राजनांदगांव: 74 साल की उम्र होने के बावजूद एक बुजुर्ग आबो हवा और पर्यावरण के संरक्षण के लिए साइकिल से यात्रा कर रहे हैं. इनका नाम किरण सेठ है. इन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है. 11 मार्च 2022 को डॉक्टर किरण सेठ ने दिल्ली से यात्रा की शुरुआत की थी. उसके बाद किरण सेठ 15 अगस्त 2022 को साइकिल से यात्रा कर कश्मीर पहुंचे. फिर 19 फरवरी 2023 को कन्याकुमारी में उनकी साइकिल यात्रा समाप्त हुई. भारतीय संस्कृति, पर्यावरण संरक्षण और लोगों को सेहत के प्रति जागरुक करने के लिए किरण सेठ लगातार साइकिल से यात्रा कर रहे हैं.
आठ हजार किलोमीटर की कर चुके हैं साइकिल यात्रा: किरण सेठ अब तक आठ हजार किलोमीटर से ज्यादा का सफर साइकिल से तय कर चुके हैं. उनका ऐसा जज्बा और जुनून देखते ही बन रहा है. उनकी तरफ से अब तक लगभग 8000 किलोमीटर से अधिक की साइकिल यात्रा की जा चुकी है. इस बार किरण सेठ गोवा और मुंबई होते हुए राजनांदगांव पहुंचे. यहां पहुंचने पर उनका जोरदार स्वागत किया गया.
"लोगों को साइकलिंग करनी चाहिए साइकिलिंग करने से सेहत बनी रहती है. इसके साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचता. भारतीय संस्कृति को जीवित रखने का काम लोगों को करना चाहिए. इन सब उदेश्य के लिए मैं साइकिल यात्रा कर रहा हूं"- डॉक्टर किरण सेठ, पद्मश्री से सम्मानित
स्कूलों में छात्रों को जागरुक करने के लिए चलाते हैं संस्था: पद्मश्री डॉ किरण सेठ साइकिल से यात्रा करते हैं. उनकी संस्था स्पीक मैके 500 शहरों में मौजूद है. जहां 2000 से अधिक शैक्षणिक संस्थाएं इससे जुड़ी हुई है. पूरे वर्ष भर 5000 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. यह संस्था बच्चों को पर्यावरण संरक्षण और भारतीय संस्कृति के प्रति लोगों को जागरुक करने का काम करती है. ये संस्था पूरे साल पांच हजार से अधिक कार्यक्रम आयोजित करती है. किरण सेठ की पर्यावरण संरक्षण को लेकर जारी इस मुहिम की हर किसी ने सराहना की है. राजनांदगांव के लोग भी उनके इस जज्बे के मुरीद हो गए हैं.