राजनांदगांव: राजनांदगांव में भगवान श्री कृष्णा और राधा रानी को डोल ग्यारस के मौके पर नौका विहार कराया गया. शहर के कृष्ण मंदिर से भगवान श्री कृष्णा की मूर्ति को निकालकर भक्तों ने शहर भ्रमण कराया. कहते हैं कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी तालाब में जल क्रीड़ा करते हैं. ये परम्परा सालों से चलती आ रही है. यहां के लोग राधा रानी और कृष्ण भगवान को नौका विहार कराते हैं.
सालों पुरानी है ये परम्परा: दरअसल, राजनांदगांव शहर की यह पुरानी परंपरा है. यहां के राजा-महाराजा के समय से ही ये परम्परा चली आ रही है. डोल एकादशी के दिन भगवान श्री कृष्ण, राधा रानी को मंदिरों से निकाल कर शहर भ्रमण कराते हैं. शहर भ्रमण के बाद भगवान को लेकर भक्त रानी सागर तालाब पहुंचते हैं. यहां इन देवी-देवताओं को नौका विहार कराया जाता है. भक्त नाव में ही इन देवी देवताओं की पूजा करते हैं. फिर भगवान को नाव में घूमाते हैं. Radha Krishna boating in Rajnandgaon
भक्तों की उमड़ती है भारी भीड़: ऐसी मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण अपने भक्तों का कष्ट दूर करने के लिए मंदिर से निकले थे. लोगों का दुख दर्द दूर किया. प्राचीन मान्यताओं के अनुसार उसी दिन से इस परंपरा की शुरुआत हुई है. शहर के विभिन्न राधा-कृष्ण मंदिरों से भगवान पालकी में निकलते हैं.शहर के रानी सागर तालाब में नौका विहार कर विधि विधान से भगवान की पूजा-अर्चना की जाती है. फिर वापस भगवान अपने-अपने मंदिरों में पहुंचते हैं. इस दौरान भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है.
ये है मान्यता: जिले में राजा के महल के पास रानी सागर तालाब में भगवान को जल क्रीड़ा कराया जाता है. इन्हें जल विहार कराया जाता है. इस नौका को दुल्हन की तरह सजाकर भगवान कृष्ण-राधा के साथ अन्य देवी देवताओं को घुमाया जाता है. इस दिन भगवान राधा जी के साथ जल क्रीड़ा करते हैं. भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं.