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खैरागढ़: 10 घंटे से चट्टान में फंसे बच्चे को NDRF की टीम ने सुरक्षित निकाला बाहर

खैरागढ़ के गंडई में रैमंडवा नदी के बीच चट्टान में फंसे दस साल के बच्चे को NDRF की टीम ने सकुशल निकाल लिया है. यह रेस्क्यू ऑपरेशन करीब 4 घंटे तक चला. बता दें, बच्चे का पैर चट्टान में फंस गया था.

child rescued successfully
10 घंटे से फंसे बच्चे को निकाला गया बाहर
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Published : Aug 25, 2020, 7:55 PM IST

राजनांदगांव: भिलाई से पहुंची एनडीआरएफ की टीम ने चार घंटे के रेस्क्यू के बाद गंडई के रैमंडवा नदी के बीच चट्टान में फंसे दस साल के अनिल को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है. अनिल करीब दस घंटे तक बाढ़ के बीच चट्टान में फंसा हुआ था. एनडीआरएफ की टीम ने चट्टान को ड्रिल से तोड़कर रात के करीब एक बजे अनिल को सुरक्षित बाहर निकाला, जिसके बाद ही अनिल के घरवालों ने राहत की सांस ली.

ग्रामीणों ने भी अनिल को सुरक्षित देख खुशी जाहिर की है. एसडीएम दीप्ति वर्मा ने बताया कि अनिल पूरी तरह स्वस्थ है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के बाद अनिल को घर भेज दिया गया है. इससे पहले भी अनिल को गंडई अस्पताल के डाक्टर प्रशांत सोनी ने दर्द का इंजेक्शन लगाया था. बच्चे के घर लौटने के बाद घर में ही नहीं गांव में खुशी मनाई गई.

यह घटना सोमवार दोपहर करीब तीन बजे की है. गंडई का ठंढार निवासी अनिल अपने कुछ दोस्तों के साथ मछली पकड़ने और नहाने का प्लान करके रैमंडवा नदी गया था. मछली पकड़ने के बाद अनिल नदी में नहा रहा था, तभी नदी के बीच चट्टान में उसका पैर फंस गया. गांव में इसकी खबर लगते ही लोग नदी पहुंच गए. अनिल को बाहर निकालने का काफी प्रयास किया गया लेकिन जब वो कामयाब नहीं हो पाए तो यह जानकारी पुलिस को दी गई.

खबर के तुरंत बाद पुलिस और प्रशासनिक टीम दल-बल के साथ गांव पहुंच गई. टीम ने तीन से चार घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. नर्मदा से निकलने वाली रैमंडवा नदी की धार कम करने का जबरदस्त प्रयास किया गया. एनीकट के गेट भी बंद किए, जिसके बाद बहाव कम होते ही रात के लगभग दस बजे भिलाई की एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंची. टीम के जवानों ने तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. पहले तो टीम नदी के बीच चट्टान तक पहुंची, जिसके बाद ड्रिल से चट्टान को तोड़कर अनिल को सुरक्षित बाहर निकाला गया. रात में भले ही एक बज गए थे, लेकिन अनिल को सुरक्षित देखने के लिए आखिरी समय तक गांववाले डटे रहे.

करीब 4 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन
रात के दस बजे भिलाई की एनडीआरएफ की टीम के 30 लोग मौके पर पहुंचे. आधे घंटे तक टीम ने वस्तुस्थिति को समझा, जिसके बाद करीब साढ़े दस बजे टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. मोटर पंप और आटोमेटिक ड्रिल मशीन लेकर टीम स्पॉट पर पहुंची. ड्रिल से सुरक्षित तरीके से पत्थरों को तोड़ा गया. मोटर पंप से पानी को लगातार बाहर किया गया. लगभग साढ़े तीन से चार घंटे की मशक्कत के बाद रात में एक बजकर दस मिनट पर अनिल का पैर बाहर निकला.

परिजनों के साथ अफसर भी डटे रहे
सोमवार दोपहर तीन बजे से रात करीब सवा एक बजे तक नदी के बीच फंसे होने के कारण अनिल को बचाने घर वाले पूरे टाइम तक जमे रहे. अनिल के पिता लालाजी पारधी रेस्क्यू टीम के साथ ही थे. बेटे को बाहर निकालने में पिता ने रेस्क्यू टीम की मदद भी की. इधर अनिल की मां भी बीच-बीच में बेटे की कुशलता की खबर लेती रही. अनिल के घर लौटने के बाद भी उसकी मां के आंख से आंसू रुके नहीं. पूरे समय उसकी मां बेटे के नाम से बिलखती रही. इस रेस्क्यू के दौरान तहसीलदार प्रफुल्ल गुप्ता, एसडीओपी राजेश जोशी, टीआई सुषमा सिंह, छुईखदान टीआई सहित शासन-प्रशासन की टीम ग्रामीण और एनडीआरएफ की टीम मौजूद रही.

