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नक्सल सेल में पुलिसकर्मी पर शहीद की बहू से बदसलूकी का आरोप, एसपी से हुई शिकायत

राजनांदगांव में एक शहीद की बहू ने नक्सल सेल में तैनात पुलिसकर्मी पर दुर्व्यवहार के आरोप (misbehaved with martyr daughter in law ) लगाए हैं. इस केस में अब शहीद की बहू ने एसपी से FIR की मांग की है.

Policeman misbehave with daughter in law
शहीद की बहू से पुलिसकर्मी ने किया दुर्व्यवहार
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Published : Jun 18, 2021, 9:16 PM IST

Updated : Jun 18, 2021, 10:24 PM IST

राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ पुलिस की छवि जनता के बीच सुधारने के लिए डीजीपी डीएम अवस्थी (DGP DM Awasthi ) लगातार व्यक्तिगत रुचि लेकर काम कर रहे हैं. लेकिन कई घटनाएं पुलिस की सुधरती छवि पर दोबारा दाग लगाने का काम कर रही है. ऐसी एक घटना राजनांदगांव में हुई है. राजनांदगांव में एक शहीद की बहू ने नक्सल सेल में तैनात पुलिसकर्मी पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है. मामले को लेकर अब शहीद की बहू ने एसपी से एफआईआर की मांग की है. (misbehaved with martyr daughter in law )

क्या है पूरा मामला ?

नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों से निपटने के लिए पुलिस ने गोपनीय सैनिक की भर्ती की थी. जिसके तहत शहीद चैतराम मंडावी को छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग ने गोपनीय सैनिक बनाया था. इस पद पर रहते हुए चैतराम की नक्सलियों ने हत्या कर दी. (secret soldier murder) इसके बाद उनके पुत्र को अनुकंपा नियुक्ति के तहत नक्सल इलाके में ही प्यून की नौकरी दी गई है. लेकिन परिवार का कहना है कि उन्हें नक्सल प्रभावित इलाके में नौकरी मिलने से जान का खतरा बना हुआ है. आरोप है कि गुरुवार को नक्सल सेल में तैनात कर्मचारी गोविंद साहू ने आवेदन लेकर पहुंची शहीद की बहू नीतू मंडावी से बदसलूकी की. इस केस में एसपी से लिखित शिकायत की गई है. प्रशासन ने मामले में संज्ञान लेने की बात कही है. (rajnandgaon news )

राजनांदगांव में विस्फोटक के साथ एक नक्सल सहोयगी गिरफ्तार

उच्च न्यायालय की दखल के बाद मिली थी नौकरी

शहीद चैतराम मंडावी को छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग ने गोपनीय सैनिक बनाया था. 2 अप्रैल 2018 को नक्सलियों ने उनकी हत्या कर दी. इसके बाद पुलिस प्रशासन ने उन्हें शहीद का दर्जा दिया. शहीद बुक में उसका नाम दर्ज किया गया. लेकिन शासन से मिलने वाली सुविधाओं से उन्हें वंचित रखा गया. अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर जब उनके पुत्र ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई तब जाकर पुलिस प्रशासन ने दिनेश मंडावी को नक्सल प्रभावित इलाके में चपरासी की नौकरी दी.

परिवार की क्या है मांग ?

शहीद के परिवार का तर्क है कि जब पिता की नक्सलियों ने हत्या कर दी है तो दोबारा पुत्र को नक्सल प्रभावित इलाके में तैनात न किया जाए. इसके अलावा परिवार का कहना है कि चैतराम मंडावी की जब हत्या हुई, तब वह पुलिस विभाग में पदस्थ थे, ऐसे में अनुकंपा नियुक्ति के तहत उनके बेटे को भी पुलिस विभाग में ही नौकरी मिलनी चाहिए. फिलहाल उनके बेटे को शिक्षा विभाग में प्यून की नौकरी दी गई है. इसी मामले को लेकर शहीद की बहू नीतू मंडावी नक्सल सेल पहुंची थी.

