राजनांदगांव: चिटफंड कम्पनी के निवेशकों एवं एजेटों ने आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने एलान किया है. गुरुवार को राजनांदगांव में प्रेसवार्ता कर निवेशको ने साफ किया कि जब तक भुगतान नहीं होगा, तब तक मतदान नहीं किया जाएगा. इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार पर चिंटफंड निवेशकों के पैसे वापस लौटाने का वाहवाही लूटने का आरोप भी लगाया है.
"छग मे करीब 235 चिटफंड कम्पनी संचालित हो रही थी, जिसमे 20 लाख से आधिक निवेशकों ने अपनी गाढी कमाई करीब 10 लाख करोड़ जमा कराई है. राज्य के भूपेश सरकार ने चिटफंड निवेशकों के 40 करोड़ राशि वापस दिलाने का दावा किया है, जो एक परसेंट है. उन्होनें राज्य सरकार को चुनावी वादा याद दिलाया है और मूल रकम सहित ब्याज की रकम लौटाने की मांग की है." - दिनेश कुमार सिन्हा, निवेशक
"निवेशकों को कुछ ही परसेंट राशि वापस मिली": चिटफंड कम्पनी के एंजेट पूनाराम साहू सहित अन्य उनके साथियों ने राजनांदगांव प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता किया. उन्होने कहा है कि "जब तक भुगतान नहीं होगा, तब तक मतदान नहीं करेंगे और गांव के प्रवेश द्वारा में टेन्ट लगाकर राजनैतिक दलों को घुसने नहीं देंगे." उन्होंने बताया कि "राज्य सरकार चिटफंड निवेशकों का पैसा लौटाने का वाहवाही लूट रही है, जबकि निवेशकों को कुछ ही परसेंट राशि वापस मिली है. राज्य सरकार ने अपनी चुनावी घोषणा पत्र मे चिंटफंड कम्पनी के निवेशकों का पूरा पैसा ब्याज सहित लौटाने का वादा किया था."
निवेशकों के पूरे पैसे लौटाने की मांग: इस मौके पर चिंटफंड के अभिकर्ता एवं निवेशक मौजूद थे. उन्होंने प्रदेश सरकार से चिटफंड के निवेशकों के रुपए लौटाने की मांग की है. पत्रकारों से चर्चा करते हुए निवेशकों को हो रही परेशानियों के बारे में जानकारी दी गई. साथ ही उनके पैसे लौटाए जाने पर ही मतदान में भाग लेने की बात कही है.