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Rajnandgaon News : वेतन वृद्धि की मांग पर रसोईया संघ का प्रदर्शन

राजनांदगांव में मध्याह्न भोजन रसोइया संघ सीटू यूनियन के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे हैं.मध्याह्न भोजन श्रमिकों की मांग है कि उन्हें उच्च न्यायालय के निर्णय के मुताबिक 306 रुपए प्रतिदिन यानी 9180 रुपए प्रति माह दिया जाए. मानदेय सहित 10 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल की जा रही है.

Protest of rasoiyaa union
रसोईया संघ वेतन वृद्धि की मांग पर अड़ा
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Published : Mar 15, 2023, 6:34 PM IST

वेतन वृद्धि की मांग पर रसोईया संघ का प्रदर्शन

राजनांदगांव : जिले में मध्याह्न भोजन रसोइया संघ कलेक्टर दर की मांग लेकर लामबंद हो गए हैं. रसोइया संघ ने कलेक्ट्रेट के सामने 15 मार्च से 29 मार्च तक अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है. जिले में करीब 5 हजार रसोइयां हैं. जो रोजाना बच्चों के लिए भोजन बनाने का काम करते हैं. जो विरोध प्रदर्शन में शामिल हों रहे हैं. जिला मध्याह्न भोजन रसोइया संघ की हड़ताल के कारण जिले भर के स्कूलों के बच्चे मध्याह्न भोजन से वंचित हो जाएंगे.

हाईकोर्ट के निर्णय के बाद भी फैसला नहीं : रसोइयों का कहना है कि उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद भी पारिश्रमिक में कोई वृद्धि नहीं की गई है. कलेक्टर दर पर पारिश्रमिक देने के साथ केंद्रीय रसोई घरों में रोक लगाने की मांग की जा रही है.इसके साथ ही स्कूलों के रसोई घरों को अपग्रेड करने, मध्याह्न भोजन श्रमिकों को 10 किलो अनाज मुफ्त देने और छंटनी पर रोक लगाने जैसी मांग की जा रही है.

ये भी पढ़ें- राजनांदगांव में पट्टे की मांग को लेकर रहवासियों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

क्या है संगठन पदाधिकारी का कहना : सीटू यूनियन के संरक्षक समीर कुरैशी ने बताया कि '' राज्य सरकार हाईकोर्ट के फैसले को नहीं मान रही है तो हम सुप्रीम कोर्ट की शरण लेंगे. प्रदेश स्तर पर स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों का कहना है कि स्कूलों में रसोइया केवल डेढ़ घंटा काम करती हैं. जबकि हकीकत ये है कि एक घंटा में मध्याह्न भोजन तैयार करना संभव नहीं है. हमें कई स्कूलों के प्राचार्यों ने लिखित में दिया है कि रसोइया 6 घंटे काम करती हैं. इसे आधार बना कर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और अपना हक लेकर रहेंगे. पारिश्रमिक में वृद्धि सहित 10 सूत्रीय मांगों को लेकर यह हड़ताल आज से प्रारंभ की गई है.''

वेतन वृद्धि की मांग पर रसोईया संघ का प्रदर्शन

राजनांदगांव : जिले में मध्याह्न भोजन रसोइया संघ कलेक्टर दर की मांग लेकर लामबंद हो गए हैं. रसोइया संघ ने कलेक्ट्रेट के सामने 15 मार्च से 29 मार्च तक अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है. जिले में करीब 5 हजार रसोइयां हैं. जो रोजाना बच्चों के लिए भोजन बनाने का काम करते हैं. जो विरोध प्रदर्शन में शामिल हों रहे हैं. जिला मध्याह्न भोजन रसोइया संघ की हड़ताल के कारण जिले भर के स्कूलों के बच्चे मध्याह्न भोजन से वंचित हो जाएंगे.

हाईकोर्ट के निर्णय के बाद भी फैसला नहीं : रसोइयों का कहना है कि उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद भी पारिश्रमिक में कोई वृद्धि नहीं की गई है. कलेक्टर दर पर पारिश्रमिक देने के साथ केंद्रीय रसोई घरों में रोक लगाने की मांग की जा रही है.इसके साथ ही स्कूलों के रसोई घरों को अपग्रेड करने, मध्याह्न भोजन श्रमिकों को 10 किलो अनाज मुफ्त देने और छंटनी पर रोक लगाने जैसी मांग की जा रही है.

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क्या है संगठन पदाधिकारी का कहना : सीटू यूनियन के संरक्षक समीर कुरैशी ने बताया कि '' राज्य सरकार हाईकोर्ट के फैसले को नहीं मान रही है तो हम सुप्रीम कोर्ट की शरण लेंगे. प्रदेश स्तर पर स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों का कहना है कि स्कूलों में रसोइया केवल डेढ़ घंटा काम करती हैं. जबकि हकीकत ये है कि एक घंटा में मध्याह्न भोजन तैयार करना संभव नहीं है. हमें कई स्कूलों के प्राचार्यों ने लिखित में दिया है कि रसोइया 6 घंटे काम करती हैं. इसे आधार बना कर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और अपना हक लेकर रहेंगे. पारिश्रमिक में वृद्धि सहित 10 सूत्रीय मांगों को लेकर यह हड़ताल आज से प्रारंभ की गई है.''

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