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SPECIAL: राखी व्यापारियों पर कोरोना की मार, टोटल लॉकडाउन से सूना पड़ा बाजार - राखी व्यापारियों पर कोरोना संकट

राजनांदगांव में राखी व्यापारी दुकान सजाकर तैयार ही किए थे कि जिला प्रशासन ने लॉकडाउन का फरमान जारी कर दिया. ऐसे में अब लॉकडाउन से राखी व्यापारी परेशानी के राह पर हैं. उनका कहना है कि त्योहार के पहले लॉकडाउन नहीं खुला, तो राखी एक साल के लिए धरी की धरी रह जाएगी. जिससे उनको लाखों का नुकसान होगा.

Rakhi Traders upset
राखी व्यापारी परेशान
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Published : Jul 26, 2020, 11:02 PM IST

राजनांदगांव: शहर में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए किए गए टोटल लॉकडाउन का बड़ा साइड इफेक्ट सामने आ रहा है. शहर में किए गए टोटल लॉकडाउन से रक्षाबंधन के त्योहार में राखी बेचने वाले व्यापारियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है. शहर में रक्षाबंधन के त्यौहार के लिए राखियों की दुकानें सज कर तैयार हुई थी, कि अब व्यापारियों को अपनी दुकानें समेटनी पड़ गई है. टोटल लॉकडाउन के कारण राखियों की दुकान भी पूरी तरीके से बंद करवा दी गई है, जिसका व्यापारी विरोध कर रहे हैं और व्यापारियों में नाराजगी भी है.

राजनांदगांव में लॉकडाउन के कारण राखी व्यापारी परेशान
व्यापारियों का कहना है कि त्योहारी सीजन होने के कारण पहले से ही राखियों का स्टॉक मंगवा कर रख लिया गया था. शहर में 100 से अधिक राखियों की दुकानें लगती हैं, जिसमें से रक्षाबंधन के अवसर पर व्यापारी अच्छा खासा व्यापार करते हैं, लेकिन टोटल लॉकडाउन लगाए जाने के बाद से दुकानें पूरी तरीके से बंद कर दी गई है. इससे उनका पूरा स्टॉक जाम है. स्टॉक जाम होने से व्यापारियों को इस बार तगड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. अब सीधे तौर पर 1 साल के लिए स्टॉक जाम रहेगा. व्यापारियों को इस स्टॉक का पूरा पेमेंट त्योहार के बाद घर से करना पड़ेगा. साथ ही व्यापारियों को इस बार तकरीबन 3 करोड़ का कारोबार प्रभावित होगा.
Rakhi Bazaar was deserted
सूना पड़ा राखी बाजार
ऐसे हो रहा व्यापारियों को नुकसानव्यापारियों ने बताया कि रक्षाबंधन के त्योहार को ध्यान में रखते हुए शहर के हर व्यापारी ने पहले ही तकरीबन 5 लाख रुपए तक का सामान मंगवा कर गोदाम में रख लिया था. रक्षाबंधन के 20 दिन पहले दुकानें खोली जाती हैं, ताकि रक्षाबंधन के अवसर पर बाहर भेजे जाने वाली राखियों को भी समय से भेजा जा सके, लेकिन शहर में जैसे ही राखियों की दुकान सजी प्रशासन ने टोटल लॉकडाउन कर दिया. अब ऐसी स्थिति में राखियों का पूरा स्टॉक व्यापारियों के पास जाम है. अब लॉकडाउन खोला भी जाता है तो उन्हें बाहर भेजे जाने वाली राखियों की होने वाली सेलिंग नहीं मिल पाएगी. इस कारण उन्हें सीधे तौर पर नुकसान उठाना पड़ेगा.
Rakhi traders are in trouble due to lockdown in rajnandgaon
राजनांदगांव में राखियों का बाजार
राखियां खरीदने की दी जानी चाहिए छूटव्यापारियों की मानें तो रक्षाबंधन के त्यौहार को देखते हुए बाजार में राखियों की दुकानों को कुछ समय के लिए खोलने की छूट दी जानी चाहिए थी, ताकि बहनें राखियां खरीद सकें और उसे अपने भाइयों तक भेज सके. राखी का व्यापार करने वाली प्रज्ञा जैन का कहना है कि इस बार राखियों की बिक्री अपेक्षित नहीं हो पाई. प्रशासन को रक्षाबंधन की एक हफ्ते पहले टोटल लॉकडाउन में छूट दी जानी चाहिए. इसके साथ ही स्थानीय भी राखी खरीदने के लिए छूट देने की मांग कर रहे हैं.

