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पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों ने बढ़ाई महंगाई, लोग परेशान

छत्तीसगढ़ में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का असर दिखने लगा है. बता दें कि प्रदेश में खाद्य सामग्रियों के दाम धीरे-धीरे बढ़ने लगे हैं.

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राजनांदगांव में बढ़े खाद्य सामग्रियों के दाम
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Published : Jul 20, 2020, 5:27 PM IST

Updated : Jul 20, 2020, 7:36 PM IST

राजनांदगांव/खैरागढ़: कोरोना पॉजिटिव मरीजों के स्वस्थ होकर डिस्चार्ज होने के बाद शहर को अनलॉक कर दिया गया है. वहीं शहर में अनलॉक होने के साथ महंगाई भी बढ़ने लगी है. धीरे-धीरे खाद्य सामग्रियों की कीमतों में इजाफा हो रहा है. क्योंकि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से माल भाड़ा बढ़ गया है और महंगाई में आग लग गई है.

छत्तीसगढ़ में खाद्य सामग्रियों के बढ़े दाम

वहीं लॉकडाउन की वजह से बहुत से उत्पादों की आवक भी कम हो गई है. यहीं वजह है कि चीजों के दाम में बढ़ोत्तरी हो रही है. बताया जा रहा है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि से मालभाड़े में करीब आठ फीसदी तक का इजाफा हो गया है. वहीं बाहरी राज्यों से आयात होने वाली खाद्य सामग्रियों की सप्लाई भी प्रभावित होने लगी है.

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खाद्य सामग्रियों के दाम

दाल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि

दूसरे राज्यों से खाद्य सामग्रियों की सप्लाई प्रभावित होने के कारण अरहर दाल में भी महंगाई का तड़का लग गया है. अरहर दाल की कीमत में 10 से 15 रुपये किलो का इजाफा हुआ है. बताया जा रहा है कि अरहर दाल की थोक कीमत 7000 से 8000 रुपये प्रति क्विंटल है. जबकि चिल्हर में अरहर दाल 90 से 95 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. वहीं लॉकडाउन से पहले दाल की कीमतें कम थी.

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पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों ने बढ़ाई महंगाई

चीनी का स्वाद हुआ फीका

कोरोना के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन ने शक्कर की मिठास को भी कम कर दिया है. शक्कर की कीमतें थोक में 3600-3700 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है. जबकि चिल्हर में शक्कर 45 रुपये किलो के पार बिक रही है. वर्तमान समय में शक्कर की कीमत में करीब 5 रूपये की बढ़ोत्तरी हुई है. जबकि ग्रामीण इलाकों में 10 रूपये बढ़ाकर ही बेच जा रहा है.

टमाटर भी हुआ महंगा

बरसाती सीजन में लोकल बाड़ी से निकलने वाला टमाटर गायब हो चुका है. टमाटर की खेती करने वाले किसानों ने नई फसल के लिए पौधे लगाए है. वहीं उन्हें मार्केट तक पहुंचने के लिए अभी काफी समय है. यहीं वजह है कि शहर में बाहरी राज्यों से आयात हुए टमाटर की मांग बढ़ गई है. इस वजह से मंडी में टमाटर के दाम 1000 से 1100 रूपये कैरेट तक बिक रहे हैं. जबकि चिल्हर में टमाटर 70 से 80 रूपये प्रति किलो बिक रहा है.

पढ़ें: SPECIAL: महंगी हुई थाली, टमाटर के बाद मिर्च हुई और तीखी

लहसुन के भी बढ़े दाम

छत्तीसगढ़ में लहसुन की आवक मुख्य रूप से मालवा क्षेत्र से होती है. वर्तमान में लहसुन की पुरानी फसल खत्म होने वाली है. इस वजह से आवक भी कमजोर हो गया है. वहीं आवक में कमी आने की वजह से कीमत में वृद्धि हुई है. लहसुन अब थोक में 90 रुपये किलो बिक रहा है. जबकि चिल्हर में लहसुन के दाम 120 रूपये प्रति किलो हो गए हैं.

राजनांदगांव/खैरागढ़: कोरोना पॉजिटिव मरीजों के स्वस्थ होकर डिस्चार्ज होने के बाद शहर को अनलॉक कर दिया गया है. वहीं शहर में अनलॉक होने के साथ महंगाई भी बढ़ने लगी है. धीरे-धीरे खाद्य सामग्रियों की कीमतों में इजाफा हो रहा है. क्योंकि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से माल भाड़ा बढ़ गया है और महंगाई में आग लग गई है.

छत्तीसगढ़ में खाद्य सामग्रियों के बढ़े दाम

वहीं लॉकडाउन की वजह से बहुत से उत्पादों की आवक भी कम हो गई है. यहीं वजह है कि चीजों के दाम में बढ़ोत्तरी हो रही है. बताया जा रहा है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि से मालभाड़े में करीब आठ फीसदी तक का इजाफा हो गया है. वहीं बाहरी राज्यों से आयात होने वाली खाद्य सामग्रियों की सप्लाई भी प्रभावित होने लगी है.

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खाद्य सामग्रियों के दाम

दाल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि

दूसरे राज्यों से खाद्य सामग्रियों की सप्लाई प्रभावित होने के कारण अरहर दाल में भी महंगाई का तड़का लग गया है. अरहर दाल की कीमत में 10 से 15 रुपये किलो का इजाफा हुआ है. बताया जा रहा है कि अरहर दाल की थोक कीमत 7000 से 8000 रुपये प्रति क्विंटल है. जबकि चिल्हर में अरहर दाल 90 से 95 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. वहीं लॉकडाउन से पहले दाल की कीमतें कम थी.

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पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों ने बढ़ाई महंगाई

चीनी का स्वाद हुआ फीका

कोरोना के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन ने शक्कर की मिठास को भी कम कर दिया है. शक्कर की कीमतें थोक में 3600-3700 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है. जबकि चिल्हर में शक्कर 45 रुपये किलो के पार बिक रही है. वर्तमान समय में शक्कर की कीमत में करीब 5 रूपये की बढ़ोत्तरी हुई है. जबकि ग्रामीण इलाकों में 10 रूपये बढ़ाकर ही बेच जा रहा है.

टमाटर भी हुआ महंगा

बरसाती सीजन में लोकल बाड़ी से निकलने वाला टमाटर गायब हो चुका है. टमाटर की खेती करने वाले किसानों ने नई फसल के लिए पौधे लगाए है. वहीं उन्हें मार्केट तक पहुंचने के लिए अभी काफी समय है. यहीं वजह है कि शहर में बाहरी राज्यों से आयात हुए टमाटर की मांग बढ़ गई है. इस वजह से मंडी में टमाटर के दाम 1000 से 1100 रूपये कैरेट तक बिक रहे हैं. जबकि चिल्हर में टमाटर 70 से 80 रूपये प्रति किलो बिक रहा है.

पढ़ें: SPECIAL: महंगी हुई थाली, टमाटर के बाद मिर्च हुई और तीखी

लहसुन के भी बढ़े दाम

छत्तीसगढ़ में लहसुन की आवक मुख्य रूप से मालवा क्षेत्र से होती है. वर्तमान में लहसुन की पुरानी फसल खत्म होने वाली है. इस वजह से आवक भी कमजोर हो गया है. वहीं आवक में कमी आने की वजह से कीमत में वृद्धि हुई है. लहसुन अब थोक में 90 रुपये किलो बिक रहा है. जबकि चिल्हर में लहसुन के दाम 120 रूपये प्रति किलो हो गए हैं.

Last Updated : Jul 20, 2020, 7:36 PM IST
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