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Lockdown: महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा से सटे गांवों में दिक्कत, इलाज को तरसे लोग

इलाज कराने के लिए कोटगुल गांव के लोग छत्तीसगढ़ की सीमा लांघकर महाराष्ट्र के ही कोरची गांव जाते हैं, लेकिन लॉकडाउन के कारण सीमा बंद होने से ग्रामीण इलाज के लिए भटक रहे हैं.

maharashtra patients use to cross border of rajnandgaon for treatment
सीमा पार कर इलाज कराने आते हैं महाराष्ट्र के ग्रामीण
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Published : Apr 15, 2020, 2:58 PM IST

Updated : Apr 15, 2020, 4:50 PM IST

राजनांदगांव/खैरागढ़: पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के कोटगुल गांव के लोगों को इलाज के साथ सरकारी कामकाज के लिए छत्तीसगढ़ की सीमा पार कर महाराष्ट्र के ही कोरची गांव जाना पड़ता है. यहां के ग्रामीण इलाज कराने के लिए राजनांदगांव जिले के सरहदी गांव वासड़ी-पाटन से बंजारी गांव का चेक पोस्ट लांघकर कोरची जाते हैं, लेकिन वर्तमान में लॉकडाउन की वजह से दोनों राज्यों की सीमाएं सील हैं. इसके कारण लोगों को जरूरी सामानों के साथ इलाज के लिए भी भटकना पड़ रहा है.

सीमा पार कर इलाज कराने आते हैं महाराष्ट्र के ग्रामीण

महाराष्ट्र का कोटगुल गांव राजनांदगांव के मोहला ब्लॉक मुख्यालय से केवल 24 किलोमीटर दूर है. कोरची गांव 35 से 40 किलोमीटर दूर पड़ता है. इस वजह से कोटगुल के ज्यादातर लोग भोजटोला के रास्ते से मोहला पहुंचकर राशन और जरूरी सामानों की पूर्ति तो कर लेते हैं, लेकिन स्वास्थ्य सुविधा को लेकर दिक्कतें बढ़ गई हैं. बॉर्डर सील होने के कारण वहां के ग्रामीणों को राजनांदगांव जिले में एंट्री नहीं दी जा रही है.

जंगलों के रास्ते मोहला पहुंचते हैं ग्रामीण

कोटगुल और कोरची के बीच 35 से 40 किलोमीटर का फासला है, हालांकि दोनों ही गांव महाराष्ट्र के हैं, लेकिन कोटगुल से कोरची जाने के लिए यहां के लोगों को अंबागढ़ चौकी ब्लॉक के बंजारी चेक पोस्ट से होकर गुजरना पड़ता है, लेकिन ऐसा करना फिलहाल लॉकडाउन के कारण मुमकिन नहीं है. महाराष्ट्र को जोड़ने वाली मुख्य सड़क होने के कारण यह रास्ता बंद है. जैसे-तैसे महाराष्ट्र की तरफ से उन्हें छूट तो मिल जाती है, लेकिन छत्तीसगढ़ की सीमा पार करने के लिए लोगों को अनुमति नहीं मिलती.

maharashtra patients use to cross border of rajnandgaon for treatment
सीमा पार कर इलाज कराने आते हैं महाराष्ट्र के ग्रामीण

पुलिस की यहां तगड़ी सुरक्षा-व्यवस्था है, जिसके चलते कई जंगल और अंदरूनी रास्तों से भोजटोला होकर कोटगुल के ग्रामीण राशन और अन्य सामान लेने मोहला पहुंचते हैं.

अनुमति के बाद ही बॉर्डर लांघ पाए डॉक्टर

दो दिन पहले बंजारी चेक पोस्ट पर महाराष्ट्र के कोरची से कोटगुल जाने के लिए निकले डॉक्टरों को भी बॉर्डर पार करने नहीं दिया गया. पुलिस ने डॉक्टरों की टीम को भी बंजारी सीमा पर रोक दिया. आधे-पौन घंटे की मशक्कत के बाद डॉक्टरों ने महाराष्ट्र प्रशासन से बात कराई, तब उन्हें कोटगुल जाने दिया गया.

maharashtra patients use to cross border of rajnandgaon for treatment
सीमा पार कर इलाज कराने आते हैं महाराष्ट्र के ग्रामीण

खबर है कि कोटगुल में भी दर्जनों लोगों को होम आइसोलेशन में रखा गया था, उन्हीं लोगों की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम वहां जा रही थी. वर्तमान में कोटगुल से आने वाले एंबुलेंस चालकों से भी पूछताछ की जा रही है, ताकि जिले में कोई कोरोना पॉजिटिव मरीज ना आ सके.

