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रामनवमी या प्रतिपदा में प्रभु श्रीराम मंदिर का भूमिपूजन संभावित: कनिष्ठ शंकराचार्य - Swami Atmanand Saraswat

उद्गार नगर के साकेत धाम परिषद में आयोजित श्रीमद देवी भागवत महापुराण में कथामृत ज्ञान यज्ञ में कनिष्ठ शंकराचार्य जगतगुरू स्वामी आत्मानंद सरस्वती ज्योतिषपीठ काशी ने कहा कि 'CAA का विरोध राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में आता है'.

Swami Atmanand Saraswati
स्वामी आत्मानंद सरस्वती
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Published : Feb 9, 2020, 4:40 PM IST

Updated : Feb 9, 2020, 4:50 PM IST

राजनांदगांव: अयोध्या में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण की तिथि अब जल्द ही घोषित होने वाली है. रामनवमी या प्रतिप्रदा को जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण प्रांरभ होने की उम्मीद है. इसके लिए भारत सरकार ने ट्रस्ट का गठन पिछले दिनों कर दिया है. संत समाज एक होकर इस सपने को पूरा करने में जुटे हैं. यह संदेश नगर के साकेत धाम परिषद में आयोजित श्रीमद देवी भागवत महापुराण में कथामृत ज्ञान यज्ञ में कनिष्ठ शंकराचार्य जगतगुरू स्वामी आत्मानंद सरस्वती ज्योतिषपीठ काशी ने दिया है.

स्वामी आत्मानंद सरस्वती

'CAA किसी को देश से बाहर करने के लिए नहीं है'

स्वामी आत्मानंद सरस्वती ने बताया कि 'वे अक्सर छत्तीसगढ़ आते रहते हैं और छत्तीसगढ़ मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम का ननिहाल और माता कौशिल्या की जन्मभूमि है और ऐसे स्थान पर जो संत नहीं पहुंच पाए हैं, उनका संतत्व अधूरा है. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने राम मंदिर, सीएए और पाठ्यक्रम में गीता शामिल किए जाने सहित कई मुद्दों पर चर्चा की. इस दौरान उन्होंने नागरिकता संशोधन विधेयक पर कहा कि 'सीएए का विरोध राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में आता है. भारत में किसी भी मुसलमान, हिन्दू, इसाई या बौद्ध को देश से निकालने या उसे प्रताडि़त करने का कोई साजिश नहीं है'.

'राजनीतिक फायदे के लिए हो रहा CAA का विरोध'

उन्होने कहा कि 'राजनीतिक फायदे के लिए देश में कुछ लोग अराजकता की स्थिति पैदा कर रहे हैं, जिसका उदाहरण है शाहीन बाग'. उन्होंने कहा कि 'शाहीन बाग भारत की भूमि है, वह हमारे देश का हृदय स्थल है और वहां जो कुछ भी हो रहा है वह गलत है'. उन्होंने बताया कि 'उन्होंने खुद ही छत्तीसगढ़ सहित मध्यप्रदेश सरकार को इस बारे पत्र लिखकर उन्हें साधुवाद दिया है और उन्होंने इस काम में हर संभव मदद के लिए कहा है'.

राजनांदगांव: अयोध्या में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण की तिथि अब जल्द ही घोषित होने वाली है. रामनवमी या प्रतिप्रदा को जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण प्रांरभ होने की उम्मीद है. इसके लिए भारत सरकार ने ट्रस्ट का गठन पिछले दिनों कर दिया है. संत समाज एक होकर इस सपने को पूरा करने में जुटे हैं. यह संदेश नगर के साकेत धाम परिषद में आयोजित श्रीमद देवी भागवत महापुराण में कथामृत ज्ञान यज्ञ में कनिष्ठ शंकराचार्य जगतगुरू स्वामी आत्मानंद सरस्वती ज्योतिषपीठ काशी ने दिया है.

स्वामी आत्मानंद सरस्वती

'CAA किसी को देश से बाहर करने के लिए नहीं है'

स्वामी आत्मानंद सरस्वती ने बताया कि 'वे अक्सर छत्तीसगढ़ आते रहते हैं और छत्तीसगढ़ मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम का ननिहाल और माता कौशिल्या की जन्मभूमि है और ऐसे स्थान पर जो संत नहीं पहुंच पाए हैं, उनका संतत्व अधूरा है. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने राम मंदिर, सीएए और पाठ्यक्रम में गीता शामिल किए जाने सहित कई मुद्दों पर चर्चा की. इस दौरान उन्होंने नागरिकता संशोधन विधेयक पर कहा कि 'सीएए का विरोध राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में आता है. भारत में किसी भी मुसलमान, हिन्दू, इसाई या बौद्ध को देश से निकालने या उसे प्रताडि़त करने का कोई साजिश नहीं है'.

'राजनीतिक फायदे के लिए हो रहा CAA का विरोध'

उन्होने कहा कि 'राजनीतिक फायदे के लिए देश में कुछ लोग अराजकता की स्थिति पैदा कर रहे हैं, जिसका उदाहरण है शाहीन बाग'. उन्होंने कहा कि 'शाहीन बाग भारत की भूमि है, वह हमारे देश का हृदय स्थल है और वहां जो कुछ भी हो रहा है वह गलत है'. उन्होंने बताया कि 'उन्होंने खुद ही छत्तीसगढ़ सहित मध्यप्रदेश सरकार को इस बारे पत्र लिखकर उन्हें साधुवाद दिया है और उन्होंने इस काम में हर संभव मदद के लिए कहा है'.

