राजनांदगांव: भाजपा ने 21 विधानसभा सीटों पर इस बार नए प्रत्याशियों को उतारा. घोषित सीटों में राजनांदगांव जिले की तीन सीटें भी शामिल है. खुज्जी विधानसभा सीट से वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष गीता घासी साहू को प्रत्याशी बनाया गया है. मोहला मानपुर विधानसभा सीट से संजीव शाह को प्रत्याशी बनाया गया है. जो पूर्व विधायक भी रह चुके हैं. तीसरी सीट है खैरागढ़ विधानसभा, जिस पर विक्रांत सिंह को प्रत्याशी बनाया गया है. टिकट बंटवारे के बाद खैरागढ़ सीट ज्यादा चर्चा में है.
क्यों है चर्चा: खैरागढ़ विधानसभा सीट से विक्रांत सिंह को प्रत्याशी बनाया गया है. जो छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के भांजे हैं. पिछले तीन चुनावों से विक्रांत सिंह टिकट के लिए दावेदारी कर रहे थे लेकिन इस बार 2023 के विधानसभा चुनाव में उन्हें मौका दिया गया है. युवा वर्ग को साधने के लिए इस बार जातिगत समीकरण को छोड़कर भाजपा ने विक्रम सिंह को प्रत्याशी बनाया है.
कांग्रेस ने लगाया आरोप: विक्रांत सिंह को विधानसभा टिकट देने के बाद कांग्रेस भाजपा पर आक्रामक हो गई है. कांग्रेस ने परिवारवाद का मुद्दा उठाया है. कांग्रेस का कहना है कि दूसरी पार्टी पर हमेशा परिवारवाद का आरोप लगाने वाले भाजपा में ही अब परिवारवाद देखने को मिल रहा है.
भाजपा की कथनी और करनी में अंतर है. परिवारवाद की बात करने वाली भाजपा ने उन्हें प्रत्याशी बनाया है. इससे भाजपा का चाल चरित्र और चेहरा उजागर हो रहा है. खैरागढ़ की जनता उन्हें सबक सिखाएगी. रूपेश दुबे, जिला प्रवक्ता, कांग्रेस
कौन है विक्रांत सिंह: विक्रांत सिंह खैरागढ़ के बाजार अतरिया क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य व जिला पंचायत राजनांदगांव के उपाध्यक्ष हैं. भाजपा के कई पदों पर रह चुके हैं.खैरागढ़ महाविद्यालय में 2001-2002 में हुए चुनाव से राजनीति की शुरुआत करने वाले विक्रांत सिंह 2 बार नगर पंचायत खैरागढ़ के अध्यक्ष रहे. जनपद पंचायत खैरागढ़ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. विक्रांत सिंह के पास भाजयुमो संगठन में काम करने का भी अनुभव है. वे भाजयुमो के प्रदेश उपाध्यक्ष के पद पर भी काम कर चुके हैं. विक्रांत सिंह पिछले 15 सालों से पूरे खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हैं.