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मजदूरों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में भी हो रही परेशानी, मांगकर पी रहे पानी - राजनांदगांव में मजदूर क्वॉरेंटाइन

कोरोना के कहर के चलते भूखे-प्यासे हजारों किलोमीटर का सफर तय करके यह मजदूर अपने गृहग्राम तो पहुंच गए हैं, लेकिन इन्हें अब क्वॉरेंटाइन सेंटर में भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बताया जा रहा है कि जिले के कई क्वॉरेंटाइन सेंटरों में पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं है.

laborers also facing trouble in quarantine center in rajnandgaon
मजदूरों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में भी हो रही परेशानी
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Published : May 23, 2020, 7:00 PM IST

राजनांदगांव: लॉकडाउन ने सबसे ज्यादा किसान और मजदूर वर्ग को परेशान किया है. वहीं लॉकडाउन के चलते दूसरे राज्यों और शहरों में फंसे मजदूरों की लगातार घर वापसी हो रही है. इन मजूदरों को गृहग्राम पहुंचने पर क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. जहां इन्हें पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी तरसना पड़ रहा है.

दरअसल जिले के मजदूर लॉकडाउन के बाद दूसरे प्रदेशों से भटकते हुए गांव पहुंचे हैं. कई किलोमीटर पैदल भूखे-प्यासे सफर तय करना पड़ा है. गांव पहुंचने के बाद अब मजदूर पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं. बताया जा रहा है जिले के रीवागहन, बरगा और धनगांव क्वॉरेंटाइन सेंटर के पास का हैंडपंप खराब पड़ा है. जिस कारण क्वॉरेंटाइन किए गए मजदूरों को पास के ही घरों से पानी मांगकर पीना पड़ रहा है. यहां सब मजदूर हैदराबाद, सूरत, चंद्रपुर और चेन्नई से कुछ दिन पहले ही आए हैं.

पढ़े:राजीव गांधी किसान न्याय योजना: रमन सिंह के खाते में आए 26612 रुपए


क्वॉरेंटाइन सेंटर्स में पानी नहीं

धनगांव क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे मजदूर पवन कुमार देवांगन, मीना बाई देवांगन, छगन सिंह, कैलाश साहू, हितेश देवांगन और हिम्मत सिंह ने बताया कि क्वॉरेंटाइन सेंटर में बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ग्राम पंचायत की ओर से पेयजल उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. घर से पीने का पानी मंगवाना पड़ रहा है. भोजन और अन्य सारी सामग्री घर से ही ला रहे हैं. लाइट की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. रात में अंधेरा हो जाने के कारण डर लगता है. पीने के पानी के लिए बोरिंग है, जिससे रेत और गंदा पानी निकलता है.

राशन कार्ड का काम जारी

मामले को लेकर जनपद पंचायत सीईओ गोपाल प्रसाद कंवर से बात की गई, तो उनका कहना है कि हैंडपंप को सुधारने के लिए कहा गया है. नया राशन कार्ड बनाने का काम विधिवत रूप से किया जा रहा है, जिसके तहत मजदूरों को तीन माह का राशन दिया जा रहा है.

राजनांदगांव: लॉकडाउन ने सबसे ज्यादा किसान और मजदूर वर्ग को परेशान किया है. वहीं लॉकडाउन के चलते दूसरे राज्यों और शहरों में फंसे मजदूरों की लगातार घर वापसी हो रही है. इन मजूदरों को गृहग्राम पहुंचने पर क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. जहां इन्हें पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी तरसना पड़ रहा है.

दरअसल जिले के मजदूर लॉकडाउन के बाद दूसरे प्रदेशों से भटकते हुए गांव पहुंचे हैं. कई किलोमीटर पैदल भूखे-प्यासे सफर तय करना पड़ा है. गांव पहुंचने के बाद अब मजदूर पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं. बताया जा रहा है जिले के रीवागहन, बरगा और धनगांव क्वॉरेंटाइन सेंटर के पास का हैंडपंप खराब पड़ा है. जिस कारण क्वॉरेंटाइन किए गए मजदूरों को पास के ही घरों से पानी मांगकर पीना पड़ रहा है. यहां सब मजदूर हैदराबाद, सूरत, चंद्रपुर और चेन्नई से कुछ दिन पहले ही आए हैं.

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क्वॉरेंटाइन सेंटर्स में पानी नहीं

धनगांव क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे मजदूर पवन कुमार देवांगन, मीना बाई देवांगन, छगन सिंह, कैलाश साहू, हितेश देवांगन और हिम्मत सिंह ने बताया कि क्वॉरेंटाइन सेंटर में बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ग्राम पंचायत की ओर से पेयजल उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. घर से पीने का पानी मंगवाना पड़ रहा है. भोजन और अन्य सारी सामग्री घर से ही ला रहे हैं. लाइट की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. रात में अंधेरा हो जाने के कारण डर लगता है. पीने के पानी के लिए बोरिंग है, जिससे रेत और गंदा पानी निकलता है.

राशन कार्ड का काम जारी

मामले को लेकर जनपद पंचायत सीईओ गोपाल प्रसाद कंवर से बात की गई, तो उनका कहना है कि हैंडपंप को सुधारने के लिए कहा गया है. नया राशन कार्ड बनाने का काम विधिवत रूप से किया जा रहा है, जिसके तहत मजदूरों को तीन माह का राशन दिया जा रहा है.

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