राजनांदगांव: नगर निगम में कांग्रेस पार्टी के महापौर बनने की राह आसान होती दिखाई दे रही है. चुनाव में 22 सीटें कांग्रेस को मिली है. इसके अलावा तीन ऐसे प्रत्याशी चुनाव मैदान से जीत कर आए हैं, जो कांग्रेस से इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव मैदान में थे. वहीं दो निर्दलीय प्रत्याशी से भी पार्टी की चर्चा चल रही है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी के महापौर बनाने को लेकर के जादुई आंकड़ा छूने के लिए समर्थन मिल सकता है.
बता दें नगर निगम राजनांदगांव में कुल 51 सीटें हैं. बहुमत के लिए किसी भी पार्टी के पास 26 सीटों का होना आवश्यक है. वर्तमान में कांग्रेस पार्टी के पास 22 सीटें सीधे तौर पर मौजूद है. वहीं 3 सीटों पर पार्टी से बगावत कर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों ने पार्टी को समर्थन दे दिया है. ऐसे में कांग्रेस के पास तकरीबन 25 सीटें हो रही है. इस बीच पार्टी के आला नेताओं ने दो निर्दलीयों से भी चर्चा कर समर्थन देने के लिए उन्हें राजी कर लिया है.
सूत्रों की मानें, तो पांच निर्दलीय प्रत्याशी कांग्रेस को समर्थन देने के लिए हामी भर चुके हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि नगर निगम राजनांदगांव में कांग्रेस का महापौर बनना लगभग तय है.
ये हैं महापौर पद के दावेदार
वर्तमान में महापौर पद के लिए कांग्रेस से हेमा देशमुख और सुनीता फडणवीस का नाम सामने आ रहा है. इनके अलावा भी पार्टी की दुलारी साहू और नजमा बेगम का नाम भी सामने आ रहा है, क्योंकि ओबीसी महिला के लिए राजनांदगांव नगर निगम की सीट आरक्षित है. ऐसे में यह चार ऐसे दावेदार हैं जो ओबीसी वर्ग से हैं.
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ऐसा हो सकता है समीकरण
वर्तमान में 22 सीटें कांग्रेस के पास है. तीन निर्दलीय प्रत्याशी राजा तिवारी, हरिनारायण और धकेता ने कांग्रेस से टिकट की मांग की थी, लेकिन पार्टी ने इन्हें टिकट नहीं दिया. इसके बाद इन्होंने पार्टी छोड़ चुनाव मैदान पर उतरे और जीत हासिल की. इसके अलावा बैना बाई और पिंकी साहू निर्दलीय पार्षद से भी पार्टी की चर्चा चल रही है. उनका भी समर्थन कांग्रेस को महापौर बनाने के लिए मिल सकता है. 22 सीटें कांग्रेस पहले ही जीत चुकी है. वहीं अगर पांच निर्दलीय प्रत्याशियों का समर्थन कांग्रेस को मिलता है तो जादुई आंकड़ा 27 पहुंच जाएगा. ऐसे में कांग्रेस को बहुमत मिलने की संभावना है.
चल रही चर्चा
शहर कांग्रेस कमेटी के कार्यवाहक अध्यक्ष राकेश जोशी का कहना है कि पांच निर्दलीय प्रत्याशी जो चुनाव जीत कर आए हैं. वह कहीं न कहीं से पार्टी से टिकट मांग रहे थे. किसी कारणवश उन्हें टिकट नहीं मिली, तो वे निर्दलीय चुनाव लड़कर आए हैं. उन्होंने कहा कि उनसे चर्चा चल रही है और वह कांग्रेस को ही समर्थन देंगे.