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बहन ने कराई भाई के घर 60 लाख की डकैती, संपत्ति में चाहती थी हिस्सा, रिटायर्ड सबूेदार भी गिरफ्तार - 60 LAKH ROBBERY IN RAIPUR

11 फरवरी को पुलिस नगरीय निकाय चुनाव में बिजी थी. तब आर्मी ड्रेस में आए बदमाशों ने लूट की वारदात को अंजाम दिया.

60 lakh robbery in Raipur revealed
डकैती कांड में 10 लोग गिरफ्तार (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 13, 2025, 6:33 PM IST

Updated : Feb 13, 2025, 6:49 PM IST

रायपुर: पैसों के लालच में बहन ने अपने ही भाई के घर डकैती डलवा दी. रायपुर के खमारडीह थाना इलाके में पॉश कॉलोनी है अनुपम नगर. 11 फरवरी को पुलिस नगरीय निकाय का मतदान कराने में जुटी थी. उसी वक्त अनुपम नगर के रहने वाले मनोहरण वेलु के घर में डकैत घुस जाते हैं. डकैत डकैती की वारदात को अंजाम देने के लिए आर्मी की ड्रेस पहनकर पहुंचे थे. डकैतों ने परिवार वालों को बंधक बनाकर 60 लाख लूट लिए और मौके से फरार हो गए.

बहन ने कराई भाई के घर डकैती: रायपुर पुलिस और एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट की संयुक्त टीम ने 36 घंटे के भीतर डकैती में शामिल सभी 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों को नागपुर और छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जगहों से पकड़ा गया. डकैती के पीछे की मुख्य वजह जो पुलिस ने बताई उसके मुताबिक प्रॉपर्टी और हिस्से को लेकर पीड़ित की बहन दुखी थी. बहन चाहती थी कि जमीन की बिक्री से जो पैसा मिला है उसमें उसका भी हिस्सा होना चाहिए.

बहन ने कराई भाई के घर डकैती (ETV Bharat)

बीएसएफ के रिटायर्ड सूबेदार ने दिया साथ: आईजी अमरेश मिश्रा के मुताबिक आरोपी बहन ने अपने एक मित्र जो कि बीएसएफ का रिटायर्ड सूबेदार है. उसके साथ मिलकर इस पूरी योजना को अंजाम दिया. पकड़े गए सभी आरोपियों के खिलाफ खमारडीह पुलिस ने बीएनएस और आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई की है.

आईजी अमरेश मिश्रा ने किया खुलासा: रायपुर रेंज के आईजी अमरेश मिश्रा ने कहा बताया कि 11 फरवरी को अनुपम नगर में हुई डकैती को पुलिस ने मात्र 36 घंटे के भीतर सुलझा लिया है. पुलिस ने 36 घंटे के अंदर 10 आरोपियों के पास से डकैती के 59 लाख 50 हजार सहित सोने चांदी के जेवरात भी बरामद कर लिए हैं. बरामद किए गए सामान की कीमत 70 लाख के आसपास है.

पैसा और प्रॉपर्टी को लेकर इस घटना को अंजाम दिया गया. पीड़ित की एक बहन ने अपने एक मित्र जो रिटायर्ड सूबेदार मेजर हैं उनके साथ मिलकर डकैती की इस पूरी वारदात को अंजाम दिया. इस पूरी घटना में तीन लेयर में पूरी कांट्रैक्टिंग की गई थी. डकैती की वारदात को अंजाम देने वाले पांच लोग थे. जिसमें 2 नागपुर के 1 बिलासपुर से शामिल था. राजनादगांव और दुर्ग के रहने वाले 5 आरोपी घर के अंदर घुसे थे - अमरेश मिश्रा, आईजी रायपुर

डकैती के पैसों का हो चुका था बंटवारा: आईजी अमरेश मिश्रा ने बताया कि 5 आरोपी रेकी करने के साथ ही पुलिस टीम पर निगरानी रखे हुए थे. डकैती की वारदात को अंजाम देने के बाद पैसे का बंटवारा पूरी तरह से कर लिया गया था. इन आरोपियों में से एक आरोपी बाहर भागने की फिराक में भी था.