राजनांदगांव/खैरागढ़: पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के कोटगुल गांव के लोगों को इलाज के साथ सरकारी कामकाज के लिए छत्तीसगढ़ की सीमा पार कर महाराष्ट्र के ही कोरची गांव जाना पड़ता है. यहां के ग्रामीण इलाज कराने के लिए राजनांदगांव जिले के सरहदी गांव वासड़ी-पाटन से बंजारी गांव का चेक पोस्ट लांघकर कोरची जाते हैं, लेकिन वर्तमान में लॉकडाउन की वजह से दोनों राज्यों की सीमाएं सील हैं. इसके कारण लोगों को जरूरी सामानों के साथ इलाज के लिए भी भटकना पड़ रहा है.

सीमा पार कर इलाज कराने आते हैं महाराष्ट्र के ग्रामीण

महाराष्ट्र का कोटगुल गांव राजनांदगांव के मोहला ब्लॉक मुख्यालय से केवल 24 किलोमीटर दूर है. कोरची गांव 35 से 40 किलोमीटर दूर पड़ता है. इस वजह से कोटगुल के ज्यादातर लोग भोजटोला के रास्ते से मोहला पहुंचकर राशन और जरूरी सामानों की पूर्ति तो कर लेते हैं, लेकिन स्वास्थ्य सुविधा को लेकर दिक्कतें बढ़ गई हैं. बॉर्डर सील होने के कारण वहां के ग्रामीणों को राजनांदगांव जिले में एंट्री नहीं दी जा रही है.

जंगलों के रास्ते मोहला पहुंचते हैं ग्रामीण

कोटगुल और कोरची के बीच 35 से 40 किलोमीटर का फासला है, हालांकि दोनों ही गांव महाराष्ट्र के हैं, लेकिन कोटगुल से कोरची जाने के लिए यहां के लोगों को अंबागढ़ चौकी ब्लॉक के बंजारी चेक पोस्ट से होकर गुजरना पड़ता है, लेकिन ऐसा करना फिलहाल लॉकडाउन के कारण मुमकिन नहीं है. महाराष्ट्र को जोड़ने वाली मुख्य सड़क होने के कारण यह रास्ता बंद है. जैसे-तैसे महाराष्ट्र की तरफ से उन्हें छूट तो मिल जाती है, लेकिन छत्तीसगढ़ की सीमा पार करने के लिए लोगों को अनुमति नहीं मिलती.

maharashtra patients use to cross border of rajnandgaon for treatment
सीमा पार कर इलाज कराने आते हैं महाराष्ट्र के ग्रामीण

पुलिस की यहां तगड़ी सुरक्षा-व्यवस्था है, जिसके चलते कई जंगल और अंदरूनी रास्तों से भोजटोला होकर कोटगुल के ग्रामीण राशन और अन्य सामान लेने मोहला पहुंचते हैं.

अनुमति के बाद ही बॉर्डर लांघ पाए डॉक्टर

दो दिन पहले बंजारी चेक पोस्ट पर महाराष्ट्र के कोरची से कोटगुल जाने के लिए निकले डॉक्टरों को भी बॉर्डर पार करने नहीं दिया गया. पुलिस ने डॉक्टरों की टीम को भी बंजारी सीमा पर रोक दिया. आधे-पौन घंटे की मशक्कत के बाद डॉक्टरों ने महाराष्ट्र प्रशासन से बात कराई, तब उन्हें कोटगुल जाने दिया गया.

maharashtra patients use to cross border of rajnandgaon for treatment
सीमा पार कर इलाज कराने आते हैं महाराष्ट्र के ग्रामीण

खबर है कि कोटगुल में भी दर्जनों लोगों को होम आइसोलेशन में रखा गया था, उन्हीं लोगों की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम वहां जा रही थी. वर्तमान में कोटगुल से आने वाले एंबुलेंस चालकों से भी पूछताछ की जा रही है, ताकि जिले में कोई कोरोना पॉजिटिव मरीज ना आ सके.

Last Updated : Apr 15, 2020, 4:50 PM IST
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