Intro:राजनांदगांव/डोंगरगाँव :                  चार सौ सत्ताईस वर्ष पुराने सपने के पूरा होने के दिन अब सन्निकट आ गए हैं और अयोध्या में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण की तिथि अब जल्द ही घोषित होने वाली है. संभवत: रामनवमी या प्रतिप्रदा को जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण प्रांरभ हो जायेगा. इसके लिए भारत सरकार ने ट्रस्ट का गठन पिछले दिनों कर ही दिया है और सभी संत समाज एक राय होकर इस सपने को पूरा करने में जुटे हैं यह उद्गार नगर के साकेत धाम परिषद में आयोजित श्रीमद देवी भागवत महापुराण, कथामृत ज्ञान यज्ञ में बतौर वक्ता पधारे कनिष्ठ शंकराचार्य जगतगुरू स्वामी आत्मानंद सरस्वती ज्योतिषपीठ काशी ने व्यक्त किये हैं. स्वामीजी ने भावुक होकर बताया कि वे अक्सर छत्तीसगढ़ आते रहते हैं और छत्तीसगढ़ मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम का ननिहाल व माता कौशिल्या की जन्मभूमि है और ऐसे स्थान पर जो संत नहीं पहुंच पाये हैं, उनका संतत्व अधूरा है.Body:मिडिया से भेंट के दौरान स्वामीजी ने राम मंदिर, धर्मांतरण, सीएए व पाठ्यक्रम में गीता शामिल किये जाने सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने चर्चा के दौरान नागरिकता संशोधन विधेयक पर कहा कि सीएए का विरोध राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में आता है. भारत में किसी भी मुसलमान, हिन्दू, इसाई या बौद्ध को देश से निकालने या उसे प्रताडि़त करने का कोई षडय़ंत्र नहीं है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व भारत सरकार का फैसला है कि जो आतताई, आतंकी व देशद्रोही भारतवर्ष में उपद्रव फैलाते थे उनकी पहचान सीएए के माध्यम से होगी और उन्हें किसी भी परिस्थिति में ठहरने नहीं दिया जायेगा. सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि आजादी के बाद से 1971 तक जो यहाँ बस गए हैं उन पर किसी भी प्रकार का कोई भी कानूनी हस्तक्षेप नहीं है, परन्तु राजनैतिक लाभ के लिए देश में कुछ लोग अराजकता की स्थिति पैदा कर रहे हैं जिसका उदाहरण है शाहीन बाग. शाहीन बाग ख्वाजा की कोई बपौती नहीं है, वह भारत भूमि है, वह हमारे देश का हृदय स्थल है और वहाँ जो कुछ भी हो रहा है वह राष्ट्रविरोधी गतिविधियाँ है और राष्ट्र को तोडऩे की साजिश है. ये इन निकम्मों का प्रयोग है और प्रयोग सफल रहा तो मोदी व सरकार को हर मुद्दे पर दबाव बनाकर सरकार को अस्थिर करने का कुप्रयास है. जो सीएए का विरोध कर रहे हैं वे राष्ट्र के विरोधी हैं और उनके नैतिकता का पतन हो चुका है.

अयोध्या में राममंदिर निर्माण के मुद्दे पर कनिष्ठ शंकराचार्य ने बताया कि यह 427 वर्ष पुराना हमारे देश के स्वाभिमान का मुद्दा था. उस आतंकी बाबर व्दारा हमारा मान बिंदु मिटाया गया था. 6 दिसम्बर 1992 को कार सेवा कर उस कलंक को धोया गया और भारत सरकार ने निष्पक्ष होकर सभी धर्मों का आदर कर कोई कड़ी कार्यवाही नहीं की. माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले के स्वागत की बात हम लोगों ने लिखित तौर पर दिया था, वैसे ही विरोधियों को भी स्वीकार कर लेना चाहिए. राम मंदिर न्यास ट्रस्ट का जो गठन सरकार ने किया है वह सही है. रामनवमी अथवा प्रतिपदा दोनों में से कोई एक तिथि में मंदिर निर्माण के शुभारंभ के लिए वरिष्ठ संत समाज में चर्चा जारी है.

गौसेवा के लिए भूपेश सरकार की सराहना : पत्रकार वार्ता में कनिष्ठ शंकराचार्यजी ने कहा कि वे राजनैतिक व्यक्ति नहीं हैं परन्तु कांग्रेस के कट्टर विरोधी रहे हैं परन्तु छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार के व्दारा गौवंश की सेवा तथा गौठानों के उत्थान व आधुनिकीकरण के लिए जो कार्य किये जा रहे हैं वे अति प्रशंसनीय हैं. स्वामीजी ने बताया कि छत्तीसगढ़ सहित मध्यप्रदेश व राजस्थान की सरकार गौसेवा व गौठान की दिशा में सोच रही है यह बड़ी बात है. उन्होंने बताया कि वे स्वयं ही छत्तीसगढ़ सहित मध्यप्रदेश सरकार को इस बाबत पत्र लिखकर उन्हें साधुवाद दिया है तथा इस कार्य में हर संभव मदद के लिए कहा है.Conclusion:बाईट
1 स्वामी आत्मानंद सरस्वती कनिष्ठ शंकराचार्य जगतगुरू ज्योतिषपीठ काशी
Last Updated : Feb 9, 2020, 4:50 PM IST
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