11 फरवरी को हुई थी डकैती: पीड़ित मनोहरण वेलु ने पुलिस को बताया कि वह अनुपम नगर के मकान नंबर डी 14 में किराए के मकान में रहता है. उसके साथ उसकी बहन प्रेमा और रजनी भी साथ में रहती हैं. 11 फरवरी की दोपहर लगभग 3:00 बजे दोनों बहनों के साथ घर में था. उसकी बहन रजनी और वो बैठकर बात कर रहे थे जबकी दूसरे कमरे में दूसरी बहन प्रेमा सो रही थी. उसी वक्त 2 लोग आर्मी की वर्दी पहने अंदर घुस आए. दोनों के चेहरे रुमाल से ढके थे.

परिवार को बनाया बंधक: डकैतों ने तीनों को पिस्टल की नोक पर बंधकर बना लिया. सभी के हाथ पैर बांध दिए. कोई शोर नहीं मचाए इसके लिए मुंह पर टेप भी लगा दिया. घर से पैसे और जेवरात लेने के बाद सभी बदमाश बड़े ही आराम से भाग गए. जाते जाते बदमाश घर में मौजूद तीनों लोगों के फोन भी अपने साथ ले गए.

क्राइम ब्रांच की 10 टीमें कर रही थी तलाश: डकैती की वारदात को सुलझाने के लिए क्राइम ब्रांच की 10 टीमों का गठन किया गया. पीड़ित और उनकी दोनों बहनों से घटना के संबंध में विस्तृत पूछताछ की गई सरहदी जिलों में नाकेबंदी की गई. डॉग स्क्वाड और फॉरेंसिक टीम के साथ ही क्राइम ब्रांच की टेक्निकल टीम को भी साक्ष्य जुटाने के लिए लगाया गया.

सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए: क्राइम ब्रांच की टेक्निकल टीम के द्वारा घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाले गए. सीसीटीवी फुटेज में एक महिला नजर आई जो पीले रंग का सलवार सूट पहने थी. महिला ने अपने मुंह पर स्कार्फ बांध रखा था. उसके साथ चार पुरुष भी कैमरे में कैद हुए थे. चार लोगों में दो लोग आर्मी के ड्रेस में थे. पांचवा आरोपी सफेद रंग की बिना नंबर प्लेट वाली कार से मौके पर पहुंचा था.

कैसे गिरफ्त में आए आरोपी: पुलिस की टीम ने योजना बनाकर एक साथ राजनांदगांव, दुर्ग, बिलासपुर, नागपुर, बलौदा बाजार, रायपुर में दबिश देकर संदिग्ध लोगों से पूछताछ की. पुलिस की पूछताछ में उन लोगों ने डकैती की वारदात को अंजाम देने की बात स्वीकार की. इसके साथ ही आरोपियों ने पुलिस को बताया की डकैती में इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन और पहने हुए कपड़ों को रास्ते में ही उन लोगों ने फेंक दिया है.

कौन है आरोपी रिटायर्ड सूबेदार: पुलिस की जांच में यह बात सामने आई की ए. सोम शेखर बीएसएफ से सूबेदार के पद से साल 2011 में रिटायर्ड हुआ है. वर्तमान में रियल हेल्प नामक एनजीओ से जुड़ा हुआ है. इसके साथ ही वह जमीन दलाली का भी कार्य करता है. इसका पीड़ित के परिवार से घरेलू संबंध था और उसे घर में पैसे रखे होने की पूरी जानकारी थी. उसी ने डकैती की यह योजना अपने साथी देवलाल वर्मा जो की बिजली मिस्त्री है और कमलेश वर्मा जो की देवलाल वर्मा का ड्राइवर था उसको भी शामिल कर लिया.

आरोपी शाहिद पठान रह चुका है वांटेड: पुलिस के मुताबिक डकैती की घटना में शामिल आरोपी शाहिद पठान पूर्व में भी अमानत में खयानत के मामले में महाराष्ट्र के अहमदनगर जेल जा चुका है. आरोपियों में पुरुषोत्तम देवांगन, अजय ठाकुर, राहुल त्रिपाठी, नेहा त्रिपाठी, नागपुर महाराष्ट्र का रहने वाला है. शाहीद पठान और पिंटू सारवान बिलासपुर के रहने वाला है.