अनिल ने समझदारी और हौसले से लिया काम
तेज बहाव वाली रैमंडवा नदी के बीच चट्टान की दरार में पैर फंसने के कारण फंसे अनिल ने भी रेस्क्यू होने तक हिम्मत बनाए रखा. हांलाकि पानी में होने की वजह से अनिल ठंड से कांप जरुर रहा था, लेकिन रात में घंटो तक वो निडर होकर नदी पर खड़ा रहा. एसडीएम दीप्ति वर्मा ने कहा कि बच्चे ने काफी हिम्मत दिखाई. यही कारण है कि वो सकुशल बाहर लौट आया है.

राजनांदगांव: भिलाई से पहुंची एनडीआरएफ की टीम ने चार घंटे के रेस्क्यू के बाद गंडई के रैमंडवा नदी के बीच चट्टान में फंसे दस साल के अनिल को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है. अनिल करीब दस घंटे तक बाढ़ के बीच चट्टान में फंसा हुआ था. एनडीआरएफ की टीम ने चट्टान को ड्रिल से तोड़कर रात के करीब एक बजे अनिल को सुरक्षित बाहर निकाला, जिसके बाद ही अनिल के घरवालों ने राहत की सांस ली.

ग्रामीणों ने भी अनिल को सुरक्षित देख खुशी जाहिर की है. एसडीएम दीप्ति वर्मा ने बताया कि अनिल पूरी तरह स्वस्थ है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के बाद अनिल को घर भेज दिया गया है. इससे पहले भी अनिल को गंडई अस्पताल के डाक्टर प्रशांत सोनी ने दर्द का इंजेक्शन लगाया था. बच्चे के घर लौटने के बाद घर में ही नहीं गांव में खुशी मनाई गई.

यह घटना सोमवार दोपहर करीब तीन बजे की है. गंडई का ठंढार निवासी अनिल अपने कुछ दोस्तों के साथ मछली पकड़ने और नहाने का प्लान करके रैमंडवा नदी गया था. मछली पकड़ने के बाद अनिल नदी में नहा रहा था, तभी नदी के बीच चट्टान में उसका पैर फंस गया. गांव में इसकी खबर लगते ही लोग नदी पहुंच गए. अनिल को बाहर निकालने का काफी प्रयास किया गया लेकिन जब वो कामयाब नहीं हो पाए तो यह जानकारी पुलिस को दी गई.

खबर के तुरंत बाद पुलिस और प्रशासनिक टीम दल-बल के साथ गांव पहुंच गई. टीम ने तीन से चार घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. नर्मदा से निकलने वाली रैमंडवा नदी की धार कम करने का जबरदस्त प्रयास किया गया. एनीकट के गेट भी बंद किए, जिसके बाद बहाव कम होते ही रात के लगभग दस बजे भिलाई की एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंची. टीम के जवानों ने तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. पहले तो टीम नदी के बीच चट्टान तक पहुंची, जिसके बाद ड्रिल से चट्टान को तोड़कर अनिल को सुरक्षित बाहर निकाला गया. रात में भले ही एक बज गए थे, लेकिन अनिल को सुरक्षित देखने के लिए आखिरी समय तक गांववाले डटे रहे.

करीब 4 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन
रात के दस बजे भिलाई की एनडीआरएफ की टीम के 30 लोग मौके पर पहुंचे. आधे घंटे तक टीम ने वस्तुस्थिति को समझा, जिसके बाद करीब साढ़े दस बजे टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. मोटर पंप और आटोमेटिक ड्रिल मशीन लेकर टीम स्पॉट पर पहुंची. ड्रिल से सुरक्षित तरीके से पत्थरों को तोड़ा गया. मोटर पंप से पानी को लगातार बाहर किया गया. लगभग साढ़े तीन से चार घंटे की मशक्कत के बाद रात में एक बजकर दस मिनट पर अनिल का पैर बाहर निकला.

परिजनों के साथ अफसर भी डटे रहे
सोमवार दोपहर तीन बजे से रात करीब सवा एक बजे तक नदी के बीच फंसे होने के कारण अनिल को बचाने घर वाले पूरे टाइम तक जमे रहे. अनिल के पिता लालाजी पारधी रेस्क्यू टीम के साथ ही थे. बेटे को बाहर निकालने में पिता ने रेस्क्यू टीम की मदद भी की. इधर अनिल की मां भी बीच-बीच में बेटे की कुशलता की खबर लेती रही. अनिल के घर लौटने के बाद भी उसकी मां के आंख से आंसू रुके नहीं. पूरे समय उसकी मां बेटे के नाम से बिलखती रही. इस रेस्क्यू के दौरान तहसीलदार प्रफुल्ल गुप्ता, एसडीओपी राजेश जोशी, टीआई सुषमा सिंह, छुईखदान टीआई सहित शासन-प्रशासन की टीम ग्रामीण और एनडीआरएफ की टीम मौजूद रही.

अनिल ने समझदारी और हौसले से लिया काम
तेज बहाव वाली रैमंडवा नदी के बीच चट्टान की दरार में पैर फंसने के कारण फंसे अनिल ने भी रेस्क्यू होने तक हिम्मत बनाए रखा. हांलाकि पानी में होने की वजह से अनिल ठंड से कांप जरुर रहा था, लेकिन रात में घंटो तक वो निडर होकर नदी पर खड़ा रहा. एसडीएम दीप्ति वर्मा ने कहा कि बच्चे ने काफी हिम्मत दिखाई. यही कारण है कि वो सकुशल बाहर लौट आया है.

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