राजनांदगांव: 3 राज्यों की पुलिस जिस 30 लाख के इनामी नक्सली डेविड को तलाश रही थी, वो बुधवार को पकड़ा गया. राजनांदगांव पुलिस बल में तैनात 2 जवानों की सूझबूझ के चलते डेविड को जिंदा पकड़ लिया गया है. राजनांदगांव पुलिस बल में तैनात दोनों ही जवानों ने ETV भारत से बातचीत के दौरान बताया कि किस तरह नक्सली डेविड ने पुलिस को धोखा देने की कोशिश की. लेकिन फिर अंत में उनके मनोबल के आगे वह हिम्मत हार गया.
बीती रात कटेंगा से पेंड्रीडीह जाने वाले जंगल के रास्ते में हुई पुलिस नक्सली मुठभेड़ में नक्सली डेविड घायल हुआ था. पूरी रात पुलिस बल के जवानों ने जंगल में सर्चिंग की. लेकिन डेविड का कहीं पता नहीं चला. इस बीच सर्चिंग टीम खोबा गांव तक पहुंची. जहां खेत में काम कर रही महिलाओं के बीच में नक्सली डेविड ग्रामीण बनकर छुपा हुआ था. पुलिस के जवान जब महिलाओं से पूछताछ कर रहे थे इस दौरान नक्सली डेविड पुलिस जवानों से नजर बचाकर भागने लगा. जिसे जवान उमाशंकर लहुरिया और आरक्षक जितेंद्र कुमार ने भांप लिया.
राजनांदगांव: नक्सल मुठभेड़ में घायल हुए 30 लाख के इनामी नक्सली का पुलिस करा रही इलाज
फेंसिंग से कूदकर भाग रहा था डेविड
देखते ही देखते डेविड खेतों के रास्ते फेंसिंग से कूदकर जंगल की ओर भागने लगा. इस बीच आरक्षक जितेंद्र कुमार ने एक ईंट उठाकर डेविड की ओर फेंकी जिससे वो हड़बड़ा गया. नक्सली डेविड पहले ही पुलिस की गोली का शिकार हो चुका था. इसके चलते उसकी हिम्मत अब जवाब दे चुकी थी. फिर वह गांव के एक रास्ते तक जैसे-तैसे पहुंचा. जहां थक जाने की वजह से डेविड ने दोनों ही जवानों के सामने सरेंडर कर दिया.
डेविड पर दर्ज हैं कई संगीन मामले
दर्रेकसा दलम का प्लाटून कमांडर और डीवीसी मेंबर डेविड की गिनती खूंखार नक्सलियों में होती है. डेविड गढ़चिरौली के सांवली थाना कोर्ची का रहने वाला है. जो कि नक्सलियों के नए एमएमसी जॉन के प्लाटून नंबर वन का कमांडर और डीवीसी मेंबर है. पुलिस डेविड को लंबे समय से तलाश रही थी. साल्हेकसा दर्रेकसा दलम में बीते साल मारे गए सात नक्सलियों के बाद डेविड राजनांदगांव पुलिस के निशाने पर था. डेविड पर राजनांदगांव, गढ़चिरौली, गोंदिया, बालाघाट जिले में हत्या, पुलिस पार्टी पर हमला करने जैसे संगीन अपराध दर्ज हैं.