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Changes in rules of home isolation: होम आइसोलेशन के नियम में बदलाव, जानिए कोरोना मरीजों को अब कितने दिन रहना होगा होम आइसोलेट

Changes in rules of home isolation in Surguja: सरगुजा में कोरोना मरीजों के होम आइसोलेशन के नियम में बदलाव आया है. अब पहले के मुकाबले कोरोना संक्रमित मरीजों को केवल 7 दिनों के लिए ही होम आइसोलेशन में रहना होगा.

Changes in the rules of home isolation
होम आइसोलेशन के नियमों में बदलाव
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Published : Jan 19, 2022, 3:25 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: कोरोना की तीसरी लहर में अधिक से अधिक संख्या में लोग संक्रमण का शिकार हो रहे हैं. अधिकतर लोगों को होम आइसोलेशन में रखा जा रहा है. लोग घरों में ही आइसोलेट होकर ठीक हो रहे हैं. जिसकी अवधि अब कम कर दी गई है. होम आइसोलेशन में अब मरीजों को महज 7 दिन ही रहना होगा. इन सात दिनों की शुरुआत मरीजों के कोरना टेस्ट कराने के दिन से हो जाती है. लेकिन बड़ी बात यह है कि अंतिम तीन दिनों में लोगों को बुखार आता है तो उनके होम आइसोलेशन की अवधि को बढ़ाया जा सकता है.

नियम में किया गया बदलाव, पहले इस तरह का था नियम

होम आइसोलेशन के दौरान पहले के नियमों के साथ ही इस बार मरीज की देखभाल करने वाले व्यक्ति को दोनों डोज से शत प्रतिशत टीककरणयुक्त होना अनिवार्य कर दिया गया है. होम आइसोलेशन में इस बार हाई रिस्क के मरीजों को भी रखने की व्यवस्था कर दी गई है. हाई रिस्क के मरीजों की निगरानी चिकित्सक ही करेंगे. इसकी जानकारी परिजन को स्वास्थ्य विभाग के होम आइसोलेशन विभाग को देनी होगी.

यह भी पढ़ेंः Corona Update Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में कोरोना से 9 की मौत, 5614 लोग संक्रमित

लक्षण आधारित दवाएं

विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर में होम आइसोलेशन के मरीजों को हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन, एजिथ्रोमाइसिन, डॉक्सीसाइक्लिन, आइवरमेक्टिन देने की जरुरत पड़ी थी. लेकिन इस बार इन दवाओं से अलग सिर्फ लक्षण आधारित दवाएं ही लेने की सलाह दी जा रही है. बुखार रहने पर पेरासिटामोल दिया जा सकता है. काढ़ा और पानी का भाप ले सकते हैं. इस बार जिंक और विटामिन सी के टेबलेट की आवश्यकता भी नहीं पड़ रही है. दवाएं मरीजों को चिकित्सकों की सलाह पर ही लेनी है. लेकिन सामान्य दवाओं से भी मरीज जल्द ठीक हो रहे हैं.

सभी को सजग रहने की जरूरत

इस संबंध में जानकारी देते हुये होम आइसोलेशन के नोडल अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र गुप्ता ने ईटीवी भारत को बताया कि अभी कोरोना संक्रमण लोगों में घातक नहीं है. लेकिन यह तय नहीं है कि व्यक्ति में कब गंभीर लक्षण पैदा कर दे. कोविड से होने वाली मौतों को भी अभी तक समझा नहीं जा सका है. इस लिए हमें सजग रहने की जरूरत है. जो व्यक्ति होम आइसोलेशन में हैं. वह नियमों का पालन करें.आस-पास के लोग जिम्मेदार नागरिक की तरह इनपर निगरानी रखें. नियमों का उल्लंघन करने वालों की जानकारी होम आइसोलेशन के कंट्रोल रूम में दें. कोविड संक्रमण एक व्यक्ति पर भले ही ज्यादा असर ना डाल रहा हो. लेकिन किसी दूसरे व्यक्ति पर इसका असर घातक हो सकता है.

सरगुजा: कोरोना की तीसरी लहर में अधिक से अधिक संख्या में लोग संक्रमण का शिकार हो रहे हैं. अधिकतर लोगों को होम आइसोलेशन में रखा जा रहा है. लोग घरों में ही आइसोलेट होकर ठीक हो रहे हैं. जिसकी अवधि अब कम कर दी गई है. होम आइसोलेशन में अब मरीजों को महज 7 दिन ही रहना होगा. इन सात दिनों की शुरुआत मरीजों के कोरना टेस्ट कराने के दिन से हो जाती है. लेकिन बड़ी बात यह है कि अंतिम तीन दिनों में लोगों को बुखार आता है तो उनके होम आइसोलेशन की अवधि को बढ़ाया जा सकता है.

नियम में किया गया बदलाव, पहले इस तरह का था नियम

होम आइसोलेशन के दौरान पहले के नियमों के साथ ही इस बार मरीज की देखभाल करने वाले व्यक्ति को दोनों डोज से शत प्रतिशत टीककरणयुक्त होना अनिवार्य कर दिया गया है. होम आइसोलेशन में इस बार हाई रिस्क के मरीजों को भी रखने की व्यवस्था कर दी गई है. हाई रिस्क के मरीजों की निगरानी चिकित्सक ही करेंगे. इसकी जानकारी परिजन को स्वास्थ्य विभाग के होम आइसोलेशन विभाग को देनी होगी.

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लक्षण आधारित दवाएं

विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर में होम आइसोलेशन के मरीजों को हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन, एजिथ्रोमाइसिन, डॉक्सीसाइक्लिन, आइवरमेक्टिन देने की जरुरत पड़ी थी. लेकिन इस बार इन दवाओं से अलग सिर्फ लक्षण आधारित दवाएं ही लेने की सलाह दी जा रही है. बुखार रहने पर पेरासिटामोल दिया जा सकता है. काढ़ा और पानी का भाप ले सकते हैं. इस बार जिंक और विटामिन सी के टेबलेट की आवश्यकता भी नहीं पड़ रही है. दवाएं मरीजों को चिकित्सकों की सलाह पर ही लेनी है. लेकिन सामान्य दवाओं से भी मरीज जल्द ठीक हो रहे हैं.

सभी को सजग रहने की जरूरत

इस संबंध में जानकारी देते हुये होम आइसोलेशन के नोडल अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र गुप्ता ने ईटीवी भारत को बताया कि अभी कोरोना संक्रमण लोगों में घातक नहीं है. लेकिन यह तय नहीं है कि व्यक्ति में कब गंभीर लक्षण पैदा कर दे. कोविड से होने वाली मौतों को भी अभी तक समझा नहीं जा सका है. इस लिए हमें सजग रहने की जरूरत है. जो व्यक्ति होम आइसोलेशन में हैं. वह नियमों का पालन करें.आस-पास के लोग जिम्मेदार नागरिक की तरह इनपर निगरानी रखें. नियमों का उल्लंघन करने वालों की जानकारी होम आइसोलेशन के कंट्रोल रूम में दें. कोविड संक्रमण एक व्यक्ति पर भले ही ज्यादा असर ना डाल रहा हो. लेकिन किसी दूसरे व्यक्ति पर इसका असर घातक हो सकता है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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