राजनांदगांव: जिले में कोरोना के आंकड़ें तेजी से बढ़ते जा रहे है. जिले के डोंगरगांव में कोरोना की वजह से 15 दिनों के अंदर तीन सगे भाई-बहन की मौत हो गई है. जिसने नगरवासियों को सदमें में डाल दिया है. बता दें कि तीनों भाई बहन कोरोना से संक्रमित थे और इनमें से बहन सबसे बड़ी थी, जो सेवानिवृत्त शिक्षिका थी. पहले दो भाईयों की मौत राजनांदगांव और रायपुर में इलाज दौरान हुई थी. वहीं मृतकों के बड़ी बहन का इलाज रायपुर के निजी अस्पताल में जारी था. जिनकी इलाज के दौरान गुरुवार को मौत हो गई.
प्रभारी बीएमओ डॉ.एके बंसोड़ ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार शहर के मुक्तिधाम में कोविड-19 के गाइड लाइन के मुताबिक किया गया है. वहीं गुरूवार को एक बार फिर डोंगरगांव में कोरोना का कहर टूटा है. गुरुवार को शहर में 8 कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई हैं. इनमें पांच महिलाएं और 3 पुरूष शामिल हैं. इनमें से अधिकतर प्रायमरी कांटेक्ट के मरीज हैं. जबकि एक बैंककर्मी के भी पॉजिटिव होने की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग ने की है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक बुधवार देर रात RT-PCR जांच की रिपोर्ट में भी डोंगरगांव में 4 कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए गए थे. इनमें से 3 एक ही परिवार से हैं. जबकि एक वार्ड-15 से है. गुरूवार को जिन आठ संक्रमितों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. उनमें से ज्यादातर हॉट स्पॉट बने सदर लाइन और उससे लगे किलापारा वार्ड राजनांदगांव से हैं.
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छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. अब तक कुल संक्रमितों की संख्या 1 लाख 16 हजार से ज्यादा हो चुकी है. इनमें से 84 हजार 699 लोगों को ठीक कर लिया गया है. बाकी बचे हुए मरीजों का इलाज अलग-अलग कोविड 19 अस्पतालों में जारी है. इसके साथ ही होम आइसोलेशन में रहकर इलाज कराने वालों की संख्या 32 हजार 133 है.
- गुरुवार को 2,551 नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान हुई है.
- 2,235 मरीजों को इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है.
- राज्य में कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 30 हजार 468 है.
- कोरोना से मरने वालों की संख्या हुई 986.
स्वास्थ्य विभाग की मानें, तो अक्टूबर महीने तक 2 लाख लोगों के संक्रमित होने के अनुमान को मद्देनजर रखते हुए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. अस्पतालों में वेंटिलेटर और ऑक्सीजन युक्त बेड की संख्या में इजाफा किया जा रहा है. मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट के लिए टेंडर जारी किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. धार्मिक संगठनों की मदद से उनके अपने संस्थानों में कोविड-19 सेंटर बनाने की तैयारियां भी की जा रही हैं, ताकि मरीज बढ़ें तो बेड कम ना पड़े.