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राजनांदगांव: कोरोना काल में राहगीरों के हाथ-पैर पकड़ भीख मांग रहे नाबालिग, बेपरवाह प्रशासन - छत्तीसगढ़ में भीख मांग रहे बच्चे

राजनांदगांव के डोंगरगांव में छोटे-छोटे बच्चे राहगीरों से भीख मांग रहे हैं. कोरोना काल में ये बच्चे बिना मास्क पहने भीख मांगने के साथ ही राहगीरों के हाथ-पैर भी पकड़ रहे हैं.

Minors begging in Dongargaon of rajnandgaon
डोंगरगांव में नाबालिग मांग रहे भीख
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Published : Jul 29, 2020, 7:24 PM IST

राजनांदगांव: जिले के डोंगरगांव में कई महीनों से नाबालिग बच्चे राहगीरों से भीख मांगने का धंधा कर रहे हैं. इन बच्चों में पांच से दस साल के लडके और लड़कियां शामिल हैं और इनका पूरा रैकेट शहर में लंबे समय से सक्रिय है. इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन मूकदर्शक बनकर बैठा है.

Minors begging in Dongargaon of rajnandgaon
डोंगरगांव में नाबालिग मांग रहे भीख

नगर पंचायत से लेकर महिला बाल विकास विभाग तक को इन बच्चों के भीख मांगने के विषय में जानकारी है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

हाथ-पैर पकड़कर मांगते हैं भीख

शहर के भीड़-भाड़ वाले इलाके जैसे पुराना बस स्टैंड, श्रीराम द्वार, सब्जी बाजार सहित कई स्थलों पर बच्चे राहगीरों से पैसे मांगते हैं. कई बार तो ये बिना मास्क लगाए राहगीरों के पैर तक पकड़ लेते हैं. इसके साथ ही वो राहगीरों तब तक परेशान करते हैं, जब तक उन्हें कुछ मिल नहीं जाता. कोरोना काल में बार-बार शरीर को हाथ लगाकर भीख मांगने वाले बच्चों से मजबूर राहगीर रुपये देकर अपना पीछा छुड़ाते हैं.

कम्यूनिटी स्प्रेड होने की संभावना

राहगीर अनेक शहरों से होकर डोंगरगांव शहर में पहुंचते हैं और इन बच्चों के माध्यम से कोरोना का कम्यूनिटी स्प्रेड होने की संभावना है. इन इस समूह में लगभग एक दर्जन से अधिक बच्चे शामिल हैं, जो पूरी योजना के तहत भीख मांगने का काम कर रहे हैं. इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि इन्हें भीख मांगने के लिए मजबूर भी किया जा रहा हो, लेकिन स्थानीय प्रशासन और पुलिस अभी तक इन बच्चों को भीख मांगने से नहीं रोक पाई है और ना ही इनके पालकों को समझाइश दी गई है.

Minors begging in Dongargaon
राहगीरों से भीख मांग रहे नाबालिग

बच्चों के भिक्षावृत्ति पर लगाई जाएगी रोक

इस मामले में SDM वीरेंद्र सिंह ने बताया कि महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी से चर्चा हुई है. जिले की टीम की ओर से काउंसलिंग करवाने की व्यवस्था की जाएगी और बच्चों के भीख मांगने पर रोक लगाई जाएगी.

किस तरह से पहुंचाई जाएगी मदद

अब देखना यह होगा की कोरोना काल में बीते 1-2 महीनों से जान जोखिम में डाल कर भीख मांगने वाले बच्चों को प्रशासन कब तक काबू कर पाती और प्रशासन इन बच्चों को किस तरह की मदद पहुंचती है.

राजनांदगांव: जिले के डोंगरगांव में कई महीनों से नाबालिग बच्चे राहगीरों से भीख मांगने का धंधा कर रहे हैं. इन बच्चों में पांच से दस साल के लडके और लड़कियां शामिल हैं और इनका पूरा रैकेट शहर में लंबे समय से सक्रिय है. इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन मूकदर्शक बनकर बैठा है.

Minors begging in Dongargaon of rajnandgaon
डोंगरगांव में नाबालिग मांग रहे भीख

नगर पंचायत से लेकर महिला बाल विकास विभाग तक को इन बच्चों के भीख मांगने के विषय में जानकारी है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

हाथ-पैर पकड़कर मांगते हैं भीख

शहर के भीड़-भाड़ वाले इलाके जैसे पुराना बस स्टैंड, श्रीराम द्वार, सब्जी बाजार सहित कई स्थलों पर बच्चे राहगीरों से पैसे मांगते हैं. कई बार तो ये बिना मास्क लगाए राहगीरों के पैर तक पकड़ लेते हैं. इसके साथ ही वो राहगीरों तब तक परेशान करते हैं, जब तक उन्हें कुछ मिल नहीं जाता. कोरोना काल में बार-बार शरीर को हाथ लगाकर भीख मांगने वाले बच्चों से मजबूर राहगीर रुपये देकर अपना पीछा छुड़ाते हैं.

कम्यूनिटी स्प्रेड होने की संभावना

राहगीर अनेक शहरों से होकर डोंगरगांव शहर में पहुंचते हैं और इन बच्चों के माध्यम से कोरोना का कम्यूनिटी स्प्रेड होने की संभावना है. इन इस समूह में लगभग एक दर्जन से अधिक बच्चे शामिल हैं, जो पूरी योजना के तहत भीख मांगने का काम कर रहे हैं. इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि इन्हें भीख मांगने के लिए मजबूर भी किया जा रहा हो, लेकिन स्थानीय प्रशासन और पुलिस अभी तक इन बच्चों को भीख मांगने से नहीं रोक पाई है और ना ही इनके पालकों को समझाइश दी गई है.

Minors begging in Dongargaon
राहगीरों से भीख मांग रहे नाबालिग

बच्चों के भिक्षावृत्ति पर लगाई जाएगी रोक

इस मामले में SDM वीरेंद्र सिंह ने बताया कि महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी से चर्चा हुई है. जिले की टीम की ओर से काउंसलिंग करवाने की व्यवस्था की जाएगी और बच्चों के भीख मांगने पर रोक लगाई जाएगी.

किस तरह से पहुंचाई जाएगी मदद

अब देखना यह होगा की कोरोना काल में बीते 1-2 महीनों से जान जोखिम में डाल कर भीख मांगने वाले बच्चों को प्रशासन कब तक काबू कर पाती और प्रशासन इन बच्चों को किस तरह की मदद पहुंचती है.

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