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रायपुर: पैसों के लालच में बहन ने अपने ही भाई के घर डकैती डलवा दी. रायपुर के खमारडीह थाना इलाके में पॉश कॉलोनी है अनुपम नगर. 11 फरवरी को पुलिस नगरीय निकाय का मतदान कराने में जुटी थी. उसी वक्त अनुपम नगर के रहने वाले मनोहरण वेलु के घर में डकैत घुस जाते हैं. डकैत डकैती की वारदात को अंजाम देने के लिए आर्मी की ड्रेस पहनकर पहुंचे थे. डकैतों ने परिवार वालों को बंधक बनाकर 60 लाख लूट लिए और मौके से फरार हो गए.

बहन ने कराई भाई के घर डकैती: रायपुर पुलिस और एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट की संयुक्त टीम ने 36 घंटे के भीतर डकैती में शामिल सभी 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों को नागपुर और छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जगहों से पकड़ा गया. डकैती के पीछे की मुख्य वजह जो पुलिस ने बताई उसके मुताबिक प्रॉपर्टी और हिस्से को लेकर पीड़ित की बहन दुखी थी. बहन चाहती थी कि जमीन की बिक्री से जो पैसा मिला है उसमें उसका भी हिस्सा होना चाहिए.

बहन ने कराई भाई के घर डकैती (ETV Bharat)

बीएसएफ के रिटायर्ड सूबेदार ने दिया साथ: आईजी अमरेश मिश्रा के मुताबिक आरोपी बहन ने अपने एक मित्र जो कि बीएसएफ का रिटायर्ड सूबेदार है. उसके साथ मिलकर इस पूरी योजना को अंजाम दिया. पकड़े गए सभी आरोपियों के खिलाफ खमारडीह पुलिस ने बीएनएस और आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई की है.

आईजी अमरेश मिश्रा ने किया खुलासा: रायपुर रेंज के आईजी अमरेश मिश्रा ने कहा बताया कि 11 फरवरी को अनुपम नगर में हुई डकैती को पुलिस ने मात्र 36 घंटे के भीतर सुलझा लिया है. पुलिस ने 36 घंटे के अंदर 10 आरोपियों के पास से डकैती के 59 लाख 50 हजार सहित सोने चांदी के जेवरात भी बरामद कर लिए हैं. बरामद किए गए सामान की कीमत 70 लाख के आसपास है.

पैसा और प्रॉपर्टी को लेकर इस घटना को अंजाम दिया गया. पीड़ित की एक बहन ने अपने एक मित्र जो रिटायर्ड सूबेदार मेजर हैं उनके साथ मिलकर डकैती की इस पूरी वारदात को अंजाम दिया. इस पूरी घटना में तीन लेयर में पूरी कांट्रैक्टिंग की गई थी. डकैती की वारदात को अंजाम देने वाले पांच लोग थे. जिसमें 2 नागपुर के 1 बिलासपुर से शामिल था. राजनादगांव और दुर्ग के रहने वाले 5 आरोपी घर के अंदर घुसे थे - अमरेश मिश्रा, आईजी रायपुर

डकैती के पैसों का हो चुका था बंटवारा: आईजी अमरेश मिश्रा ने बताया कि 5 आरोपी रेकी करने के साथ ही पुलिस टीम पर निगरानी रखे हुए थे. डकैती की वारदात को अंजाम देने के बाद पैसे का बंटवारा पूरी तरह से कर लिया गया था. इन आरोपियों में से एक आरोपी बाहर भागने की फिराक में भी था.

