राजनांदगांव : जिले में ग्लैंडर्स नामक खतरनाक बीमारी के संक्रमण का दूसरा मामला सामने आया है. इस बार बसंतपुर निवासी सुल्तान खान की घोड़ी पर ग्लैंडर्स के संक्रमण, पॉजिटिव पाए गए हैं.
ये था पहला मामला
शहर के ठेठवार पारा में रहने वाले रफीक खान की घोड़ी में ग्लैंडर्स बीमारी का संक्रमण पाया गया था. इसकी पुष्टि होने के बाद राज्य शासन ने घोड़ी को बेहोशी का हेवी डोज देकर मारने का आदेश दिया था.
इंसानों में भी फैल सकती है बीमारी
जो लोग घोड़ों की देखभाल करते हैं या फिर इलाज करते हैं उनको संक्रमण का खतरा बना रहता है. इंसानों में इस बीमारी से मांसपेशियों में दर्द और अकड़न, छाती में दर्द, सिर दर्द और नाक से पानी निकलना यह सारे लक्षण दिखाई देते हैं.
विशेषज्ञों की मानें तो यह रोग बलकोलडेरिया बैक्टीरिया से होता है. यह जेनिटिक रोगों की श्रेणी में आता है और घोड़ों के अलावा दूसरे स्तनधारी पशुओं और इंसानों में भी हो सकता है. संक्रमण से फैलने वाली ये बीमारी खाल के एक घाव, नाक और मुयुकोसल सरफेस और सांस से होती है. बताया जा रहा है कि, घोड़ों में ये बीमारी लाइलाज होती है और इसके बचाव के लिए अब तक कोई टीका मौजूद नहीं है. इस वजह से जांच में ग्लैंडर्स की पुष्टि होने के बाद एनेस्थीसिया देकर घोड़े को मार दिया जाता है.
पता चले तो ऐसे करें बचाव
यदि किसी भी घोड़े में इस तरह के लक्षण पाए जाएं, तो उसे आबादी से अलग बांधा जाए और उसके परिवहन पर रोक लगा दी जाए. इसके साथ संबंधित जगह पर डिसइन्फेक्शन कराया जाए. खासकर बच्चों को ग्लैंडर्स रोग से संक्रमित घोड़ों से दूर ही रखा जाए.
पुलिस की मदद से लिए सैंपल
ग्लैंडर्स नामक खतरनाक बीमारी से संक्रमित होने के बावजूद घोड़ी के मालिक सुल्तान खान ने घोड़ी का सैंपल देने से इंकार कर दिया था. सैंपल लेने के लिए विभाग को काफी जद्दोजहद करनी पड़ी.
मामले में बसंतपुर पुलिस की मदद लेने के बाद घोड़ी का सैंपल लिया गया जिसे, रोग अन्वेषण प्रयोगशाला भेजा गया. जांच के बाद सैंपल पॉजिटिव पाया गया है.
अटल आवास में रखी संक्रमित घोड़ी
ग्लैंडर्स संक्रमण की शिकार घोड़ी के मालिक सुल्तान खान ने बड़ी ही चालाकी से संक्रमण के खतरे को नजरअंदाज करते हुए, उसे अटल आवास के 13 नंबर ब्लॉक के एक कमरे में रखा था.