अंबिकापुर: एलोवेरा की खेती किसानों को बड़ा लाभ दे सकती है. खेती की तमाम पद्धति लोग अपनाते हैं, छत्तीसगढ़ में परंपरागत रूप से धान, गन्ना व मक्के की फसल ही लगाई जाती है. लेकिन इन फसलों के लिए अधिक जमीन और अधिक मेहनत लगती है, लेकिन क्या आपको पता है कि एलोवेरा की खेती बेहद आसान है और इसे छोटे भू भाग पर भी किया जा सकता है.
एलोवेरा के औषधीय गुण बहोत हैं, ये कई तरह के फायदे देता है. इस वजह से इसकी डिमांड भी मार्केट में बढ रही है. एलोवेरा का जेल, जूस और भी अन्य उत्पाद बाजार में बिक रहे हैं. आप एलोवेरा की खेती करके आसानी से एक छोटी यूनिट लगाकर इसका जेल बना सकते है. इसके लिये बड़े मैकेनिज्म की जरूरत नही होती है. छोटे छोटे प्लांट आ गए हैं, जिनमें इसे प्रोसेस किया जा सकता है. - डॉ. संदीप, कृषि वैज्ञानिक
बाजार में है अच्छी डिमांड: जेल या जूस बनाने के बाद इसे आप अच्छी कीमत पर खुद ही बाजार में रिटेल या थोक सप्लाई कर सकते हैं. आज के समय में हर घर मे एलोवेरा यूज किया जा रहा है. वजन कम करने के लिये लोग इसका जूस पीते हैं, चेहरे को स्वस्थ रखने के लिये एलोवेरा जेल का पैक लगाते हैं, जल जाने पर उस स्थान पर इसे लगाने से ठंडक मिलती है. इस तरह के तमाम उपयोग एलोवेरा के हैं.
बेहतर व्यवसाय: बहुत बड़ा बिजनेस तो नहीं, लेकिन एक छोटे भू भाग पर आप एक छोटी इकाई लगाकर अच्छी आमदनी कर सकते हैं. खासकर वो युवा, जो बेरोजगार हैं, वो इस काम को कर अपना व्यवसाय खड़ा कर सकते हैं. कृषि विज्ञान केंद्र युवाओं और किसानों को हर तरह का तकनीकी सहयोग देता है. अगर खेती करने में कोई दिक्कत आ रही है, तो कृषि विज्ञान केन्द्र के विशेषज्ञों की सलाह भी ले सकते हैं.