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SPECIAL : कोरोना ने रोकी राजस्व वसूली की रफ्तार, लक्ष्य 6.50 करोड़ का, अब तक मिली 22 प्रतिशत राशि - छत्तीसगढ़ न्यूज

कोरोना ने अंबिकापुर निगम की आय पर भी रोक लगा दी है. कई बड़े बकायदारों के करों के भुगतान नहीं करने पर निगम को राजस्व की वसूली नहीं हो पा रही है.

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अंबिकापुर नगर निगम की राजस्व वसूली पिछड़ी
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Published : Oct 15, 2020, 2:28 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

अंबिकापुर: कोरोना संक्रमण काल में अंबिकापुर नगर निगम की राजस्व वसूली पिछड़ गई है. लॉकडाउन फिर कोरोना ड्यूटी के कारण नगर निगम राजस्व की वसूली नहीं कर पाया है. पिछड़े हुए राजस्व की वसूली तो नगर निगम कर लेगा, लेकिन ऐसे करदाता जो लंबे समय से करों का भुगतान नहीं कर रहे है, निगम के लिए उनसे कर वसूली करना बड़ी चुनौती होगी.

अंबिकापुर निगम की आय पर लगी रोक

बड़े बकाएदारों को नोटिस

ऐसे में निगम ने एक लाख रुपए व उससे अधिक के बड़े बकाएदारों को नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है. पहले चरण में नगर निगम ने 50 बड़े बकाएदारों को नोटिस जारी किया है जिनसे 1.7 लाख रुपए की वसूली करनी है, लेकिन यदि निगम के सम्पूर्ण राजस्व वसूली की बात की जाए तो यह साढ़े छह करोड़ से अधिक है और अब तक मह 22 प्रतिशत ही कर वसूली हो सकी है.

सालों ने नहीं हुआ कर का भुगतान

दरअसल नगर निगम द्वारा इस बार जलकर के साथ ही संपत्ति कर की वसूली के लिए अभियान चलाया गया है. बड़े कर दाताओं से वसूली के लिए उन्हें नोटिस जारी किया गया है. वाटर टैक्स के बाद अब शहर के 50 ऐसे बकाएदारों की सूची जारी कर उन्हें नोटिस दिया गया है, जिन्होंने सालों से कर का भुगतान नहीं किया है.

पढ़ें: कृषि सुधार कानून: दिवाली से पहले छत्तीसगढ़ सरकार ला सकती है नया कानून

6 करोड़ 50 लाख का टैक्स बकाया

निगम ने एक लाख से अधिक के बड़े बकाएदारों की सूची जारी की है, और इन 50 लोगों से ही निगम को 1.7 करोड़ रुपयों की वसूली करनी है, लेकिन सम्पूर्ण राजस्व वसूली की बात की जाए तो इस साल सम्पत्तिकर, समेकित कर व जलकर सहित अन्य करों के भुगतान के लिए 6 करोड़ 50 लाख का लक्ष्य दिया गया है. इस लक्ष्य को पूर्ण करने के लिए निगम को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि इस बार कोरोना संक्रमण के कारण लगातार लॉकडाउन लगता रहा, इसके साथ ही लॉकडाउन खुलने के बाद राजस्व टीम कोरोना ड्यूटी में व्यस्त है और यही कारण है कि अब तक महज 22 प्रतिशत राजस्व की ही वसूली हो सकी है. जो साढ़े छह करोड़ में से सिर्फ एक करोड़ की ही है.

कर वसूली नहीं होने से निगम की हालत खस्ता

राजस्व वसूली नहीं होने से निगम को भी आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है. दरअसल मिलने वाले इसी टैक्स से होने वाली आय से नगर निगम के कई कार्य संचालित किए जाते है. कर्मचारियों का भी भुगतान किया जाता है. इसके साथ ही इन करों की राशि से अनेकों निर्माण कार्य भी कराए जाते हैं.

पढ़ें: कृषि सुधार कानून: राज्य के पास नहीं है नया कानून बनाने का अधिकार- संजीव कुमार बालयान

नोटिस मिलने के बाद भी लापरवाही

नगर निगम में ऐसे कर दाता भी है जिन्होंने सालों से जलकर का भुगतान नहीं किया है, जबकि निगम की तरफ से मिलने वाले पानी का नियमित उपयोग कर रहे है. लगभग ढाई करोड़ से अधिक की बकाया राशि वाले बड़े बकाएदारों की सूची बनाई गई है. 100 बड़े बकाएदारों को नोटिस जारी किया है, ऐसे उपभोक्ताओं को कनेक्शन काटने की चेतावनी भी दी गई थी. इन उपभोक्ताओं पर एक से दो लाख तक का पानी बिल बकाया है. ननि ने जलकर का भुगतान करने वालों के कनेक्शन भी काटने शुरू किए है, लेकिन इसके बाद भी बड़े करदाताओं पर इसका असर नहीं पड़ा. शायद यही कारण है कि नोटिस जारी होने के बाद महज चार करदाताओं ने पानी बिल का भुगतान किया है व इनसे 53 हजार 572 रुपए की वसूली की गई है.

