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प्रेमी संग मिल कर ऐसी रची साजिश, जान उड़ जाएंगे होश - राजनांदगांव न्यूज

एक पत्नी ने अपने पति को रास्ते से हटाने के लिए उसे नक्सली साबित करने की कोशिश की. फिलहाल पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है और मामले की जांच में जुटी है.

पति को साबित किया नक्सली
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Published : Aug 31, 2019, 11:29 PM IST

Updated : Aug 31, 2019, 11:46 PM IST

राजनांदगांव: कहा जाता है पति-पत्नी का रिश्ता बहुत ही अटूट होता है. अग्नि को साक्षी मानकर दोनों सात फेरे लेते हैं और एक-दूसरे का साथ जिंदगी भर निभाने का वादा करते हैं. लेकिन जिले में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसमें एक पत्नी ने अपने पति को रास्ते से हटाने के लिए उसे नक्सली साबित करने की कोशिश की. फिलहाल पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है और मामले की जांच में जुटी है.

पति को साबित किया नक्सली

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बीते 24 जुलाई की रात लालबाग थाना पुलिस को मुखबिर के जरिए सूचना मिली कि कविराज टोला गांव में एक कार के भीतर नक्सली पैंपलेट और नक्सली सामग्री रखी गई है, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और कार के मालिक पवन ज्ञानचंदानी से पूछताछ की.

वायर, बैटरी समेत अन्य सामान जब्त
इसके बाद पुलिस ने ज्ञानचंदानी के कार की तलाशी ली, जिसमें कार की सीट के नीचे से एक थैले में बिजली का वायर, बैटरी समेत नक्सल सामग्री मिली. साथ ही एक नक्सल पर्चा मिला जिस पर उसे कमांडेंट बताया गया था और उस पर संदेश लिखा गया था कि नक्सल नेटवर्क के किसी भी व्यक्ति को अगर कुछ चाहिए तो वह इनसे संपर्क करें. पुलिस ने कार मालिक पवन ज्ञानचंदानी से बरामद सामान के बारे में पूछताछ की तो उन्होंने सामान को लेकर के कोई जानकारी ना होना बताया.

11 अगस्त को फिर लगाया गया था बैनर
वहीं 8 अगस्त को पैरी नदी के पास और 11 अगस्त को बुद्धूभरदा के श्मशान घाट में नक्सली बैनर लगा मिला. इसके बाद पुलिस अलर्ट हो गई और लगातार इस मामले की तह तक जाने के लिए अलग-अलग लोगों से पूछताछ करती रही. जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि तीनों नक्सली घटनाक्रम की सूचना एक ही व्यक्ति द्वारा दी गई है. तब पुलिस ने मामले की तह तक जाने के लिए कड़ी ढूंढने लगी.

ऐसे मिला सुराग
पुलिस को नक्सली मामले में बैनर लगाए जाने की सूचना अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एसोसिएशन के अध्यक्ष इमानवेल सिंह ने दी थी. पूछताछ में आरोपी इमानवेल ने बताया कि पवन ज्ञानचंदानी की पत्नी निर्मला सोनकर के साथ उसके संबंध है और वह लिव इन रिलेशनशिप में उसके साथ रह रहा है. निर्मला के पति को रास्ते से हटाने के लिए उसने यह साजिश रची थी. इस काम में उसने अपने परिचित महेंद्र देवांगन का सहयोग लेना भी बताया है.

पड़ोसी से जमीन विवाद के चलते किया सहयोग
इस मामले में कई तरीके की पेचीदा कहानियां भी सामने आई है. पुलिस ने बताया कि आरोपी इमानवेल के परिचित महेंद्र देवांगन का अपने पड़ोसी से जमीन को लेकर काफी दिनों से विवाद चल रहा था. इमानवेल ने महेंद्र को अपने पड़ोसी का नाम भी इस मामले में शामिल कर देने का झांसा देकर सहयोग के लिए राजी कर लिया.

बताया जा रहा है कि महेंद्र के सहयोग से ही बैनर और पोस्टर लगाए गए थे. लालबाग पुलिस ने आरोपियों के पास से एक नग नक्सली बैनर ब्रस, सिल्वर पेंट, 10 नग नक्सली पर्चे जब्त किए हैं और आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय गौरव अपमान अधिनियम के तहत कार्रवाई की है.

