राजनांदगांव: कोरोना वायरस के संक्रमण से पूरा देश जूझ रहा है. इस बीच कई ऐसे लोग हैं, जो कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए जी जान से लड़ रहे हैं. ऐसे ही एक शख्स हैं डोंगरगांव के प्रतुल कुमार वैष्णव, जो पेशे से शिक्षक हैं. लेकिन उन्होंने अपनी सोच को इस तरीके से विकसित किया कि आज ब्लॉक मुख्यालय में 50 बिस्तरों का कोविड-19 अस्पताल तैयार कर लिया है. कोविड-19 अस्पताल की स्थापना को लेकर शिक्षक प्रतुल वैष्णव ने पहल की. उनकी यह पहल 50 बिस्तरों के अस्पताल का रूप ले चुकी है.
ETV भारत से चर्चा करते हुए शिक्षक प्रतुल कुमार वैष्णव ने बताया कि नगर के एक सरकारी भवन में उन्होंने अस्पताल शुरू करने का प्रस्ताव रखा. इसके लिए बिस्तर से लेकर आवश्यक मेडिकल उपकरण उन्होंने खुद अपने खर्च से लगवाए. शिक्षक की बेहतर सोच को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग भी उनकी व्यवस्था पर काम करने के लिए तैयार हो गया. देखते-देखते कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए सर्व सुविधा युक्त 50 बिस्तरों का अस्पताल तैयार हो गया.
ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाओं का फायदा पहुंचाना उदेश्य
प्रतुल बताते हैं कि ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर तरीके से मिल सके इसके लिए क्षेत्र में कोविड-19 अस्पताल का होना बेहद जरूरी था. उन्होंने बताया कि भवन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के बाद उन्होंने आवश्यक मेडिकल उपकरण की खरीदी की और फिर स्वास्थ्य विभाग के मार्गदर्शन में उन्होने ये अस्पताल तैयार करवाया. शुरुआत में अस्पताल में 10 बेड की व्यवस्था उन्होंने की थी. बाद में स्वास्थ विभाग और स्थानीय जनप्रतिनिधि के सहयोग से 40 अन्य बिस्तर तैयार किए गए हैं. यानी अब अस्पताल में कुल 50 कोविड बेड तैयार हैं.
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जल्द होगी शुरुआत
प्रतुल ने बताया कि अस्पताल को जल्द ही शुरू किया जाएगा. वर्तमान में जो संक्रमित मरीज आ रहे हैं उन्हें राजनांदगांव स्थित मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया जा रहा है. स्वास्थ विभाग से लगातार चर्चा चल रही है. अस्पताल में डॉक्टर और नर्स की उपलब्धता सुनिश्चित करने के बाद जल्दी ही अस्पताल शुरू किया जाएगा.
क्षेत्र के हालात चिंताजनक
जिले में कोरोना का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिले में अब तक करीब 10 हजार लोग कोरोना की जद में आ चुके हैं. हर ब्लॉक में संक्रमण तेजी से फैल रहा है. जिला मुख्यालय से तकरीबन 30 किलोमीटर दूर डोंगरगांव ब्लॉक की भी स्थिति काफी खराब है. यहां हर दिन करीब 20 से 25 मरीज सामने आ रहे हैं. ऐसे हालात में स्वास्थ विभाग की भी चिंता बनी हुई है.