सक्ती: पूरे छत्तीसगढ़ में ग्रामीण डाक सेवक हड़ताल पर बैठे हैं. यही कारण है कि डाक सेवा छत्तीसगढ़ में पिछले तीन दिनों से ठप पड़ी है. डाक सेवक अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे हैं. हालांकि इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. डाक सेवकों की मानें तो इनकी पुरानी मांगों पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया. इसी कारण ये धरने पर बैठे हैं.
अपनी मांगों पर अड़े हड़तालकर्मी: दरअसल, देश भर में चल रहे ग्रामीण डाक सेवकों की हड़ताल का असर सक्ती जिले में भी देखने को मिल रहा है. अपनी सात सूत्रीय मांगो को लेकर अखिल भारतीय ग्रामीण डाक सेवक संघ अनिश्चितकालीन हड़ताल में है. इस बारे में ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान एक डाक सेवक ने कहा कि, "लंबे समय से हम अपनी जरूरी मांगो को लेकर आवाज उठाते रहे हैं, जिसमें प्रमुख रूप से 8 घंटे पेंशन सहित सभी सरकारी लाभ, सभी सिफारिशों को लागू करना शामिल है.
हमारी वर्षो पुरानी मांग पर सरकार जरा भी ध्यान नहीं दे रही है. इसलिए मजबूरन हमको हड़ताल पर बैठना पड़ा है. हड़ताल के तीसरे दिन भी ग्रामीण क्षेत्रों में डाक सेवाएं पूरी तरह ठप्प रही.- हरीश कुमार देवांगन,पोस्ट मास्टर, सक्ती
ये है डाक सेवकों की सात सूत्रीय मांग:
- 8 घंटे का काम पेंशन सहित सभी सरकारी लाभ
- कमलेश चन्द्र कमेटी की सभी सिफारीस को लागू करना. जैसे-12, 14, 36, 5 लाख ग्रेजवेटी, 180 दिनों की छुट्टी को आगे बढ़ाना और नगदी भुगतान करना.
- ग्रामीण डाक सेवक की SDBS में सेवा निर्वहन लाभ 3 फीसद से बढ़ाकर 10 फीसद करें.ग्रामीण डाक सेवक को पेंशन प्रदान करें.
- ग्रामीण डाक सेवक को सभी प्रकार की प्रोत्साहन योजना को समाप्त कर जैसे-आई.पी.पी.बी, आर.पी.एल.आई, बचत योजना मनरेगा भुगतान को बंद कर कार्यभार के गणना की जाए.
- व्यावसायिक लक्ष्यों को पूर्ण करने के लिए ग्रा. डा. सेवक कर्मचारियों को खुद के मोबाइल, फेसबुक, इंस्ट्राग्राम सोशल मिडिया का पालन करने के लिए बिना उनकी इच्छा और जानकारी के खिलाफ खुद के मोबाइल उपकरणों के उत्पीड़न को रोका जाय.
- समान काम के लिए समान वेतन के सिद्धांत को लागू कर 5 घंटे का TRCA सभी भेदभाव को समाप्त कर नियमित कर्मचारी के समान वार्षिक वेतन वृद्धि सुनिश्चित की जाए.
- शाखा डाकघरों का काम को बढ़ाने के लिए सभी शाखा डाकघरों को लेपटाप, प्रिंटर और ब्राडबैंड नेटवर्क दिया जाए.