राजनंदगांव: शहर में मां पाताल भैरवी मंदिर के संस्थापक योग ऋषि बर्फानी दादा का निधन हो गया है. निधन की खबर के बाद से मंदिर समिति सहित भक्तों में शोक की लहर है. भक्तों के बीच योग ऋषि बर्फानी दादा जी के नाम से प्रसिद्ध योगाधिराज ब्रम्हर्षि संत लाल बिहारी दास ने गुजरात के अहमदाबाद में अंतिम सांस ली है.
ऋषि बर्फानी दादा ने राजनांदगांव के मां पालात भैरवी सिद्ध शक्तिपीठ मंदिर और बर्फानी आश्रम की नींव रखी थी. बर्फानी दादा के निधन की खबर मिलते ही राजनांदगांव सहित देशभर में उनके भक्तों में शोक की लहर है. मंदिर में बने उनके कक्ष के भीतर बर्फानी दादा के आसन में उनकी तस्वीर रख कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया गया. इस दौरान उनके भक्तों ने उनके साथ बिताए पलों को याद किया.
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औषधि युक्त खीर का वितरण
शरद पूर्णिमा के अवसर पर यहां बार्फानी दादा जी की उपस्थिति में स्वांस, दमा सहित अन्य रोगों को दूर करने औषधि युक्त खीर का वितरण किया जाता है. उस प्रसाद को ग्रहण करने के लिए देश-विदेशों से लोग बर्फानी धाम आते हैं. बर्फानी दादा के भक्त देश और विदेशों में काफी संख्या में है. जो उनके दर्शन के लिए राजनांदगांव पहुंचते थे. बर्फानी दादा के निधन के बाद उनकी ईच्छा के तहत उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार की दोपहर राजस्थान के मेहंदीपुर बालाजी में किया जाएगा. उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होने राजनांदगांव सहित छत्तीसगढ़ के कई जिलों से भक्त मेहंदीपुर के लिए रवाना हुए हैं.
बर्फानी दादा ने की थी भविष्यवाणी
बर्फानी दादाजी ने वर्षाें पहले ही अपनी भविष्यवाणी में कहा था कि महाभारत के समय में जो गृहयोग थे वह आने वाला है और वर्ष 2012 से वर्ष 2020 तक इस गृहयोग का विशेष प्रभाव पडे़गा. भूकंप-भूचाल सहित देश में तरह-तहर की बिमारी आएगी. देश-विदेश में आपसी लड़ाई होगी. राजनीति में उथल-पुथल भी होगा.
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बर्फानी धाम में है 108 फीट ऊंची शिवलिंग
बर्फानी धाम में 108 फीट ऊंची शिवलिंग की स्थापना की गई है, जो मंदिर परिसर के ठीक ऊपर स्थापित है. वहीं शिवलिंग के ठीक सामने नंदी की भी मूर्ति स्थापित की गई है, जो भक्तों के लिए दर्शनीय है. इसके अलावा मंदिर के भीतर द्वादश ज्योतिर्लिंग की स्थापना की गई है, जहां पर भक्तों को भगवान शिव के ज्योतिर्लिंगों के एक साथ दर्शन होते हैं. बर्फानी धाम स्थित इस मंदिर में दूर दराज से भक्त हर साल माथा टेकने के लिए आते हैं.