राजनांदगांव: लगातार विवादों में रहने वाली जंगलेश्वर रेत खदान में एक बार फिर बरसात से पहले खनन का काम जोरों पर है. माना जा रहा है, बारिश के पहले रेत माफिया रेत का बड़ा स्टॉक जमा कर रखना चाहते हैं. यहीं कारण है कि खदान में सैकड़ों हाइवा एक साथ रेत खनन में लगे हुए हैं.
दरअसल, जंगलेशर रेत खदान को ग्रामीणों के विरोध के बाद बंद किया गया था, लेकिन फिर से इसे शुरू करा दिया गया है, लेकिन रेत माफिया नियमों को ताक पर रख एक बार फिर रेत खनन करने में लगा हुआ है. खनिज रॉयल्टी होने के बाद भी बिना रॉयल्टी के लगातार गाड़ियां निकाली जा रही है. इस मामले में खनिज विभाग के अधिकारी भी चुप्पी साधे हुए हैं. यहीं कारण है कि, सैकड़ों गाड़ियां अवैध रूप से रेत खनन कर शहर के बीच से गुजर रही है.
लगातार बदल रहे जगह
इसके पूर्व भी खदान से रेत निकालने का काम शुरू किया गया था, लेकिन ग्रामीणों ने इसका जबरदस्त विरोध किया था. इसके बाद अब रेत माफिया जगह बदल कर रेत निकाल रहे हैं. हालांकि ग्रामीण एक बार फिर माफिया के खिलाफ बड़े विरोध प्रदर्शन की तैयारी में हैं. वहीं कुछ जगहों पर ग्रामीण इसका विरोध कर भी रहे हैं, लेकिन रेत माफिया पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ रहा है.
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दरों में राहत नहीं
कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद रेत उत्खनन के मामले में नीति बनाकर आम जनता को सस्ती दर पर रेत उपलब्ध कराने की बात कही गई थी, लेकिन यह बात भी ठंडे बस्ते में चल गई, क्योंकि जिन खदानों को लीज पर दिया गया है. वहां से लगातार रेत का उत्खनन तो किया जा रहा है, लेकिन दरों में कोई कमी नहीं की गई है. इसके अलावा लोडिंग के नाम पर भी रेत माफिया मनमाना शुल्क वसूल रहे हैं. रेत माफिया के मनमानी के चलते एक हाइवा के लोडिंग का चार्ज 10 हजार रुपये तक कर दिया गया है.
नियमों का हो रहा पालन
मामले में खनिज अधिकारी चंद्रशेखर नायडू का कहना है कि रेत खदानों में नियमों का पालन करवाया जा रहा है. उत्खनन और परिवहन को लेकर लगातार विभाग कार्रवाई भी कर रहा है.