अंबिकापुर: कोरोना संक्रमण काल में अंबिकापुर नगर निगम की राजस्व वसूली पिछड़ गई है. लॉकडाउन फिर कोरोना ड्यूटी के कारण नगर निगम राजस्व की वसूली नहीं कर पाया है. पिछड़े हुए राजस्व की वसूली तो नगर निगम कर लेगा, लेकिन ऐसे करदाता जो लंबे समय से करों का भुगतान नहीं कर रहे है, निगम के लिए उनसे कर वसूली करना बड़ी चुनौती होगी.

अंबिकापुर निगम की आय पर लगी रोक

बड़े बकाएदारों को नोटिस

ऐसे में निगम ने एक लाख रुपए व उससे अधिक के बड़े बकाएदारों को नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है. पहले चरण में नगर निगम ने 50 बड़े बकाएदारों को नोटिस जारी किया है जिनसे 1.7 लाख रुपए की वसूली करनी है, लेकिन यदि निगम के सम्पूर्ण राजस्व वसूली की बात की जाए तो यह साढ़े छह करोड़ से अधिक है और अब तक मह 22 प्रतिशत ही कर वसूली हो सकी है.

सालों ने नहीं हुआ कर का भुगतान

दरअसल नगर निगम द्वारा इस बार जलकर के साथ ही संपत्ति कर की वसूली के लिए अभियान चलाया गया है. बड़े कर दाताओं से वसूली के लिए उन्हें नोटिस जारी किया गया है. वाटर टैक्स के बाद अब शहर के 50 ऐसे बकाएदारों की सूची जारी कर उन्हें नोटिस दिया गया है, जिन्होंने सालों से कर का भुगतान नहीं किया है.

पढ़ें: कृषि सुधार कानून: दिवाली से पहले छत्तीसगढ़ सरकार ला सकती है नया कानून

6 करोड़ 50 लाख का टैक्स बकाया

निगम ने एक लाख से अधिक के बड़े बकाएदारों की सूची जारी की है, और इन 50 लोगों से ही निगम को 1.7 करोड़ रुपयों की वसूली करनी है, लेकिन सम्पूर्ण राजस्व वसूली की बात की जाए तो इस साल सम्पत्तिकर, समेकित कर व जलकर सहित अन्य करों के भुगतान के लिए 6 करोड़ 50 लाख का लक्ष्य दिया गया है. इस लक्ष्य को पूर्ण करने के लिए निगम को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि इस बार कोरोना संक्रमण के कारण लगातार लॉकडाउन लगता रहा, इसके साथ ही लॉकडाउन खुलने के बाद राजस्व टीम कोरोना ड्यूटी में व्यस्त है और यही कारण है कि अब तक महज 22 प्रतिशत राजस्व की ही वसूली हो सकी है. जो साढ़े छह करोड़ में से सिर्फ एक करोड़ की ही है.

कर वसूली नहीं होने से निगम की हालत खस्ता

राजस्व वसूली नहीं होने से निगम को भी आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है. दरअसल मिलने वाले इसी टैक्स से होने वाली आय से नगर निगम के कई कार्य संचालित किए जाते है. कर्मचारियों का भी भुगतान किया जाता है. इसके साथ ही इन करों की राशि से अनेकों निर्माण कार्य भी कराए जाते हैं.

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नोटिस मिलने के बाद भी लापरवाही

नगर निगम में ऐसे कर दाता भी है जिन्होंने सालों से जलकर का भुगतान नहीं किया है, जबकि निगम की तरफ से मिलने वाले पानी का नियमित उपयोग कर रहे है. लगभग ढाई करोड़ से अधिक की बकाया राशि वाले बड़े बकाएदारों की सूची बनाई गई है. 100 बड़े बकाएदारों को नोटिस जारी किया है, ऐसे उपभोक्ताओं को कनेक्शन काटने की चेतावनी भी दी गई थी. इन उपभोक्ताओं पर एक से दो लाख तक का पानी बिल बकाया है. ननि ने जलकर का भुगतान करने वालों के कनेक्शन भी काटने शुरू किए है, लेकिन इसके बाद भी बड़े करदाताओं पर इसका असर नहीं पड़ा. शायद यही कारण है कि नोटिस जारी होने के बाद महज चार करदाताओं ने पानी बिल का भुगतान किया है व इनसे 53 हजार 572 रुपए की वसूली की गई है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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