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राजनांदगांव: मनाई गई कमरछठ, महिलाओं ने संतान के लिए मांगा आशीर्वाद

राजनांदगांव में धूम-धाम से मनाया गया कमरछठ का त्योहार. महिलाओं ने संतान के लिए मांगी दुआ. साथ ही हलषष्ठी का व्रत रख पूजा अर्चना की.

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Published : Aug 22, 2019, 12:01 AM IST

धूम-धाम से मनाई गई कमरछठ

राजनांदगांव: जिले की महिलाओं ने आज संतान की दीर्घायु की कामना करते हुए हलषष्ठी का व्रत रखा. धर्म नगरी डोंगरगढ़ में महिलाओं ने हलषष्ठी का व्रत रख पूजा अर्चना की. इस पर्व को छत्तीसगढ़ राज्य पर कमरछठ के नाम से भी जाना जाता है. ग्रामीण इलाकों में इस पर्व का काफी महत्व है. इस पर्व के अवसर पर महिलाओं ने विधिविधान से भगवान श्री बलभद्र, शंकर पार्वती की पूजा अर्चना की.

धूम-धाम से मनाई गई कमरछठ

यह व्रत माताएं अपनR संतान की सुख समृद्धि एवं दीर्धायु के लिए रखती हैं. नगर के सभी वार्ड में भगवान शिव, पार्वती व बलभद्र की स्थापना के पश्चात विधिविधान से पूजा अर्चना की तथा अपने संतान की दीर्धायु की कामना की. जिन माताओं और बहनों को संतान नहीं होती ऐसी महिलाएं संतान की कामना के लिए व्रत धारण करती हैं. साथ ही भगवान की फेरी लगाने के बाद आरती पूजा अर्चना की जाती है.

खुशहाली को लेकर करती हैं कामना
गणेश मंदिर के पुजारी नरेश तिवारी ने बताया कि हलषष्ठी का व्रत महिलाएं अपनी संतान की खुशहाली एवं दीर्धायु की कामना को लेकर रखती हैं. विधि विधान से पूजा अर्चना कर अपनी संतानों को गले से लगाकर पीठ पर हाथ फेरती हैं.

राजनांदगांव: जिले की महिलाओं ने आज संतान की दीर्घायु की कामना करते हुए हलषष्ठी का व्रत रखा. धर्म नगरी डोंगरगढ़ में महिलाओं ने हलषष्ठी का व्रत रख पूजा अर्चना की. इस पर्व को छत्तीसगढ़ राज्य पर कमरछठ के नाम से भी जाना जाता है. ग्रामीण इलाकों में इस पर्व का काफी महत्व है. इस पर्व के अवसर पर महिलाओं ने विधिविधान से भगवान श्री बलभद्र, शंकर पार्वती की पूजा अर्चना की.

धूम-धाम से मनाई गई कमरछठ

यह व्रत माताएं अपनR संतान की सुख समृद्धि एवं दीर्धायु के लिए रखती हैं. नगर के सभी वार्ड में भगवान शिव, पार्वती व बलभद्र की स्थापना के पश्चात विधिविधान से पूजा अर्चना की तथा अपने संतान की दीर्धायु की कामना की. जिन माताओं और बहनों को संतान नहीं होती ऐसी महिलाएं संतान की कामना के लिए व्रत धारण करती हैं. साथ ही भगवान की फेरी लगाने के बाद आरती पूजा अर्चना की जाती है.

खुशहाली को लेकर करती हैं कामना
गणेश मंदिर के पुजारी नरेश तिवारी ने बताया कि हलषष्ठी का व्रत महिलाएं अपनी संतान की खुशहाली एवं दीर्धायु की कामना को लेकर रखती हैं. विधि विधान से पूजा अर्चना कर अपनी संतानों को गले से लगाकर पीठ पर हाथ फेरती हैं.

Intro:राजनांदगांव जिले की महिलाओं ने आज संतान की दीर्घायु की कामना करते हुए हलषष्ठी का व्रत रखा धर्म नगरी डोंगरगढ़ में महिलाओं ने हलषष्ठी का व्रत रख पूजा अर्चना की इस पर्व को छत्तीसगढ़ राज्य पर कमरछठ के नाम से भी जाना जाता है ग्रामीण इलाकों में इस पर्व का काफी महत्व है इस पर्व के अवसर पर महिलाओं ने विधिविधान से भगवान श्री बलभद्र, शंकर पार्वती की पूजा अर्चना की है

Body:बता दें कि यह व्रत माताएं अपने संतान की सुख समृद्धि एवं दीर्धायु के लिए धारण करती हैं। नगर के सभी वार्ड में भगवान शिव, पार्वती व बलभद्र की स्थापना के पश्चात विधिविधान से पूजा अर्चना की तथा अपने संतान की दीर्धायु की कामना की। जिन माताओ बहनों को संतान नहीं होती ऐसी महिलाएं संतान की कामना के लिए व्रत धारण करती हैं। साथ ही भगवान की फेरी लगाने के बाद आरती पूजा अर्चना की जाती है ।
खुशहाली को लेकर करती हैं कामना
गणेश मंदिर के पुजारी नरेश तिवारी ने बताया कि हलषष्ठी का व्रत महिलाएं अपनी संतान की खुशहाली एवं दीर्धायु की कामना को लेकर रखती है।
विधिविधानपूजा अर्चना कर अपनी संतानों को गले से लगाकर पीठ पर हाथ फेरती है।

बाईट पण्डित नरेश तिवारी

Conclusion:खुशहाली को लेकर करती हैं कामना
गणेश मंदिर के पुजारी नरेश तिवारी ने बताया कि हलषष्ठी का व्रत महिलाएं अपनी संतान की खुशहाली एवं दीर्धायु की कामना को लेकर रखती है।
विधिविधानपूजा अर्चना कर अपनी संतानों को गले से लगाकर पीठ पर हाथ फेरती है।

बाईट पण्डित नरेश तिवारी

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