दुर्व्यवहार नहीं हुआ: एडिशनल एसपी

शहीद की बहू नीतू मंडावी ने दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है. इस मामले को लेकर नक्सल सेल के एडिशनल एसपी जयप्रकाश बढ़ई का कहना है कि महिला आवेदन लेकर पहुंची थी. उनके आवेदन को कर्मचारी ने रिसीव किया है. दुर्व्यवहार जैसी कोई बात नहीं हुई है.

राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ पुलिस की छवि जनता के बीच सुधारने के लिए डीजीपी डीएम अवस्थी (DGP DM Awasthi ) लगातार व्यक्तिगत रुचि लेकर काम कर रहे हैं. लेकिन कई घटनाएं पुलिस की सुधरती छवि पर दोबारा दाग लगाने का काम कर रही है. ऐसी एक घटना राजनांदगांव में हुई है. राजनांदगांव में एक शहीद की बहू ने नक्सल सेल में तैनात पुलिसकर्मी पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है. मामले को लेकर अब शहीद की बहू ने एसपी से एफआईआर की मांग की है. (misbehaved with martyr daughter in law )

क्या है पूरा मामला ?

नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों से निपटने के लिए पुलिस ने गोपनीय सैनिक की भर्ती की थी. जिसके तहत शहीद चैतराम मंडावी को छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग ने गोपनीय सैनिक बनाया था. इस पद पर रहते हुए चैतराम की नक्सलियों ने हत्या कर दी. (secret soldier murder) इसके बाद उनके पुत्र को अनुकंपा नियुक्ति के तहत नक्सल इलाके में ही प्यून की नौकरी दी गई है. लेकिन परिवार का कहना है कि उन्हें नक्सल प्रभावित इलाके में नौकरी मिलने से जान का खतरा बना हुआ है. आरोप है कि गुरुवार को नक्सल सेल में तैनात कर्मचारी गोविंद साहू ने आवेदन लेकर पहुंची शहीद की बहू नीतू मंडावी से बदसलूकी की. इस केस में एसपी से लिखित शिकायत की गई है. प्रशासन ने मामले में संज्ञान लेने की बात कही है. (rajnandgaon news )

राजनांदगांव में विस्फोटक के साथ एक नक्सल सहोयगी गिरफ्तार

उच्च न्यायालय की दखल के बाद मिली थी नौकरी

शहीद चैतराम मंडावी को छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग ने गोपनीय सैनिक बनाया था. 2 अप्रैल 2018 को नक्सलियों ने उनकी हत्या कर दी. इसके बाद पुलिस प्रशासन ने उन्हें शहीद का दर्जा दिया. शहीद बुक में उसका नाम दर्ज किया गया. लेकिन शासन से मिलने वाली सुविधाओं से उन्हें वंचित रखा गया. अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर जब उनके पुत्र ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई तब जाकर पुलिस प्रशासन ने दिनेश मंडावी को नक्सल प्रभावित इलाके में चपरासी की नौकरी दी.

परिवार की क्या है मांग ?

शहीद के परिवार का तर्क है कि जब पिता की नक्सलियों ने हत्या कर दी है तो दोबारा पुत्र को नक्सल प्रभावित इलाके में तैनात न किया जाए. इसके अलावा परिवार का कहना है कि चैतराम मंडावी की जब हत्या हुई, तब वह पुलिस विभाग में पदस्थ थे, ऐसे में अनुकंपा नियुक्ति के तहत उनके बेटे को भी पुलिस विभाग में ही नौकरी मिलनी चाहिए. फिलहाल उनके बेटे को शिक्षा विभाग में प्यून की नौकरी दी गई है. इसी मामले को लेकर शहीद की बहू नीतू मंडावी नक्सल सेल पहुंची थी.

दुर्व्यवहार नहीं हुआ: एडिशनल एसपी

शहीद की बहू नीतू मंडावी ने दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है. इस मामले को लेकर नक्सल सेल के एडिशनल एसपी जयप्रकाश बढ़ई का कहना है कि महिला आवेदन लेकर पहुंची थी. उनके आवेदन को कर्मचारी ने रिसीव किया है. दुर्व्यवहार जैसी कोई बात नहीं हुई है.

Last Updated : Jun 18, 2021, 10:24 PM IST
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