राजनांदगांव : वनांचल के आदिवासी परिवार अधिकार कानून पर अपना पक्ष रखने अब सड़क पर उतर आए हैं. वन अधिकार पदयात्रा के माध्यम से गुरुवार को सैकड़ों आदिवासी परिवार वनांचल के मानपुर ब्लॉक से 100 किलोमीटर दूर सफर कर जिला मुख्यालय पहुंचे. यहां उन्होंने मशाल रैली निकालकर पदयात्रा का चौथा पड़ाव पूरा किया. शुक्रवार सुबह पदयात्रा रैली राजधानी रायपुर की ओर कूच करेगी.
बता दें कि वन भूमि पर आदिवासी परिवारों के अधिकारों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सन 2006 में वन अधिकार कानून पारित किया था. इस कानून के तहत आदिवासी परिवारों को वन भूमि पर कई महत्वपूर्ण अधिकार दिए गए थे, लेकिन अब केंद्र सरकार ने वन भूमि में आदिवासियों के अधिकारों को खत्म करने के लिए राज्य सरकार को एक प्रस्ताव दिया है, जिसका आदिवासी परिवार विरोध कर रहे हैं.
लगाई गई थी याचिका
आदिवासी को सुप्रीम कोर्ट ने जो वन अधिकार कानून दिया है, उसके खिलाफ एक याचिका लगाई गई थी, जिस पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने आदिवासियों का पक्ष नहीं रखा. इस कारण याचिकाकर्ताओं की बात सुनकर सुप्रीम कोर्ट ने लाखों आदिवासियों को बेदखल करने के लिए आदेश दे दिया है.
सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखने की मांग
आंदोलन से जुड़े आदिवासी सुदेश टीकम का कहना है कि 'आदिवासियों की मांग है कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में आदिवासियों की बात रखें और कोर्ट में उनका पक्ष मजबूत करें ताकि आदिवासियों को उनका हक मिल सके. आदिवासियों की मांग है कि वन अधिकार कानून में जो संशोधन करने के लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को प्रस्ताव दिए हैं, उसे निरस्त किया जाए.