राजनांदगांव: शहर के कॉलोनाइजर नगर निगम से बिल्डिंग परमिशन लेने के बाद अनिवार्य वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने में बड़ी लापरवाही की गई है. मामले का खुलासा होने के बाद नगर निगम आयुक्त ने कॉलोनाइजर पर कार्रवाई करते हुए भवन निर्माण के एक करोड़ 24 लाख रुपए राजसात कर दिए हैं.
बताया जा रहा है कि कॉलोनाइजर ने अपने प्रोजेक्ट में भवन अनुज्ञा लेने के बाद अनिवार्य वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को नहीं लगवाया और इसके बाद निगम को अंधेरे में रखते हुए वाटर हार्वेस्टिंग बनाने का दावा कर एनओसी ले ली. शहर के अलग-अलग कॉलोनाइजर्स अपने प्रोजेक्ट के लिए भवन अनुज्ञा लेने के दौरान नगर निगम में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए एक निश्चित राशि जमा करते हैं जिसे भवन निर्माण पूरा होने के बाद निगम के द्वारा वापस किया जाता है.
एक करोड़ 24 लाख रुपए राजसात
नगर निगम ने 1180 मकानों को वाटर हार्वेस्टिंग सहित निर्माण के लिए एनओसी जारी की थी. जांच के दौरान 220 जगहों पर वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण मिला लेकिन शेष 980 जगह पर वाटर हार्वेस्टिंग का सिस्टम लगाया ही नहीं गया है. इसके वजह से कॉलोनाइजर्स पर एक करोड़ 24 लाख रुपए राजसात किए जाने की कार्रवाई की गई है.
अब निगम कराएगा निर्माण
इस बार शहर में जल संकट को देखते हुए नगर निगम को वाटर हार्वेस्टिंग की याद आई इसलिए नगर निगम ने कॉलोनाइजर्स के मकानों की जांच के बाद 980 जगहों पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगे होने की पुष्टि हुई है. अब इन जगहों पर नगर निगम टेंडर के जरिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने की तैयारी कर रहा है इसके लिए नगर निगम में टेंडर जारी कर दिया है.
कर्मचारियों की लापरवाही आई सामने
बड़े प्रोजेक्ट्स को एनओसी देने के बाद नगर निगम के कर्मचारी वहां झांक कर भी नहीं देखते जिसकी लजह से कॉलोनाइजर्स इस बात का बखूबी फायदा उठाते हैं. भवन अनुज्ञा विभाग में सालों से जमे बैठे कर्मचारी केवल नियम के नाम पर खानापूर्ति कर रहे हैं. यही कारण है कि वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम सही तरीके से शहर में लागू नहीं हो पाया है.
कार्रवाई की गई है
इस मामले में नगर निगम आयुक्त चंद्रकांत कौशिक का कहना है कि नगर निगम ने कॉलोनाइजर्स को वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की शर्त पर भवन अनुज्ञा दी थी जांच में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा नहीं पाया गया. इस कारण कॉलोनाइजर्स की जमा रकम राजसात की गई है.