सरगुजा : अंबिकापुर शहर की सीमा में एक सप्ताह से एक हाथी डेरा जमाए हुए हैं. लेकिन वन विभाग इस हाथी को दूर खदेड़ने में नाकाम रहा है. शहर के पास हाथी के मौजूदगी से शहरवासियों में भय का माहौल है. इस एक सप्ताह में इस हाथी ने 2 लोगों को मौत के घाट उतार दिया है. बीते 2 दिन पहले एक ग्रामीण की लाश मिली थी. पोस्टमार्टम के बाद डॉक्टरों ने बताया कि हाथी के पटकने से ग्रामीण की मौत हुई है. बुधवार देर शाम अंबिकापुर शहर से लगे बंधियाचुआ गांव में वन चौकीदार को हाथी ने अपनी सूंड से दबाकर मार दिया.
अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में पोस्टमॉर्टम : वन कर्मचारी की मौत के बाद मृतक के शव को अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया है. यहां मृतक का शव का पोस्टमार्टम किया गया. इस दौरान वनपाल ने बताया कि ''वन विभाग की टीम डॉक्टरों को लेकर के हाथी का इलाज करने गई थी. हाथी की तबीयत कुछ दिनों से खराब थी. उसे दस्त की समस्या हो रही थी. दवाई देने के लिए पूरी टीम गांव में खड़ी थी. तभी अचानक टीले के ऊपर से हाथी दौड़ पड़ा और वन विभाग की टीम में अफरा-तफरी मच गई. लोग इधर-उधर भागने लगे लेकिन एक चौकीदार हाथी की चपेट में आ गया और उसकी मौत हो गई है.''
कौन था मृतक : मृतक बंधियाचुआ क्षेत्र का ही निवासी था, मृतक का नाम भीम है. मृतक भीम की पत्नी ने बताया कि शाम को खाना खाने के बाद 5 बजे वन विभाग के अधिकारियों ने उसे बुलाया और अपने साथ ले गए. अब अधिकारी बता रहे हैं कि जब हाथी दौड़ा रहा था. तो सारे लोग भाग गए. लेकिन भीम नहीं भाग सका और उसकी मौत हो गई.
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एक हाथी के सामने पूरा विभाग हारा : अब सवाल ये है कि एक सप्ताह से हाथी कभी शहर में तो कभी शहर के आसपास घूम रहा है. शहर में भय का माहौल निर्मित है. हाथी के हमले में अब तक दो मौतें हो चुकी है, ऐसे में वन विभाग हाथी को शहर से दूर ले जाने के लिए किस तरह के प्रयास कर रहा है यह समझ से परे है. वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. क्योंकि एक सप्ताह से एक हाथी को वन विभाग शहर से दूर जंगल नहीं पहुंचा सका है.