कपड़े ने खोला राज
इस मामले में एएसपी यू बी एस चौहान का कहना है कि नक्सली बैनर पोस्टर लगाए जाने की सूचना पुलिस को मिलने के बाद से लगातार इस मामले में खोजबीन की जा रही थी. इस बीच बैनर का 1 टुकड़ा संदिग्धों के पास मिला. पुलिस, आरोपी ने जिस दुकान से कपड़े खरीदे थे उसकी तलाश में जुट गए और फिर कपड़ा दुकान की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की, तब जाकर इस मामले का भांडा फूटा.

राजनांदगांव: कहा जाता है पति-पत्नी का रिश्ता बहुत ही अटूट होता है. अग्नि को साक्षी मानकर दोनों सात फेरे लेते हैं और एक-दूसरे का साथ जिंदगी भर निभाने का वादा करते हैं. लेकिन जिले में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसमें एक पत्नी ने अपने पति को रास्ते से हटाने के लिए उसे नक्सली साबित करने की कोशिश की. फिलहाल पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है और मामले की जांच में जुटी है.

पति को साबित किया नक्सली

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बीते 24 जुलाई की रात लालबाग थाना पुलिस को मुखबिर के जरिए सूचना मिली कि कविराज टोला गांव में एक कार के भीतर नक्सली पैंपलेट और नक्सली सामग्री रखी गई है, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और कार के मालिक पवन ज्ञानचंदानी से पूछताछ की.

वायर, बैटरी समेत अन्य सामान जब्त
इसके बाद पुलिस ने ज्ञानचंदानी के कार की तलाशी ली, जिसमें कार की सीट के नीचे से एक थैले में बिजली का वायर, बैटरी समेत नक्सल सामग्री मिली. साथ ही एक नक्सल पर्चा मिला जिस पर उसे कमांडेंट बताया गया था और उस पर संदेश लिखा गया था कि नक्सल नेटवर्क के किसी भी व्यक्ति को अगर कुछ चाहिए तो वह इनसे संपर्क करें. पुलिस ने कार मालिक पवन ज्ञानचंदानी से बरामद सामान के बारे में पूछताछ की तो उन्होंने सामान को लेकर के कोई जानकारी ना होना बताया.

11 अगस्त को फिर लगाया गया था बैनर
वहीं 8 अगस्त को पैरी नदी के पास और 11 अगस्त को बुद्धूभरदा के श्मशान घाट में नक्सली बैनर लगा मिला. इसके बाद पुलिस अलर्ट हो गई और लगातार इस मामले की तह तक जाने के लिए अलग-अलग लोगों से पूछताछ करती रही. जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि तीनों नक्सली घटनाक्रम की सूचना एक ही व्यक्ति द्वारा दी गई है. तब पुलिस ने मामले की तह तक जाने के लिए कड़ी ढूंढने लगी.

ऐसे मिला सुराग
पुलिस को नक्सली मामले में बैनर लगाए जाने की सूचना अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एसोसिएशन के अध्यक्ष इमानवेल सिंह ने दी थी. पूछताछ में आरोपी इमानवेल ने बताया कि पवन ज्ञानचंदानी की पत्नी निर्मला सोनकर के साथ उसके संबंध है और वह लिव इन रिलेशनशिप में उसके साथ रह रहा है. निर्मला के पति को रास्ते से हटाने के लिए उसने यह साजिश रची थी. इस काम में उसने अपने परिचित महेंद्र देवांगन का सहयोग लेना भी बताया है.

पड़ोसी से जमीन विवाद के चलते किया सहयोग
इस मामले में कई तरीके की पेचीदा कहानियां भी सामने आई है. पुलिस ने बताया कि आरोपी इमानवेल के परिचित महेंद्र देवांगन का अपने पड़ोसी से जमीन को लेकर काफी दिनों से विवाद चल रहा था. इमानवेल ने महेंद्र को अपने पड़ोसी का नाम भी इस मामले में शामिल कर देने का झांसा देकर सहयोग के लिए राजी कर लिया.

बताया जा रहा है कि महेंद्र के सहयोग से ही बैनर और पोस्टर लगाए गए थे. लालबाग पुलिस ने आरोपियों के पास से एक नग नक्सली बैनर ब्रस, सिल्वर पेंट, 10 नग नक्सली पर्चे जब्त किए हैं और आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय गौरव अपमान अधिनियम के तहत कार्रवाई की है.

कपड़े ने खोला राज
इस मामले में एएसपी यू बी एस चौहान का कहना है कि नक्सली बैनर पोस्टर लगाए जाने की सूचना पुलिस को मिलने के बाद से लगातार इस मामले में खोजबीन की जा रही थी. इस बीच बैनर का 1 टुकड़ा संदिग्धों के पास मिला. पुलिस, आरोपी ने जिस दुकान से कपड़े खरीदे थे उसकी तलाश में जुट गए और फिर कपड़ा दुकान की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की, तब जाकर इस मामले का भांडा फूटा.