11 फरवरी को हुई थी डकैती: पीड़ित मनोहरण वेलु ने पुलिस को बताया कि वह अनुपम नगर के मकान नंबर डी 14 में किराए के मकान में रहता है. उसके साथ उसकी बहन प्रेमा और रजनी भी साथ में रहती हैं. 11 फरवरी की दोपहर लगभग 3:00 बजे दोनों बहनों के साथ घर में था. उसकी बहन रजनी और वो बैठकर बात कर रहे थे जबकी दूसरे कमरे में दूसरी बहन प्रेमा सो रही थी. उसी वक्त 2 लोग आर्मी की वर्दी पहने अंदर घुस आए. दोनों के चेहरे रुमाल से ढके थे.

परिवार को बनाया बंधक: डकैतों ने तीनों को पिस्टल की नोक पर बंधकर बना लिया. सभी के हाथ पैर बांध दिए. कोई शोर नहीं मचाए इसके लिए मुंह पर टेप भी लगा दिया. घर से पैसे और जेवरात लेने के बाद सभी बदमाश बड़े ही आराम से भाग गए. जाते जाते बदमाश घर में मौजूद तीनों लोगों के फोन भी अपने साथ ले गए.

क्राइम ब्रांच की 10 टीमें कर रही थी तलाश: डकैती की वारदात को सुलझाने के लिए क्राइम ब्रांच की 10 टीमों का गठन किया गया. पीड़ित और उनकी दोनों बहनों से घटना के संबंध में विस्तृत पूछताछ की गई सरहदी जिलों में नाकेबंदी की गई. डॉग स्क्वाड और फॉरेंसिक टीम के साथ ही क्राइम ब्रांच की टेक्निकल टीम को भी साक्ष्य जुटाने के लिए लगाया गया.

सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए: क्राइम ब्रांच की टेक्निकल टीम के द्वारा घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाले गए. सीसीटीवी फुटेज में एक महिला नजर आई जो पीले रंग का सलवार सूट पहने थी. महिला ने अपने मुंह पर स्कार्फ बांध रखा था. उसके साथ चार पुरुष भी कैमरे में कैद हुए थे. चार लोगों में दो लोग आर्मी के ड्रेस में थे. पांचवा आरोपी सफेद रंग की बिना नंबर प्लेट वाली कार से मौके पर पहुंचा था.

कैसे गिरफ्त में आए आरोपी: पुलिस की टीम ने योजना बनाकर एक साथ राजनांदगांव, दुर्ग, बिलासपुर, नागपुर, बलौदा बाजार, रायपुर में दबिश देकर संदिग्ध लोगों से पूछताछ की. पुलिस की पूछताछ में उन लोगों ने डकैती की वारदात को अंजाम देने की बात स्वीकार की. इसके साथ ही आरोपियों ने पुलिस को बताया की डकैती में इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन और पहने हुए कपड़ों को रास्ते में ही उन लोगों ने फेंक दिया है.

कौन है आरोपी रिटायर्ड सूबेदार: पुलिस की जांच में यह बात सामने आई की ए. सोम शेखर बीएसएफ से सूबेदार के पद से साल 2011 में रिटायर्ड हुआ है. वर्तमान में रियल हेल्प नामक एनजीओ से जुड़ा हुआ है. इसके साथ ही वह जमीन दलाली का भी कार्य करता है. इसका पीड़ित के परिवार से घरेलू संबंध था और उसे घर में पैसे रखे होने की पूरी जानकारी थी. उसी ने डकैती की यह योजना अपने साथी देवलाल वर्मा जो की बिजली मिस्त्री है और कमलेश वर्मा जो की देवलाल वर्मा का ड्राइवर था उसको भी शामिल कर लिया.

आरोपी शाहिद पठान रह चुका है वांटेड: पुलिस के मुताबिक डकैती की घटना में शामिल आरोपी शाहिद पठान पूर्व में भी अमानत में खयानत के मामले में महाराष्ट्र के अहमदनगर जेल जा चुका है. आरोपियों में पुरुषोत्तम देवांगन, अजय ठाकुर, राहुल त्रिपाठी, नेहा त्रिपाठी, नागपुर महाराष्ट्र का रहने वाला है. शाहीद पठान और पिंटू सारवान बिलासपुर के रहने वाला है.

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Last Updated : Feb 13, 2025, 6:49 PM IST
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