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इस दिवाली- NO भिखारी: बेसहारा लोगों की दिवाली खुशहाल बनाने युवाओं की पहल - राजनांदगांव के युवाओं की मुहिम

'इस दिवाली, नो भिखारी' मुहिम के तहत युवाओं ने बेसहारा लोगों को इस दिवाली के अवसर पर उनके अपनों के साथ मिलाने के लिए पहल की है, ताकि वह भी अपने परिवार के साथ दिवाली के त्योहार का आनंद ले सकें.

बेसहारा लोगों की दिवाली खुशहाल बनाने युवाओं की पहल
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Published : Oct 24, 2019, 10:17 PM IST

राजनांदगांव: अपने अपनों के साथ दिवाली मना सकें इस बात का ख्याल करते हुए शहर के युवाओं ने एक बड़ी मुहिम की शुरुआत की है.

'इस दिवाली, नो भिखारी' मुहिम के तहत युवाओं ने बेसहारा लोगों को इस दिवाली के अवसर पर उनके अपनों के साथ मिलाने के लिए पहल की है, ताकि वो भी अपने परिवार के साथ दिवाली के त्योहार का आनंद ले सकें. वहीं ऐसे लोग जिनका परिवार ही नहीं है, उन्हें सरकारी आश्रय स्थल तक पहुंचा कर उनके लिए दिवाली की सारी व्यवस्थाएं इन युवाओं की ओर से की जाएगी.

बेसहारा लोगों की दिवाली खुशहाल बनाने युवाओं की पहल

बेसहारा लोगों का किया जा रहा सर्वे
शहर के युवा मंदिर, रेलवे स्टेशन और ऐसे सार्वजनिक स्थान जहां पर बेसहारा और निराश्रित लोग भीख मांग कर अपना जीवन यापन करते हैं, उनकी दिवाली को खुशियों वाली दिवाली बनाने में लगे हुए हैं.

'इस दिवाली, नो भिखारी' मुहिम से जुड़ते हुए युवा अब सर्वे कर बेसहारा लोगों की सूची तैयार कर रहे हैं. वहीं उनके परिवार के विषय में भी जानकारी इक्ठ्ठा कर रहे हैं, ताकि दिवाली से पहले ही युवा परिवार के लोगों से संपर्क कर उनकी काउंसलिंग करें और उन्हें उनके घर तक पहुंचाएं.

पढ़ें-कांग्रेस के विकास कार्यों के बल पर मिली जीतः राजमन बेंजाम

सड़कों पर जाम देखकर आया आईडिया
इस मुहिम के प्रमुख शरद खंडेलवाल ने बताया कि, एक दिन काम की लाइन के शनि मंदिर में भिखारियों का जमावड़ा पूरी सड़क को घेरे हुए था. लोगों को काफी तकलीफ हो रही थी आने-जाने में इस बीच अचानक यह ख्याल दिमाग में आया और 'इस दिवाली,नो भिखारी मुहिम' को शुरू करने के लिए यहीं से शुरुआत की गई.

सबसे पहले एक सर्वे कराकर ऐसे बेसहारा लोगों की सूची तैयार करवाई गई है और उन्हें सरकारी आश्रय स्थल तक पहुंचाने के लिए पहल की गई है. इसके साथ ही जिनके परिवार के लोग मौजूद हैं. उन्हें काउंसलिंग के जरिए घर तक पहुंचाया जा रहा है, ताकि वे अपनों के साथ दिवाली मना सकें.

राजनांदगांव: अपने अपनों के साथ दिवाली मना सकें इस बात का ख्याल करते हुए शहर के युवाओं ने एक बड़ी मुहिम की शुरुआत की है.

'इस दिवाली, नो भिखारी' मुहिम के तहत युवाओं ने बेसहारा लोगों को इस दिवाली के अवसर पर उनके अपनों के साथ मिलाने के लिए पहल की है, ताकि वो भी अपने परिवार के साथ दिवाली के त्योहार का आनंद ले सकें. वहीं ऐसे लोग जिनका परिवार ही नहीं है, उन्हें सरकारी आश्रय स्थल तक पहुंचा कर उनके लिए दिवाली की सारी व्यवस्थाएं इन युवाओं की ओर से की जाएगी.

बेसहारा लोगों की दिवाली खुशहाल बनाने युवाओं की पहल

बेसहारा लोगों का किया जा रहा सर्वे
शहर के युवा मंदिर, रेलवे स्टेशन और ऐसे सार्वजनिक स्थान जहां पर बेसहारा और निराश्रित लोग भीख मांग कर अपना जीवन यापन करते हैं, उनकी दिवाली को खुशियों वाली दिवाली बनाने में लगे हुए हैं.