Intro:राजनांदगांव. अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति को रास्ते से हटाने के लिए पत्नी ने नक्सली दहशत फैलाने तक की साजिश रच ली इसका खुलासा तब हुआ जब लालबाग पुलिस ने इस मामले में कड़ाई से पूछताछ करते हुए हर कड़ी को खंगाला. लालबाग थाना प्रभारी आशीर्वाद रहटगांवकर ने फर्जी नक्सल बैनर लगाने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.


Body:पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बीते 24 जुलाई की रात को लालबाग थाना पुलिस को मुखबिर के जरिए सूचना मिली कि कविराज टोला गांव में एक कार के भीतर नक्सली पंपलेट और नक्सली सामग्री रखी गई है खबर लगते ही पुलिस पार्टी मौके पर पहुंची और कार के मालिक पवन ज्ञानचंदानी से पूछताछ की मौके पर कार की तलाशी के दौरान कार की सीट के नीचे से एक थैले में नक्सल पर्चे बिजली के वायर बैटरी आदि के सामान मिले इसके साथ ही एक पर्चा मिला जिस पर उसे कमांडेंट बताया गया था और उस पर संदेश लिखा गया था कि नक्सली नेटवर्क के किसी भी अगर व्यक्ति को कुछ चाहिए तो वह इनसे संपर्क करें पुलिस ने कार मालिक पवन ज्ञानचंदानी से इस मामले में पूछताछ की तो उन्होंने सामान को लेकर के कोई जानकारी ना होना बताया. इसके बाद पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई.
11 अगस्त को फिर लगा बैनर
इसके बाद 8 अगस्त को पैरी नदी के पास और 11 अगस्त को बुद्धूभरदा के श्मशान घाट में नक्सली बैनर लगा मिला इसके बाद पुलिस अलर्ट हो गई और लगातार इस मामले की तह तक जाने के लिए अलग-अलग लोगों से पूछताछ करती रही जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि तीनों नक्सली घटनाक्रम की सूचना एक ही व्यक्ति द्वारा दी गई है तब पुलिस ने मामले की तह तक जाने के लिए कड़ी ढूंढने लगी.
ऐसे मिला सुराग
पुलिस को नक्सली मामले में बैनर लगाए जाने की सूचना अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एसोसिएशन के अध्यक्ष ईमानवेल सिंह ने दी थी. पूछताछ में आरोपी इमानवेल ने बताया कि पवन ज्ञानचंदानी की पत्नी निर्मला सोनकर के साथ उसके संबंध है और वह लिव इन रिलेशनशिप में उसके साथ रह रहा है उसके पति को रास्ते से हटाने के लिए उसने यह साजिश रची है. इस काम में उसने अपने परिचित महेंद्र देवांगन का सहयोग लेना भी बताया है.
पड़ोसी से जमीन विवाद के चलते किया सहयोग
इस मामले में कई तरीके की पेचीदा कहानियां भी सामने आई है पुलिस ने बताया कि ईमानवेल के परिचित महेंद्र देवांगन का अपने पड़ोसी से जमीन को लेकर काफी दिनों से विवाद चल रहा था इमानवेल ने महेंद्र को अपने पड़ोसी का नाम भी इस मामले में शामिल कर देने का झांसा देकर सहयोग के लिए राजी कर लिया बताया जा रहा है कि महेंद्र के सहयोग से ही बैनर और पोस्टर लगाए गए थे. लालबाग पुलिस ने आरोपियों के पास से एक नग नक्सली बैनर ब्रस सिल्वर पेंट 10 नग नक्सली पर्चे जप्त किए हैं और आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय गौरव अपमान अधिनियम के तहत कार्रवाई की है.



Conclusion:कपड़े ने खोला राज
इस मामले में ए एस पी यू बी एस चौहान का कहना है कि नक्सली बैनर पोस्टर लगाए जाने की सूचना पुलिस को मिलने के बाद से लगातार इस मामले में खोजबीन की जा रही थी इस बीच बैनर के 1 टुकड़े संदिग्धों के पास मिले इसके बाद पुलिस ने जिस दुकान से या कपड़ा खरीदा गया था उस दुकान की तलाश में लग गई और फिर कपड़ा उसी दुकान के होने की पुष्टि के बाद पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की, तब जाकर इस मामले का भांडा फूटा।
Last Updated : Aug 31, 2019, 11:46 PM IST
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