अंबिकापुर: मेडिकल कॉलेज अस्पताल के जेल वार्ड से 3 महीने से फरार चल रहे कैदी को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी को दुष्कर्म के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, लेकिन बीमारी का बहाना बनाकर वो भागने में कामयाब रहा. इस मामले में एसपी ने कार्रवाई करते हुए पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित भी कर दिया था.
जानकारी के मुताबिक, सूरजपुर जिले के झिलमिली थाने के करौटी गांव के रहने वाले दिलभरन उर्फ बैजनाथ कंवर को नाबालिग से दुष्कर्म के केस में 7 साल कठोर कारावास के साथ ही आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. जिसके बाद 3 मार्च को उसे सूरजपुर उप जेल से केंद्रीय जेल में भेजा गया था. इस दौरान उसने भागने की प्लानिंग कर खाना-पीना छोड़ दिया और तबियत खराब होने का बहाना बनाकर अस्पताल में भर्ती हो गया.
पढ़ें: दुर्ग: ग्रामीण से विस्फोटक सामाग्री बरामद, खदान से करता था चोरी
इस तरह हुआ था फरार
मेडिकल वार्ड में उस समय दो कैदी मौजूद थे. 5 जून को आरक्षक कैदी दिलभरन को शौचालय लेकर गया. इसके बाद वो वहां से उसे लेकर वापस आया और हाथ में हथकड़ी लगा दी. आरक्षक इसके बाद दूसरे कैदी को शौचायल लेकर चला गया. इस दौरान दिलभरन किसी तरह से हथकड़ी निकालकर फरार हो गया. जानकारी के मुताबिक, जेल से भागने के बाद सबसे पहले आरोपी ने अपने कपड़े निकालकर अस्पताल के पीछे मौजूद तालाब में फेंक दिया. आरोपी इसके पहले भी हत्या के आरोप में सजा काट चुका था और फिर दुष्कर्म के आरोप में दोबारा आजीवन कारावास की सजा काटना उसे भारी लग रहा था.
नहीं काटना चाहता था जेल में जिंदगी
कैदी ने बताया कि पहले उसे लग रहा था कि अब उसकी पूरी जिंदगी जेल में कट जाएगी और इसलिए वह भाग निकला. पुलिस ने बताया कि दिलभरन शहर में रहकर रिक्शा चलाता था, इसलिए शहर की गलियों को जानता था. जेल से भागने के बाद वह शहर में घूम-घूमकर लोगों से मांगकर अपना जीवनयापन कर रहा था और कभी-कभी मजदूरी भी कर लेता था. रात को वह जंगल में जाकर छिप जाता था.
फरार कैदी सूरजपुर से गिरफ्तार
पुलिस टीम फरार कैदी के खिलाफ मणिपुर चौकी में धारा 224 के तहत अपराध दर्ज कर उसकी तलाश कर रही थी और घर के आसपास भी मुखबिर को तैनात किया गया था. इस बीच वह 13 सितंबर को वो अपनी पत्नी और बच्चों से मिलने के लिए घर पहुंचा. जिसके बाद सूरजपुर पुलिस की मदद से उसे गिरफ्तार कर लिया गया.