत्याकांड की सुनवाई प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश के कोर्ट में चल रही थी. इस दौरान राज्य की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक हेमंत तिवारी ने पैरवी की. न्यायालयीन सूत्रों के अनुसार कोर्ट में गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर संतलाल पर आरोप सिद्ध हुआ. आरोपी संतलाल 4 माह 18 दिन जेल में रहने के बाद जमानत पर था. न्यायाधीश ने सुनवाई के बाद मामले में आरोपी संतलाल को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास 500 रुपए अर्थ दंड, 201 के तहत 3 वर्ष कारावास और 500 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है. मुख्य आरोपी अपचारी बालक का प्रकरण पृथक से किशोर न्यायालय में चलने की बात कही जा रही है.