राजनांदगांव: अपने अपनों के साथ दिवाली मना सकें इस बात का ख्याल करते हुए शहर के युवाओं ने एक बड़ी मुहिम की शुरुआत की है.
'इस दिवाली, नो भिखारी' मुहिम के तहत युवाओं ने बेसहारा लोगों को इस दिवाली के अवसर पर उनके अपनों के साथ मिलाने के लिए पहल की है, ताकि वो भी अपने परिवार के साथ दिवाली के त्योहार का आनंद ले सकें. वहीं ऐसे लोग जिनका परिवार ही नहीं है, उन्हें सरकारी आश्रय स्थल तक पहुंचा कर उनके लिए दिवाली की सारी व्यवस्थाएं इन युवाओं की ओर से की जाएगी.
बेसहारा लोगों का किया जा रहा सर्वे
शहर के युवा मंदिर, रेलवे स्टेशन और ऐसे सार्वजनिक स्थान जहां पर बेसहारा और निराश्रित लोग भीख मांग कर अपना जीवन यापन करते हैं, उनकी दिवाली को खुशियों वाली दिवाली बनाने में लगे हुए हैं.
'इस दिवाली, नो भिखारी' मुहिम से जुड़ते हुए युवा अब सर्वे कर बेसहारा लोगों की सूची तैयार कर रहे हैं. वहीं उनके परिवार के विषय में भी जानकारी इक्ठ्ठा कर रहे हैं, ताकि दिवाली से पहले ही युवा परिवार के लोगों से संपर्क कर उनकी काउंसलिंग करें और उन्हें उनके घर तक पहुंचाएं.
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सड़कों पर जाम देखकर आया आईडिया
इस मुहिम के प्रमुख शरद खंडेलवाल ने बताया कि, एक दिन काम की लाइन के शनि मंदिर में भिखारियों का जमावड़ा पूरी सड़क को घेरे हुए था. लोगों को काफी तकलीफ हो रही थी आने-जाने में इस बीच अचानक यह ख्याल दिमाग में आया और 'इस दिवाली,नो भिखारी मुहिम' को शुरू करने के लिए यहीं से शुरुआत की गई.
सबसे पहले एक सर्वे कराकर ऐसे बेसहारा लोगों की सूची तैयार करवाई गई है और उन्हें सरकारी आश्रय स्थल तक पहुंचाने के लिए पहल की गई है. इसके साथ ही जिनके परिवार के लोग मौजूद हैं. उन्हें काउंसलिंग के जरिए घर तक पहुंचाया जा रहा है, ताकि वे अपनों के साथ दिवाली मना सकें.