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कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आने के बाद गांव में हड़कंप, तालाब में नहाया था युवक - कोरोना केस से गांव में हड़कंप

राजनांदगांव के ग्राम पंचायत खुज्जी में कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आने के बाद अब गांव में दहशत का माहौल है. गांव में एक अफवाह भी फैल रही है कि मरीज को सार्वजनिक स्थानों पर देखा गया है. जिसकी वजह से सार्वजनिक रूप से संक्रमण के फैलने की आशंका को लेकर लोग भयभीत हो गए हैं.

villagers in panic after corona patient found
गांव में हड़कंप
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Published : Jun 1, 2020, 11:04 PM IST

राजनांदगांव: जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत खुज्जी में कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आने के बाद अब गांव में दहशत का माहौल है. देर रात कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद से गांव के लोग डरे हुए हैं. हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले में ऐहतिहात बरतते हुए ग्राम पंचायत खुज्जी को पूरी तरह से सील कर दिया है.

कोरोना पॉजिटिव सामने आने के बाद गांव में हड़कंप

दरअसल, ग्राम पंचायत खुज्जी में देर रात कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने की पुष्टि होने के बाद तरह-तरह की अफवाह फैल गई. गांव में अफवाह फैला दी गई थी कि मरीज सार्वजनिक स्थानों पर देखा गया है. जिसकी वजह से सार्वजनिक रूप से संक्रमण फैलने की आशंका को लेकर लोग भयभीत हो गए हैं.

ETV भारत ने की पड़ताल

ETV भारत ने इस मामले की पड़ताल की तो पता चला कि संक्रमित व्यक्ति 21 साल का युवक है, 16 मई को वह महाराष्ट्र से लौटा था. प्रवासी मजदूर होने के कारण उसे गांव में ही क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया था. स्वास्थ्य विभाग ने प्रवासी मजदूर का सैंपल एम्स रायपुर जांच के लिए भी भेजा था. फिर 29 मई को क्वॉरेंटाइन की अवधि पूरी होने के बाद उसे 30 मई की शाम को होम आइसोलेशन में भेजा गया. इस बीच युवक गांव के किसी भी व्यक्ति के संपर्क में नहीं आया था.

पढ़ें-सरगुजा: खाद्य मंत्री ने किया क्वॉरेंटाइन सेंटर का निरीक्षण

बयान में बताया तालाब गया था

होम आइसोलेशन की अवधि में रहने के दौरान संक्रमित युवक ने सिर्फ एक गलती की है वह गांव के सार्वजनिक तालाब में नहाने के लिए पहुंचा था. हालांकि संक्रमित युवक ने स्वास्थ्य विभाग को अपने कांटेक्ट ट्रेसिंग के लिए दी गई जानकारी में यह बात स्वीकार की है और गांव के तालाब में नहा कर घर लौटने की बात भी कही है.

पढ़ें- रायपुर: चंगोराभाठा में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद सील हुआ इलाका

31 मई को भेजा गया एम्स

इस मामले को स्वास्थ विभाग ने काफी संजीदा तरीके से हैंडल किया है और संक्रमित मरीज को 31 मई की रात एम्स से पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद उसे उपचार के लिए एम्स रायपुर भेज दिया है हालांकि इस मामले में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोंगरगांव में बीएमओ के पद पर पदस्थ डॉक्टर रागनी चंद्रे का साफ तौर पर कहना है कि वे कोरोना पॉजिटिव मरीजों के संबंध में कोई भी बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं.

राजनांदगांव: जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत खुज्जी में कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आने के बाद अब गांव में दहशत का माहौल है. देर रात कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद से गांव के लोग डरे हुए हैं. हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले में ऐहतिहात बरतते हुए ग्राम पंचायत खुज्जी को पूरी तरह से सील कर दिया है.

कोरोना पॉजिटिव सामने आने के बाद गांव में हड़कंप

दरअसल, ग्राम पंचायत खुज्जी में देर रात कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने की पुष्टि होने के बाद तरह-तरह की अफवाह फैल गई. गांव में अफवाह फैला दी गई थी कि मरीज सार्वजनिक स्थानों पर देखा गया है. जिसकी वजह से सार्वजनिक रूप से संक्रमण फैलने की आशंका को लेकर लोग भयभीत हो गए हैं.

ETV भारत ने की पड़ताल

ETV भारत ने इस मामले की पड़ताल की तो पता चला कि संक्रमित व्यक्ति 21 साल का युवक है, 16 मई को वह महाराष्ट्र से लौटा था. प्रवासी मजदूर होने के कारण उसे गांव में ही क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया था. स्वास्थ्य विभाग ने प्रवासी मजदूर का सैंपल एम्स रायपुर जांच के लिए भी भेजा था. फिर 29 मई को क्वॉरेंटाइन की अवधि पूरी होने के बाद उसे 30 मई की शाम को होम आइसोलेशन में भेजा गया. इस बीच युवक गांव के किसी भी व्यक्ति के संपर्क में नहीं आया था.

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बयान में बताया तालाब गया था

होम आइसोलेशन की अवधि में रहने के दौरान संक्रमित युवक ने सिर्फ एक गलती की है वह गांव के सार्वजनिक तालाब में नहाने के लिए पहुंचा था. हालांकि संक्रमित युवक ने स्वास्थ्य विभाग को अपने कांटेक्ट ट्रेसिंग के लिए दी गई जानकारी में यह बात स्वीकार की है और गांव के तालाब में नहा कर घर लौटने की बात भी कही है.

पढ़ें- रायपुर: चंगोराभाठा में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद सील हुआ इलाका

31 मई को भेजा गया एम्स

इस मामले को स्वास्थ विभाग ने काफी संजीदा तरीके से हैंडल किया है और संक्रमित मरीज को 31 मई की रात एम्स से पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद उसे उपचार के लिए एम्स रायपुर भेज दिया है हालांकि इस मामले में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोंगरगांव में बीएमओ के पद पर पदस्थ डॉक्टर रागनी चंद्रे का साफ तौर पर कहना है कि वे कोरोना पॉजिटिव मरीजों के संबंध में कोई भी बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं.

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