'इस दिवाली, नो भिखारी' मुहिम से जुड़ते हुए युवा अब सर्वे कर बेसहारा लोगों की सूची तैयार कर रहे हैं. वहीं उनके परिवार के विषय में भी जानकारी इक्ठ्ठा कर रहे हैं, ताकि दिवाली से पहले ही युवा परिवार के लोगों से संपर्क कर उनकी काउंसलिंग करें और उन्हें उनके घर तक पहुंचाएं.

पढ़ें-कांग्रेस के विकास कार्यों के बल पर मिली जीतः राजमन बेंजाम

सड़कों पर जाम देखकर आया आईडिया
इस मुहिम के प्रमुख शरद खंडेलवाल ने बताया कि, एक दिन काम की लाइन के शनि मंदिर में भिखारियों का जमावड़ा पूरी सड़क को घेरे हुए था. लोगों को काफी तकलीफ हो रही थी आने-जाने में इस बीच अचानक यह ख्याल दिमाग में आया और 'इस दिवाली,नो भिखारी मुहिम' को शुरू करने के लिए यहीं से शुरुआत की गई.

सबसे पहले एक सर्वे कराकर ऐसे बेसहारा लोगों की सूची तैयार करवाई गई है और उन्हें सरकारी आश्रय स्थल तक पहुंचाने के लिए पहल की गई है. इसके साथ ही जिनके परिवार के लोग मौजूद हैं. उन्हें काउंसलिंग के जरिए घर तक पहुंचाया जा रहा है, ताकि वे अपनों के साथ दिवाली मना सकें.

Intro:राजनांदगांव अपने अपनों के साथ दिवाली मना सकें इस बात का ख्याल करते हुए शहर के युवाओं ने एक बड़ी मुहिम की शुरुआत कर दी है इस दिवाली नो भिखारी मुहिम के तहत युवाओं ने बेसहारा लोगो को इस दिवाली के अवसर पर उनके अपनों के साथ मिलाने के लिए पहल कर रहे हैं ताकि वह भी अपने परिवार के साथ दिवाली के पर्व का आनंद ले सकें वहीं ऐसे लोग जिनके परिवार ही नहीं है उन्हें सरकारी आश्रय स्थल तक पहुंचा कर उनके लिए दिवाली की सारी व्यवस्थाएं करने को लेकर के शहर के युवाओं ने एक बड़ी पहल की है.


Body:शहर के युवाओं ने मंदिर रेलवे स्टेशन और ऐसे सार्वजनिक स्थान जहां पर बेसहारा और निराश्रित लोग भीख मांग कर अपना जीवन यापन करते हैं ऐसे लोगों की दिवाली को दुरुस्त करने में लगे हैं इस दिवाली नो भिखारी मुहिम झड़ते हुए युवा अब सर्वे कर बेसहारा लोगों की सूची तैयार कर रहे हैं वहीं उनके परिवार के विषय में भी जानकारी एकत्र कर रहे हैं ताकि दिवाली के पहले ही युवा परिवार के लोगों से संपर्क कर उनकी काउंसलिंग करें और उन्हें उनके घर तक पहुंचाएं ताकि वह परिवार के साथ दिवाली मना सकें दूसरी ओर ऐसे बेसहारा लोग जिनके परिवार में कोई नहीं है उन्हें भी सरकारी आश्रय स्थल में ले जा कर रखा जा रहा है इसके साथ ही उनके लिए त्यौहार पर वह सारी सुविधाएं भी उपलब्ध की जा रही है जिससे वे धूमधाम से दिवाली मना सकें.


Conclusion:सड़कों पर जाम देखकर आया आईडिया
इस मुहिम के प्रमुख शरद खंडेलवाल ने बताया कि 1 दिन काम पर लाइन स्थित शनि मंदिर में भिखारियों का जमाना पूरी सड़क घेरे हुए था लोगों को काफी तकलीफ हो रही थी आने जाने में इस बीच अचानक यह ख्याल दिमाग में आया और इस दिवाली नो भिखारी मुहिम को शुरू करने के लिए यहीं से शुरुआत की गई सबसे पहले एक सर्वे करवाकर ऐसे बेसहारा लोगों की सूची तैयार करवाई गई है और उन्हें सरकारी आश्रय स्थल तक पहुंचाने के लिए पहल की गई है इसके साथ ही जिनके परिवार के लोग मौजूद हैं उन्हें काउंसलिंग के जरिए घर तक पहुंचाया जा रहा है ताकि वे अपने अपनों के साथ दिवाली मना सकें.

bite शरद खंडेलवाल अभियान प्रमुख
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