राखी व्यापारी आर्थिक रूप से परेशान

बता दें कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा होने के कारण जिला प्रशासन ने 23 जुलाई से टोटल लॉकडाउन कर दिया है, लेकिन इस लॉकडाउन का सबसे बड़ा खामियाजा शहर में राखी व्यापारियों को भुगतना पड़ रहा है. जिले में केवल दूध और मेडिकल सुविधाओं को ही खोले जाने की अनुमति दी गई है, शेष दुकानों को पूरी तरीके से बंद रखने के आदेश दिए गया है. इससे राखी व्यापारी अब आर्थिक रूप से परेशान नजर आ रहे हैं.

राजनांदगांव: शहर में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए किए गए टोटल लॉकडाउन का बड़ा साइड इफेक्ट सामने आ रहा है. शहर में किए गए टोटल लॉकडाउन से रक्षाबंधन के त्योहार में राखी बेचने वाले व्यापारियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है. शहर में रक्षाबंधन के त्यौहार के लिए राखियों की दुकानें सज कर तैयार हुई थी, कि अब व्यापारियों को अपनी दुकानें समेटनी पड़ गई है. टोटल लॉकडाउन के कारण राखियों की दुकान भी पूरी तरीके से बंद करवा दी गई है, जिसका व्यापारी विरोध कर रहे हैं और व्यापारियों में नाराजगी भी है.

राजनांदगांव में लॉकडाउन के कारण राखी व्यापारी परेशान
व्यापारियों का कहना है कि त्योहारी सीजन होने के कारण पहले से ही राखियों का स्टॉक मंगवा कर रख लिया गया था. शहर में 100 से अधिक राखियों की दुकानें लगती हैं, जिसमें से रक्षाबंधन के अवसर पर व्यापारी अच्छा खासा व्यापार करते हैं, लेकिन टोटल लॉकडाउन लगाए जाने के बाद से दुकानें पूरी तरीके से बंद कर दी गई है. इससे उनका पूरा स्टॉक जाम है. स्टॉक जाम होने से व्यापारियों को इस बार तगड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. अब सीधे तौर पर 1 साल के लिए स्टॉक जाम रहेगा. व्यापारियों को इस स्टॉक का पूरा पेमेंट त्योहार के बाद घर से करना पड़ेगा. साथ ही व्यापारियों को इस बार तकरीबन 3 करोड़ का कारोबार प्रभावित होगा.
Rakhi Bazaar was deserted
सूना पड़ा राखी बाजार
ऐसे हो रहा व्यापारियों को नुकसानव्यापारियों ने बताया कि रक्षाबंधन के त्योहार को ध्यान में रखते हुए शहर के हर व्यापारी ने पहले ही तकरीबन 5 लाख रुपए तक का सामान मंगवा कर गोदाम में रख लिया था. रक्षाबंधन के 20 दिन पहले दुकानें खोली जाती हैं, ताकि रक्षाबंधन के अवसर पर बाहर भेजे जाने वाली राखियों को भी समय से भेजा जा सके, लेकिन शहर में जैसे ही राखियों की दुकान सजी प्रशासन ने टोटल लॉकडाउन कर दिया. अब ऐसी स्थिति में राखियों का पूरा स्टॉक व्यापारियों के पास जाम है. अब लॉकडाउन खोला भी जाता है तो उन्हें बाहर भेजे जाने वाली राखियों की होने वाली सेलिंग नहीं मिल पाएगी. इस कारण उन्हें सीधे तौर पर नुकसान उठाना पड़ेगा.
Rakhi traders are in trouble due to lockdown in rajnandgaon
राजनांदगांव में राखियों का बाजार
राखियां खरीदने की दी जानी चाहिए छूटव्यापारियों की मानें तो रक्षाबंधन के त्यौहार को देखते हुए बाजार में राखियों की दुकानों को कुछ समय के लिए खोलने की छूट दी जानी चाहिए थी, ताकि बहनें राखियां खरीद सकें और उसे अपने भाइयों तक भेज सके. राखी का व्यापार करने वाली प्रज्ञा जैन का कहना है कि इस बार राखियों की बिक्री अपेक्षित नहीं हो पाई. प्रशासन को रक्षाबंधन की एक हफ्ते पहले टोटल लॉकडाउन में छूट दी जानी चाहिए. इसके साथ ही स्थानीय भी राखी खरीदने के लिए छूट देने की मांग कर रहे हैं.

राखी व्यापारी आर्थिक रूप से परेशान

बता दें कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा होने के कारण जिला प्रशासन ने 23 जुलाई से टोटल लॉकडाउन कर दिया है, लेकिन इस लॉकडाउन का सबसे बड़ा खामियाजा शहर में राखी व्यापारियों को भुगतना पड़ रहा है. जिले में केवल दूध और मेडिकल सुविधाओं को ही खोले जाने की अनुमति दी गई है, शेष दुकानों को पूरी तरीके से बंद रखने के आदेश दिए गया है. इससे राखी व्यापारी अब आर्थिक रूप से परेशान नजर आ रहे हैं.

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